DUSU चुनाव 2018: अध्यक्ष पद के लिए 24 समेत कुल 101 नामांकन भरे गए
डूसू चुनाव में उपाध्यक्ष के लिए 23, सचिव के लिए 29 और संयुक्त सचिव के लिए 25 ने नामांकन भरा है। कई उम्मीदवारों ने चारों पद पर नामांकन किया है।
By Amit SinghEdited By: Updated: Wed, 05 Sep 2018 03:37 PM (IST)
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली विश्वविदियालय छात्र संघ (डूसू) चुनावों के मद्देनजर सभी छात्र संगठनों ने सभी पदों के लिए उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया है। भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और कांग्रेस के छात्र संगठन नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) समेत अन्य प्रत्याशियों ने मंगलवार को अंतिम दिन नामांकन कर दिया है। दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन (DUSU) के चुनाव के लिए 12 सितंबर को वोटिंग होगी।
मंगलवार को नामांकन के दौरान डूसू चुनाव समिति कार्यालय पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। पुलिस ने उत्तरी परिसर के छात्र मार्ग पर दोनों ओर बैरिकेड लगा रखे थे। साथ ही कई छात्र संगठनों एवं निर्दलीय उम्मीदवारों ने कैंपस में शक्ति प्रदर्शन किया। नामांकन और शक्ति प्रदर्शन के कारण उत्तरी परिसर की कई सड़कों पर जाम लग गया। डूसू चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए 24, उपाध्यक्ष के लिए 23, सचिव के लिए 29 और संयुक्त सचिव के लिए 25 प्रत्याशियों ने नामांकन भरा है। इस तरह कुल 101 नामांकन किए गए हैं। इनमें से कई उम्मीदवारों ने चारों पदों पर नामांकन किया है।
प्रमुख छात्र संगठनों के पैनल
ABVP की तरफ से अध्यक्ष पद के लिए अंकित बसोया, उपाध्यक्ष पद के लिए शक्ति सिंह, सचिव पद के लिए सुधीर और ज्वाइंट सेक्रेटरी के लिए ज्योति चौधरी चुनाव मैदान में हैं।
NSUI की तरफ से अध्यक्ष पद के लिए सन्नी छिल्लर, उपाध्यक्ष पद के लिए लीना, सचिव के लिए आकाश चौधरी और ज्वाइंट सेक्रेटरी के लिए सौरभ यादव उम्मीदवार होंगे।AISA-CYSS मिलकर लड़ रहे चुनाव
आम आदमी पार्ट की छात्र इकाई CYSS और आइसा मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। AISA के अभिज्ञान ने अध्यक्ष पद के लिए, AISA की अंशिका ने उपाध्यक्ष पद के लिए, CYSS के चन्द्रमणि देव ने सचिव पद के लिए और CYSS के सन्नी तंवर ने ज्वाइंट सेक्रेटरी पद के लिए नामांकन किया है।कई उम्मीदवार अपना नाम लेंगे वापस
डूसू चुनाव समिति की प्रवक्ता पिंकी शर्मा ने कहा कि इस बार बेहतर तरीके से छात्र संगठनों द्वारा चुनाव प्रचार किया जा रहा है। संगठनों ने दीवार को बदरंग न करने के नियम का पालन किया है। बुधवार को कई प्रत्याशी अपना नाम वापस ले सकते हैं।डीयू के लॉ सेंटर के भी हुए नामांकन
