खतरे में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM की मान्यता, दिल्ली HC पहुंचा मामला
दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि आरपी एक्ट की धारा 123 धार्मिक अपील के ज़रिये वोट मांगने को प्रतिबंधित करती है। ऐसे में यदि AIMIM का आधार ही सांप्रदायिक है।
By JP YadavEdited By: Updated: Wed, 05 Sep 2018 05:28 PM (IST)
नई दिल्ली (जेएनएन)। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानी एआईएमआईएम के मुखिया और सांसद असदुद्दीन ओवैसी चर्चा में हैं। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की संयुक्त राजधानी हैदराबाद सीट से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी (मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममेन) AIMIM का रजिस्ट्रेशन खतरे में पड़ सकता है। दरअसल, AIMIM का रजिस्ट्रेशन रद करने की मांग को लेकर एक याचिका दिल्ली हाई कोर्ट में दायर की गई है। इस याचिका पर बुधवार को कोर्ट में सुनवाई हुई, हालांकि अब हाई कोर्ट इस मामले पर अगले हफ्ते सुनवाई करेगा।
याचिका में कहा गया है कि आरपी एक्ट की धारा 123 धार्मिक अपील के ज़रिये वोट मांगने को प्रतिबंधित करती है। ऐसे में यदि AIMIM का आधार ही सांप्रदायिक है, तो वह धर्मनिरपेक्ष नहीं रह सकती और निश्चित रूप से मुक्त तथा निष्पक्ष चुनाव को बाधित करेगी। याचिका में आरोप लगाया गया है कि वह सिर्फ मुस्लिमों से संबंधित मुद्दे को उठाती है और धर्म के नाम पर वोट मांगती है।
बता दें कि शिवसेना की तेलंगाना इकाई के अध्यक्ष तिरुपति नरसिंह मुरारी द्वारा दायर याचिका में चुनाव आयोग के 19 जून 2014 के आदेश को निरस्त करने की मांग की गई है, जिसके जरिये ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन को तेलंगाना के राज्यस्तरीय दल की मान्यता दी गई थी।
अधिवक्ता हरिशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन द्वारा दायर याचिका में चुनाव आयोग को एआईएमआईएम को पंजीकृत राजनीतिक दल के तौर पर मान्यता देने और मानने से रोकने का निर्देश देने की मांग की गई है।
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