जानिये- कैसे BJP के निगम पार्षद खोलेंगे केजरीवाल सरकार की पोल
सूत्रों के अनुसार, अगले कुछ दिनों में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी पार्टी के सभी पार्षदों के साथ चाय पर चर्चा करेंगे। उनके साथ प्रदेश के अन्य पदाधिकारी भी शामिल होंगे।
By Edited By: Updated: Tue, 04 Sep 2018 02:46 PM (IST)
नई दिल्ली (संतोष कुमार सिंह)। अरविंद केजरीवाल सरकार की राह मुश्किल करने के लिए भाजपा ने अपने पार्षदों को आगे करने का फैसला किया है। पार्षद जनता के बीच जाकर सरकार की पोल खोलेंगे। वह लोगों को बताएंगे कि किस तरह से आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की टकराव पूर्ण राजनीति से दिल्ली को नुकसान उठाना पड़ रहा है। विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान आप द्वारा किए गए वादों और उसकी हकीकत भी बताई जाएगी। लोकसभा चुनाव नजदीक है। भाजपा के सामने जहां दिल्ली की सभी सातों सीटों पर कब्जा बरकरार रखने की चुनौती है। वहीं, आप सरकार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर काम नहीं करने देने का आरोप लगाकर उसकी परेशानी बढ़ा रही है।
मुख्यतया राज्य सरकार से जुड़ी जलभराव व अन्य समस्याओं के लिए नगर निगमों को जिम्मेदार ठहराकर वह सियासी बढ़त हासिल करना चाहती है। भाजपा का मानना है कि केजरीवाल को लगता है कि केंद्र सरकार व निगमों पर दोष मढ़कर वह अपनी नाकामियों को छिपा लेंगे, लेकिन ऐसा होने नहीं दिया जाएगा। पार्टी सूत्र बताते हैं कि इस सरकार की हकीकत बताने के लिए पार्टी लोगों के बीच जाएगी और यह काम भाजपा अपने पार्षदों को सौंपेगी।
सूत्रों के अनुसार, अगले कुछ दिनों में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी पार्टी के सभी पार्षदों के साथ चाय पर चर्चा करेंगे। उनके साथ प्रदेश के अन्य पदाधिकारी भी शामिल होंगे। दरअसल, पार्षद जनता के बीच रहते हैं। लोग अपनी समस्याएं लेकर उनके पास पहुंचते हैं। ऐसे में पार्टी उनके माध्यम से लोगों के बीच अपनी बात आसानी से पहुंचा सकती है, इसलिए उन्हें यह जिम्मेदारी दी जा रही है।
भाजपा नेताओं के अनुसार, दिल्ली सरकार नगर निगमों को फंड नहीं देकर सियासी लाभ उठाना चाहती है। उसे लगता है कि फंड के अभाव में निगम सफाई सहित अन्य जरूरी काम ठीक ढंग से नहीं कर सकेंगी, जिससे लोगों में नाराजगी बढ़ेगी और इसका सियासी लाभ आम आदमी पार्टी को मिलेगा। इसीलिए वह नगर निगमों को वित्तीय रूप से पंगु बनाने की साजिश रच रही है।
चौथे वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार, आजतक निगमों को राज्य सरकार ने फंड नहीं दिया है। पिछले साढ़े तीन वर्षों में निगमों के महापौर कई बार मुख्यमंत्री से फंड देने की गुहार लगा चुके हैं। पार्टी के नेता आरोप लगाते रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवासियों के साथ वादाखिलाफी की है। लोगों के साथ जो वादे किए थे, वे पूरे नहीं हुए हैं। दिल्ली में लोग भूख से मर रहे हैं। गरीबों को राशन नहीं मिल रहा है।
बिजली-पानी के मुद्दे पर गरीबों से वोट हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी के राज्य में पानी के लिए हत्याएं हो रही हैं। सार्वजनिक परिवहन प्रणाली बदहाल हो गई है। स्कूलों में पढ़ाई का स्तर गिरता जा रहा है। महिला सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। काम करने के बजाय सरकार सिर्फ केंद्र सरकार, राजनिवास और अधिकारियों पर बेबुनियाद आरोप लगाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। इसे देखते हुए जनता को सच्चाई बताना और केजरीवाल के झूठ से पर्दा उठाना जरूरी है।
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