डीयू के कैंपस लॉ सेंटर (सीएलसी) के विभिन्न पदों के लिए मंगलवार को नामांकन भरा गया। इसमें अध्यक्ष पद के लिए चार उम्मीदवारों ने नामांकन भरा। सीएलसी के चुनाव के लिए किसी भी संगठन के प्रत्याशी ने नामांकन नहीं भरा है। सभी उम्मीदवार निर्दलीय लड़ रहे हैं।सीएलसी में अध्यक्ष पद के लिए अभिनव कौशिक, शुभम, मनु विधुड़ी और अभिषेक यादव ने नामांकन किया है। वहीं उपाध्यक्ष के लिए दो, सचिव के लिए दो प्रत्याशियों ने पर्चा भरा है। सह सचिव के लिए अभिनाश यादव और केंद्रीय पार्षद (सीसी) के लिए अभिनव सिंह और मनप्रीत निर्विरोध चुन लिए गए हैं। सीएलसी चुनाव 12 सितंबर को होगा। अध्यक्ष पद के उम्मीदवार अभिनव ने चुनाव प्रचार के लिए नया तरीका इस्तेमाल किया है। उन्होंने प्रचार के लिए सूखे पत्तों पर नाम और पद लिखकर छात्रों के बीच अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की है। उन्होंने तीन साल पहले खालसा कॉलेज में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ा था, उस वक्त भी यही प्रयोग किया था।
पिछले वर्ष के फैसलों से मिल रहा लाभदिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के मद्देनजर मंगलवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की ओर से प्रेसवार्ता की गई। इस दौरान एबीवीपी के पदाधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष उनकी ओर से लिए गए फैसलों से विद्यार्थियों को लाभ मिल रहा है।
डूसू की पूर्व सचिव एवं एबीवीपी नेता महामेधा नागर ने कहा कि हमारे संगठन की ओर से सेनेटरी पैड को जीएसटी मुफ्त कराने को देशव्यापी आंदोलन चलाया गया। इसके बाद केंद्र सरकार के सामने यह मांग रखी गई। बाद में पैड को जीएसटी मुफ्त कर दिया गया। इस साल जनवरी में डीयू कुलपति को विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों में सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन लगाने के लिए पत्र लिखा गया। अब तक 56 कॉलेजों में हमारी तरफ से वेंडिंग मशीनें लगवाई जा चुकी हैं। इस दौरान एबीवीपी के दिल्ली प्रदेश मंत्री भरत खटाना, राष्ट्रीय मीडिया संयोजक मोनिका चौधरी, डूसू की पूर्व सचिव महामेधा नागर और सह सचिव उमाशंकर मौजूद रहे।विद्यार्थियों के लिए लीगल सेल किया स्थापितभरत खटाना ने कहा कि एबीवीपी की तरफ से पिछले साल लॉ फैकल्टी में लीगल सेल स्थापित करवाया गया, इसके जरिये विद्यार्थियों को कानूनी सलाह मिल रही है। उन्होंने कहा कि डीयू के लॉ फैकल्टी में पढ़ रहे छात्रों को अपनी कक्षाओं को लेकर काफी दिक्कतें आई थीं, जिसे वह लीगल सेल के पास लेकर गए थे। वहां से सलाह मिलने के बाद उन्होंने कानूनी लड़ाई लड़ी।ये उपलब्धियां गिनाईंकेंद्रीय पुस्तकालय का समय सातों दिन 24 घंटे कराने, विश्वविद्यालय के छात्रवासों में केंद्रीयकृत प्रवेश प्रक्रिया शुरू कराने, छात्रावासों के प्रवेश में अनियमितता जैसे मुद्दों को उठाना। मेट्रो में विद्यार्थियों को रियायती दर पर पास मुहैया कराने और किराया बढ़ने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन। विद्यार्थियों के लिए एक्यूप्रेशर थेरेपी पर संगोष्ठी का आयोजन करवाना। सामाजिक अनुभूति कार्यक्रम शुरू कर विद्यार्थियों को विभिन्न स्लम एरिया की स्थिति से परिचित कराना। इंटर्नशिप कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इसके माध्यम से छात्रों को विभिन्न मंत्रालयों में इंटर्नशिप करने में मदद मिली। संगठन की ओर से यूनिस्टाक एप शुरू कर छात्रों को पाठ्यक्रमों में प्रवेश समेत विश्वविद्यालय से जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध कराना।
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