तंदूर को कोयले से इलेक्ट्रिक में परिवर्तित करने पर मिलेगी 50 फीसद सब्सिडी
राज्य ब्यूरो,नई दिल्ली : दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने कोयले से चलने वाले तंदूर को इलेक्ट्रिक तंद
By JagranEdited By: Updated: Tue, 04 Sep 2018 09:23 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली :
दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने कोयले से चलने वाले तंदूर को इलेक्ट्रिक तंदूर में बदलने और उद्योगों को पाइप नेचुरल गैस (पीएनजी) से संचालित करने के लिए सब्सिडी देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में पर्यावरण विभाग द्वारा प्रस्तुत किए गए इन दोनों प्रस्तावों को हरी झडी दी गई। कोयले से चलने वाले तंदूर को इलेक्ट्रिक और गैस तंदूर में बदलने के लिए रेस्त्रा मालिकों को नए तंदूर की कीमत की 50 फीसद सब्सिडी या अधिकतम पाच हजार रुपये दिए जाएंगे। हालाकि 50 फीसद सब्सिडी या पाच हजार रुपये में से जो कम होगा वह रेस्त्रा मालिक को मिलेगा। इसके लिए रेस्त्रा या ढाबा मालिक को डीपीसीसी के पास आवेदन करना होगा। डीपीसीसी अपने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) के तहत इन आवेदनों की जांच करेगा। इसके बाद सब्सिडी की रकम दी जाएगी। हालाकि यह सब्सिडी उन्हीं रेस्त्रा, होटल या ढाबे मालिकों को दी जाएगी जो डीपीसीसी के वाटर एंड एयर एक्ट के तहत जारी लाइसेंस के तहत संचालित हो रहे हैं। वहीं दूसरे निर्णय के अनुसार राजधानी में चल रहे उद्योगों को पीएनजी से संचालित करने पर 50 हजार और एक लाख की सब्सिडी मिलेगी। एक अधिकारी ने बताया कि इन्द्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) द्वारा तय की गई परिभाषा के अनुसार दिल्ली में स्वीकृत औद्योगिक क्षेत्र और पुनर्विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में पीएनजी पर चलने वाली फैक्ट्रियों को यह सब्सिडी मिलेगी। छोटी फैक्ट्रियों को 50 हजार और बड़ी फैक्ट्रियों को एक लाख रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि जिन फैक्ट्रियों ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (डीपीसीसी) द्वारा दिए गए निदर्ेंशों का अनुपालन करते हुए पीएनजी के कनेक्शन लिए होंगे, उन्हें ही यह सब्सिडी मिलेगी। सरकारी आकड़ों के अनुसार दिल्ली में ऐसे 9 हजार होटल, ढाबे या रेस्त्रा हैं, जिनमें कोयले वाले तंदूर का इस्तेमाल होता है।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।