लापता छात्र नजीब का नहीं मिला सुराग, मां ने किया सीबीआइ की क्लोजर रिपोर्ट का विरोध
जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। नजीब की मां ने सीबीआइ द्वारा दायर की गई स्टेटस रिपोर्ट और इस मामले की दोबारा जांच की मांग की है।
By Amit MishraEdited By: Updated: Tue, 04 Sep 2018 09:49 PM (IST)
नई दिल्ली [जेएनएन]। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) से लापता हुए छात्र नजीब अहमद के मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने संबंधी सीबीआइ के बयान का नजीब की मां फातिमा नफीस ने विरोध किया है। दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान फातिमा ने आरोप लगाया कि सीबीआइ ने न तो पूरी कोशिश की और न ही सही तरीके से मामले की जांच की। हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
जांच पर सवाल फातिमा ने नजीब अहमद की तलाश की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब मामला अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं से जुड़ा हो तो सीबीआइ से निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती। यह राजनीतिक मामला है और आशंका थी कि केंद्र सरकार आरोपियों का बचाव करेगी, जोकि सही साबित हुई। आरोप लगाया कि सीबीआइ ने दबाव के आगे घुटने टेक दिए और सही तरीके से जांच नहीं की। सवाल किया कि आखिर सीबीआइ ने आरोपियों को हिरासत में लेकर जांच क्यों नहीं की।
जांच पूरी कर ली गई हैसीबीआइ की तरफ से वकील निखिल गोयल ने कहा कि जांच पूरी कर ली गई है और जांच एजेंसी क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करना चाहती है। हम निचली अदालत के बजाय सुप्रीम कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करना चाहते हैं। कोर्ट याचिका का बुधवार को निस्तारण कर सकती है और इसके बाद वह क्लोजर रिपोर्ट मजिस्ट्रेट के सामने पेश करेंगे, जहां याचिकाकर्ता एक चुनौती याचिका दाखिल कर सकती हैं।
मामला हाईप्रोफाइल है
नजीब की मां के वकील कोलिन गोंसाल्वे ने दलील दी कि सीबीआइ ने किसी आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ नहीं की। इस पर सीबीआइ के वकील ने कहा कि यह जांच एजेंसी का निर्णय है कि वह किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करे या नहीं। यह अनुमानित तौर पर कहा जा सकता है कि मामला हाईप्रोफाइल है। यह अपहरण या हत्या का केस है। जांच एजेंसी ने मामले में चश्मदीद व वार्डन का बयान भी प्रगति रिपोर्ट में दिया है।एसआइटी गठन का आदेश नहीं देंगे
याचिकाकर्ता ने मामले की स्वतंत्र जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआइटी) गठित करने की मांग की। इस पर पीठ ने उनके वकील से पूछा कि आप लिखित में बताएं कि अन्य मामलों में अदालत द्वारा गठित ऐसी कमेटी का कानूनी स्टेटस क्या है। हम ऐसे ही एसआइटी गठन का आदेश नहीं देंगे।यह है मामला
जेएनयू के एमएससी बॉयोटेक्नोलॉली के छात्र नजीब अहमद का 14 अक्टूबर 2016 को माही मांडवी हॉस्टल में कुछ छात्रों से विवाद हुआ था और 15 अक्टूबर से नजीब लापता है। जांच में कुछ सामने नहीं आने पर नजीब की मां हाई कोर्ट पहुंची थीं। कोर्ट के आदेश पर 600 पुलिसकर्मियों की टीम ने जेएनयू परिसर के हॉस्टल से लेकर जंगल क्षेत्र तक में तलाशी ली थी। छह महीने तक नजीब का कोई सुराग न मिलने पर परिजनों की मांग पर कोर्ट ने 16 मई 2017 को जांच सीबीआइ को सौंप दी थी।
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