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12वीं पास शंकर और ग्रेजुएट राजन अचानक बनना चाहते थे अमीर

दिल्ली में इलाहाबाद बैंक के विभिन्न स्थानों पर लगे एटीएम से करीब 1.7 करोड़ रुपये का गबन करके आरोपित लग्जरी कार और मकान खरीदना चाहते थे।

By Edited By: Updated: Mon, 03 Sep 2018 10:07 AM (IST)
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12वीं पास शंकर और ग्रेजुएट राजन अचानक बनना चाहते थे अमीर
नोएडा (जेएनएन)। दिल्ली में इलाहाबाद बैंक के विभिन्न स्थानों पर लगे एटीएम से करीब 1.7 करोड़ रुपये का गबन करके आरोपित लग्जरी कार और मकान खरीदना चाहते थे। मास्टर माइंड राजन भारद्वाज ने फरीदाबाद में होंडा सिटी कार भी बुक करा दी थी, जबकि उसका सहयोगी शंकर झा दिल्ली में फ्लैट की तलाश कर रहा था। मास्टर माइंड राजन बीए पास है, जबकि शंकर 12वीं पास है।

करीब दो महीने से वे फरार आरोपित अजीत सिंह के साथ एटीएम में कैश लोड करने दौरान जंपिंग और डी-कोड के जरिये रोजाना दो से चार लाख रुपये निकाल रहे थे। सेक्टर 24 कोतवाली पुलिस ने शनिवार रात करीब 10.35 बजे सेक्टर 11 स्थित वीडियोकॉन चौराहे से राजन निवासी फरीदाबाद और शंकर झा निवासी गोविंदपुरी दिल्ली को गिरफ्तार करके मामले का पर्दाफाश कर दिया है। आरोपितों से 19.75 लाख रुपये बरामद हुए हैं।

प्रशिक्षण के दौरान ही पैसे उड़ाने का आया था आइडिया
सेक्टर 11 स्थित लॉजीकैश सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में आरोपित राजन भारद्वाज और शंकर झा कस्टेडियन ऑफिसर थे। यहां छह माह से शंकर और करीब एक साल से राजन नौकरी कर रहा था। लॉजीकैश कंपनी के पास दिल्ली के करीब 24 एटीएम में कैश भरने का कांट्रेक्ट है। इनमें से प्रतिदिन करीब 15 एटीएम में कैश डाला जाता है। राजन और शंकर ही अजीत सिंह के साथ एटीएम में पैसे डालने जाते थे। इन्हें कंपनी से एटीएम के कोड वर्ड व पासवर्ड मिले थे। आरोपितों को प्रशिक्षण देकर एटीएम में कैश डालने व निकालने की तकनीकी जानकारी दी गई थी। प्रशिक्षण के दौरान ही इनके मन में पैसे उड़ाने का लालच आया था।

जंपिंग व डी-कोड करके निकालते थे रुपये
सेक्टर 24 कोतवाली प्रभारी पंकज पंत ने बताया कि आरोपित एटीएम मशीनों को जंपिंग और डी-कोड करके पैसे निकालते थे। आरोपित एटीएम के कोड वर्ड व पासवर्ड की मदद से पहले एटीएम मशीन में कैश डालते थे और इसकी पर्ची निकाल लेते थे। इससे पता चलता था कि आरोपितों ने पूरा कैश एटीएम में डाल दिया है। इसके बाद एटीएम को जम्प व डी-कोड करके दो से चार लाख निकाल लेते थे। इस कैश को आपस में बांट लेते थे और पर्ची को कंपनी में जमा कर देते थे। आरोपितों ने दिल्ली के हरिनगर एक्सटेंशन, बदरपुर, साकेत, कालकाजी और नेहरू प्लेस स्थित एटीएम से सबसे अधिक कैश निकाला है।

लॉजीकैश कंपनी व बैंक के कर्मचारी भी घेरे में पुलिस का कहना है कि बैंक हर महीने कैश का ऑडिट करता है। एचआर विभाग को पहले महीने ही इस धोखाधड़ी को पकड़ लेना चाहिये था, लेकिन दो महीने तक इसे पकड़ा नहीं जा सका। इसके अलावा लॉजीकैश कंपनी के कर्मचारियों पर भी मिलीभगत का शक है। इन सभी से पूछताछ की जायेगी। आरोपितों ने भी बैंक प्रबंधन पर एटीएम में कैश जमा करने व निकालने की निगरानी करने में लापरवाही बरतने का दावा किया है।

अरुण कुमार सिंह (एसपी सिटी, नोएडा) का कहना है कि सेक्टर 24 कोतवाली में एटीएम से 1.7 करोड़ रुपये निकाल कर धोखाधड़ी करने की रिपोर्ट दर्ज हुई थी। यह आरोप कस्टेडियन अधिकारियों पर लगा था। दो आरोपितों को गिरफ्तार करके पूछताछ की गई, तो आरोपितों ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया। इस धोखाधड़ी में लॉजिकैश कंपनी व बैंक के कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। 

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