जन्माष्टमी से पहले क्लास रूम में बंद हुआ था नर्सरी का बच्चा, अब सामने आया मामला
छुट्टी होने पर सभी बच्चे और स्टाफ अपने अपने घर चले गए। इसके बाद चपरासी ने सभी कमरों और स्कूल का मेन दरवाजा बंद कर ताला लगा दिया।
By Edited By: Updated: Wed, 05 Sep 2018 01:01 PM (IST)
गाजियाबाद (जेएनएन)। स्कूलों में लापरवाही के आपने कई मामले देखे और सुने होंगे। लेकिन स्कूल प्रबंधन की इस तरह की लापरवाही का मामला शायद ही आपने कभी सुना होगा। वीकेंड और जन्माष्टमी की छुट्टी से ठीक पहले नर्सरी क्लास का एक बच्चा स्कूल में बंद हो गया था। उसके माता-पिता की सूझबूझ से उसकी जान बच गई। छुट्टियों के बाद मंगलवार को स्कूल खुला तो मामला सामने आया। अब उसके माता-पिता ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ पुलिस में शिकायत दी है।
स्कूल की लापरवाही की ये वारदात मोदीनगर स्थित सीकरी कलां गांव के एक निजी स्कूल में हुई थी। गांव का ही चार साल का बच्चा विहान स्कूल में नर्सरी क्लास में पढ़ता है। बच्चा स्टाफ की भूल के कारण शनिवार को क्लास रूम में बंद हो गया था। जब काफी देर तक वह घर नहीं पहुंचा तो उसके परिजन की चिंता बढ़ने लगी। परिजन ने तुरंत अपने बच्चे की तलाश शुरू की, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। परिजन ने स्कूल प्रबंधन से भी अपने बच्चे के बारे में पूछा, लेकिन स्कूल ने भी उसके बारे में कोई जानकारी होने से इनकार कर दिया।
इस पर बच्चे के माता-पिता ने स्कूल पहुंचकर प्रबंधन को स्कूल खुलवाने को कहा। प्रबंधन के आदेश पर करीब दो घंटे बाद स्कूल खोला गया। इसके बाद माता-पिता उस नर्सरी कक्षा में पहुंचे जिसमें उनका बच्चा बढ़ता था। उन्होंने उस क्लास रूम को खुलावाया तो उनका बच्चा क्लास रूम में ही सीट पर सोता मिला। बच्चे को सीट पर सोता देख परिजन के होश उड़ गए। हालांकि बच्चा सही-सलामत था।उस वक्त परिजन बच्चे को लेकर स्कूल से वापस घर लौट आए। इसके बाद स्कूल में रविवार की और सोमवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की छुट्टी थी। मंगलवार को दो दिन बाद स्कूल खुला तो बच्चे के परिजन काफी संख्या में अभिभावकों और आसपास के लोगों के साथ स्कूल पहुंच गए। स्कूलमें इन लोगों ने प्रबंधन की लापरवाही को लेकर जमकर हंगामा किया। इसके बाद बच्चे के परिजन ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। पुलिस ने उनकी शिकायत पर कार्रवाई का भरोसा दिया है।
विहान के माता-पिता ने बताया कि शनिवार को स्कूल की छुट्टी से कुछ देर पहले उनका बेटा क्लास में सो गया था। छुट्टी होने पर सभी बच्चे और स्टाफ अपने अपने घर चले गए। इसके बाद चपरासी ने सभी कमरों और स्कूल का मेन दरवाजा बंद कर ताला लगा दिया। छुट्टी होने के डेढ़ घंटे बाद भी जब विहान घर नहीं पहुंचा तो परिजनों की चिंता बढ़ गई। उन्होंने आसपास में उसकी तलाश की। उसके साथ स्कूल जाने वाले बच्चों से पूछा।शक होने पर उन्होंने स्कूल संचालक को फोन किया और स्कूल का ताला खुलवाकर देखा तो बच्चा अंदर सो रहा था। करीब दो घंटे तक बच्चा अंदर बंद रहा। परिजन का कहना है कि समय रहते बच्चे को तलाश लिया गया, अन्यथा बहुत बड़ी घटना हो सकती थी। ये सरासर स्कूल प्रबंधन की लापरवाही है। स्कूल स्टाफ और चपरासी की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह छोटे बच्चों की क्लास की बारीकी से जांच करने के बाद ही बंद करें।