लड़के पहुंचाएंगे ‘नहीं मींस नो’ का संदेश, दिल्ली से रेप कैपिटल का धब्बा हटाने का प्रयास
कार्यशाला में स्टूडेंट्स को मिशन फाइटबैक के विक्की कपूर ने इजरायली क्राव मेगा सेल्फ डिफेंस तकनीक सिखाई, ताकि स्टूडेंट्स खुद को भी सुरक्षित रख सकें।
By Amit SinghEdited By: Updated: Wed, 05 Sep 2018 06:27 PM (IST)
नई दिल्ली (अंशु सिंह)। कैसे हटाएं दिल्ली से ‘रेप कैपिटल’ का धब्बा? कैसे करें लड़कों को जागरूक और उन्हें बनाएं संवेदनशील? कुछ गलत हो रहा हो या कोई गलत कर रहा हो, तो कैसे सिखाएं ‘नहीं’ कहना? नोएडा में ‘नहीं मींस नो' अभियान के तहत आयोजित वर्कशॉप में स्टूडेंट्स को यौन हिंसा, दुष्कर्म, सुरक्षा और नारी सशक्तिकरण के बारे में जागरूक किया गया। इस दौरान, दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के स्टूडेंस ने जन-जन तक ‘नहीं मींस नो’ का संदेश पहुंचाने की शपथ ली।
दिल्ली पुलिस की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश की राजधानी दिल्ली में हर दिन पांच महिलाएं दुष्कर्म की शिकार होती हैं। रेप के दर्ज मामलों से यह भी पता चलता है कि करीब 90 प्रतिशत से अधिक घटनाओं में आरोपित कोई परिचित ही होता है। इतना ही नहीं, बहुत कम लड़कियां ही अपनी आपबीती सुनाने की हिम्मत रखती हैं। वे गलत को भी खामोशी से स्वीकार कर लेती हैं। गलत होने के बावजूद ‘ना’ नहीं कह पाती हैं।इसी को देखते हुए भारत की शीर्ष लॉजिस्टिक स्किलिंग कंपनी 'सेफ एजुकेट' ने ‘नहीं मींस नो' अभियान को समर्थन देते हुए, देश भर में स्थित अपने लर्निंग सेंटर के 50 हजार स्टूडेंट्स को जागरूक करने का निर्णय लिया है। इसकी शुरुआत नोएडा सेंटर से हुई। 'सेफ एजुकेट' की संस्थापक दिव्या जैन ने बताया कि छोटे शहरों एवं गांवों से काफी संख्या में युवा दिल्ली, मुंबई या अन्य मेट्रो सिटीज में काम के लिए आते हैं। लेकिन यहां की चकाचौंध में अक्सर खुद को अलग-थलग महसूस करने लगते हैं और कई बार गलत रास्ते पर भटक जाते हैं। इसके लिए उन्हें सेंसेटाइज किया जाना चाहिए।
आवाज उठाने का लिया संकल्पकार्यशाला में वेयरहाउस ऑपरेटिंग कोर्स के छात्रों में काफी उत्साह नजर आया। उन्होंने शपथ ली कि वे अपने आसपास होने वाले गलत कार्यों या गतिविधियों पर खामोश नहीं रहेंगे, बल्कि उसके खिलाफ आवाज उठाएंगे। इतना ही नहीं, गोरखपुर, इलाहाबाद और आसपास के क्षेत्रों से आने वाले ग्रामीण युवाओं ने कहा कि वे इस मुद्दे पर समाज को संवेदनशील बनाने का पूरा प्रयास करेंगे। उन्हें बताएंगे कि 'नहीं' कहने का कितना महत्व है? पर्सनल स्पेस क्या होती है? अगर कुछ गलत हो, तो कैसे आवाज उठाएं आदि?
गलत हरकत करने पर पूरे परिवार की जिंदगी प्रभावित होती हैकार्यशाला में स्टूडेंट्स को 'मिशन फाइटबैक' के विक्की कपूर की ओर से इजरायली क्राव मेगा सेल्फ डिफेंस तकनीक भी सिखाई गई, ताकि स्टूडेंट्स खुद को भी सुरक्षित रख सकें। इस मौके पर ‘नहीं मींस नो' अभियान की संगीता बोस टैगोर आनंद ने स्टूडेंट्स को किसी के शरीर पर अधिकार (नहीं कहने का अधिकार), सोशल कंडीशनिंग (सामाजिक अनुकूलन), उत्पीड़न के प्रकार, छेड़छाड़, साइबर उत्पीड़न के अलावा पर्सनल स्पेस, नहीं की ताकत, कानून तोड़ने पर संभावित सजा जैसे विषयों की जानकारी दी। उन्हें बताया कि कैसे गलत हरकत करने पर उनके परिवार के साथ खुद की जिंदगी प्रभावित हो सकती है।
दिव्या बनीं अभियान की रोल मॉडल‘नहीं मींस नो' अभियान के आयोजकों ने सामाजिक उद्यमी एवं 'सेफ एजुकेट' की संस्थापक दिव्या जैन को रोल मॉडल के तौर पर चुना है। वह न सिर्फ भारतीय युवाओं को हुनरमंद बनाने और उनकी रोजगारपरकता को बढ़ाने में मदद कर रही हैं, बल्कि स्टूडेंट्स के जरिये सामाजिक रूप से जागरूक समूह बनाने के मिशन में भी शामिल हैं। दिव्या ने बताया कि जिस तरह ‘नहीं मींस नो' अभियान एक विचारधारा के रूप में सामने आया है। वह निश्चित रूप से सभी की मानसिकता को बदलने के लिए प्रेरित करेगा। स्कूलों, शैक्षिक संस्थाओं के अलावा ऑनलाइन चलाए जा रहे इस अभियान में क्रैजीमी बीस्पोक स्टेशनरी की संस्थापक सुनंदा लाहिरी कश्यप, फिक्की वायएफएलओ की चेयरपर्सन (दिल्ली, 2017-18) रहीं आंचल सेठी, इमोशनल एम्पावरर की आफशीन मुल्ला कंवर, सोशल मीडिया एंटरप्रेन्योर मम्मी ए-जेड की पिया देसाई पसरीचा और यूथ वेलनेस एडवोकेट संगीता बोस टैगोर आनंद सक्रिय भागीदार हैं।
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