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सरकारी परियोजना से शुरू हुआ स्वच्छता अभियान बना जन आंदोलन : हरदीप सिंह पुरी

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : केंद्रीय शहरी विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि सरकारी परियोजना से शुरू हुआ स्वच्छता अभियान बना जन आंदोलन।

By JagranEdited By: Updated: Tue, 04 Sep 2018 10:58 PM (IST)
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सरकारी परियोजना से शुरू हुआ स्वच्छता अभियान बना जन आंदोलन : हरदीप सिंह पुरी

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : केंद्रीय शहरी विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) की कार्यशाला 'स्वच्छता सर्वेक्षण-2019' का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि जो स्वच्छ भारत मिशन सरकारी परियोजना के रूप में शुरू किया गया था आज उसने जन आंदोलन का रूप ले लिया है और यह दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। वर्ष 2019 के अंत तक देश के सभी नगर निकायों को पांच लाख सामुदायिक और 67 लाख घरेलू शौचालय बनाने का लक्ष्य भी पूरा करना होगा।

पुरी ने कहा कि खुले में शौच की बुरी आदत से मुक्ति पाने के लिए ग्रामीण ही नहीं शहरी क्षेत्र के जनसाधारण की मानसिकता में भी बदलाव लाने की जरूरत है। शौचालयों के निर्माण के लक्ष्य को पूरा करने के साथ-साथ वैज्ञानिक तरीके से ठोस कूड़ा प्रबंधन की दिशा में भी प्रयास करना होगा। स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 में तीन लाख तक की आबादी वाले शहरों में एनडीएमसी ने पहला स्थान हासिल किया है और पूरे देश में चौथे पायदान पर रहा था। आशा है कि अगले वर्ष के स्वच्छता सर्वेक्षण में एनडीएमसी पहला स्थान प्राप्त करेगी।

नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र की सांसद मीनाक्षी लेखी ने रोजमर्रा के कार्यो में कम से कम प्लास्टिक का उपयोग करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि रिसाइकिल करने के बाद प्लास्टिक का फिर से उपयोग हो सके। स्वच्छ भारत मिशन के निदेशक वीके जिंदल ने बताया कि वर्ष 2019 के अंत तक देश खुले में शौच से मुक्त हो जाएगा। वर्ष 2016 में जहां 73 शहरों में कूड़े के प्रबंधन के लिए वैज्ञानिक तरीके अपनाये जा रहे थे, वहीं वर्ष 2018 में 4203 शहरों में इसकी शुरुआत हो चुकी है और 2019 के अंत तक देश के सभी शहरों और नगर निकायों में इसी तरह कूड़े का प्रबंधन किया जाएगा।

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