बारिश का कहरः दिल्ली के करीब ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के धंसने का खतरा
बताया जा रहा है कि एक दो दिन तेज बारिश हुई तो एक्सप्रेस-वे के नीचे से भी मिट्टी का कटान होने लगेगा। जल्द इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो मार्ग धंस भी सकता है।
By JP YadavEdited By: Updated: Tue, 04 Sep 2018 02:48 PM (IST)
नई दिल्ली/बागपत (जेएनएन)। बारिश के चलते ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के किनारे डाली गई मिट्टी का लगातार कटान हो रहा है। इसके चलते एक्सप्रेस-वे के धंसने का खतरा भी पैदा हो गया है। ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर डाली गई मिट्टी कटकर आसपास के खेतों में भी पहुंच रही है। हाल में कई दिनों से हो रही तेज बारिश के कारण सरफाबाद के पास एक्सप्रेस-वे पर पानी की निकासी को बनाई नाली के पास से मिट्टी कटान मार्ग के नीचे तक जा पहुंचा है।
बताया जा रहा है कि एक दो दिन तेज बारिश हुई तो एक्सप्रेस-वे के नीचे से भी मिट्टी का कटान होने लगेगा। जल्द इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो मार्ग धंस भी सकता है। चालकों ने भी टोल कर्मचारियों को इसकी जानकारी दी है। एनएचएआइ के जीएम विपुल गुप्ता का कहना है कि निर्माण कंपनी से कटान रोकने को पुख्ता व्यवस्था कराई जाएगी। यहां पर बता दें कि उत्तर प्रदेश-हरियाणा की राह आसान करने करने वाले 135 किलोमीटर लंबे छह लेने के ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर वाहनों का आवागमन जून महीने से शुरू हो चुका है। इसके बाद घंटों की दूरी मिनटों में सिमट रही है। दिल्ली का जाम परेशानी का सबब नहीं बन रहा है, बल्कि लोग निर्बाध रूप से गंतव्य तक पहुंच रहे हैं। यूपी-हरियाणा के साथ एक्सप्रेस-वे से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रगति का नया द्वार खुला है।
गौतमबुद्ध नगर में 41 किमी लंबा है एक्सप्रेस-वेईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे की लंबाई 135 किमी है। यह यूपी के बागपत, गाजियाबाद व गौतमबुद्ध नगर तथा हरियाणा के सोनीपत व पलवल जिलों से होकर गुजर रहा है।
120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहीं गाड़ियां
ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की रफ्तार 120 किमी प्रति घंटा तय की गई है। यह किसी भी राजमार्ग व एक्सप्रेस-वे पर अब तक की सबसे अधिक गति सीमा है। कुंडली से पलवल तक करीब सवा घंटे में दूरी तय हो रही है। ग्रेटर नोएडा से बिना दिल्ली में प्रवेश किए सोनीपत, बागपत, गाजियाबाद व पलवल पहुंच रहे हैं। ग्रेटर नोएडा से इन शहरों की दूरी अधिकतम आधा घंटे में तय हो रही है। मेरठ, फरीदाबाद, हरिद्वार, गुड़गांव समेत अन्य शहरों को जाने वाले लोगों के समय व ईंधन की काफी बचत हो रही है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
एक्सप्रेस-वे पर वाहन चालकों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। लाइट के अलावा एक्सप्रेस-वे पर छह एंबुलेंस, छह क्रेन व छह मोबाइल वैन तैनात रहेंगी। मोबाइल वैन की संख्या बढ़ाने के लिए एनएचएआइ प्रदेश सरकार से सहयोग लेगी। एक्सप्रेस-वे पर मेटल क्रश बैरियर लगाए गए हैं। नींद की वजह से होने वाले हादसों को रोकने के लिए हर पांच किमी पर स्ट्रिप सेंसर लगाए गए हैं। मौसम व कोहरे की जानकारी देने की सुविधा है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की रफ्तार 120 किमी प्रति घंटा तय की गई है। यह किसी भी राजमार्ग व एक्सप्रेस-वे पर अब तक की सबसे अधिक गति सीमा है। कुंडली से पलवल तक करीब सवा घंटे में दूरी तय हो रही है। ग्रेटर नोएडा से बिना दिल्ली में प्रवेश किए सोनीपत, बागपत, गाजियाबाद व पलवल पहुंच रहे हैं। ग्रेटर नोएडा से इन शहरों की दूरी अधिकतम आधा घंटे में तय हो रही है। मेरठ, फरीदाबाद, हरिद्वार, गुड़गांव समेत अन्य शहरों को जाने वाले लोगों के समय व ईंधन की काफी बचत हो रही है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
एक्सप्रेस-वे पर वाहन चालकों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। लाइट के अलावा एक्सप्रेस-वे पर छह एंबुलेंस, छह क्रेन व छह मोबाइल वैन तैनात रहेंगी। मोबाइल वैन की संख्या बढ़ाने के लिए एनएचएआइ प्रदेश सरकार से सहयोग लेगी। एक्सप्रेस-वे पर मेटल क्रश बैरियर लगाए गए हैं। नींद की वजह से होने वाले हादसों को रोकने के लिए हर पांच किमी पर स्ट्रिप सेंसर लगाए गए हैं। मौसम व कोहरे की जानकारी देने की सुविधा है।