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जेएनयू में 12 को आठ उम्मीदवारों के बीच होगी प्रेसिडेंशियल डिबेट

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ चुनाव में आठ उम्मीदवारा

By JagranEdited By: Updated: Wed, 05 Sep 2018 10:48 PM (IST)
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जेएनयू में 12 को आठ उम्मीदवारों के बीच होगी प्रेसिडेंशियल डिबेट

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ चुनाव में आठ उम्मीदवारों ने अध्यक्ष पद पर उम्मीदवारी जताई है। 12 सितंबर को प्रेसिडेंशियल डिबेट (अध्यक्षीय परिचर्चा) में ये आठों उम्मीदवार आमने-सामने होंगे। उपाध्यक्ष, महासचिव और सह-सचिव पद के लिए चार-चार प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। 14 सितंबर को मतदान होगा।

जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में वाम संगठन इस बार भी गठबंधन कर मैदान में हैं। आइसा ने अध्यक्ष, डीएसएफ ने उपाध्यक्ष, एसएफआइ ने महासचिव व एआइएसएफ ने सह-सचिव पद पर अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं। एबीवीपी, बाप्सा और एनएसयूआइ ने अपना पूरा पैनल मैदान में उतारा है, जबकि छात्र राजद ने सिर्फ अध्यक्ष पद पर दावेदारी की है। अध्यक्ष पद पर तीन निर्दलीय भी मैदान में हैं। नामांकन प्रक्रिया की समाप्ति के बाद बुधवार को जेएनयू चुनाव आयोग की तरफ से प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी करने के लिए संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया। अध्यक्ष पद के सभी प्रत्याशियों ने मीडिया व चुनाव आयोग के सदस्यों के समक्ष अपना चुनावी एजेंडा रखा।

एबीवीपी की ओर से अध्यक्ष पद के उम्मीदवार ललित पाडेय ने वर्तमान छात्र संघ पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह छात्रों के मुद्दों को सही तरीके से नहीं उठा रहा है। छात्र संघ की प्रतिष्ठा का इस्तेमाल राजनीतिक करियर के निर्माण में किया जा रहा है। वाम गठबंधन से अध्यक्ष पद के प्रत्याशी एन साई बालाजी ने तमिलनाडु में सोफिया की गिरफ्तारी का हवाला देते हुए कहा कि आज देश में असहमति अपराध बन गई है। सरकार या कुलपति के खिलाफ कुछ भी बोलने पर जुर्माने का नोटिस थमा दिया जाता है और एफआइआर दर्ज करा दी जाती है। उन्होंने विश्वविद्यालय की तरफ से लिए हेफा ऋण, फीस बढ़ोतरी व सीट कटौती पर अपनी बात रखी। बाप्सा के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार थालापल्ली प्रवीण ने वर्तमान छात्र संघ का घेराव करते हुए कहा कि जेएनयू में पीएचडी और एमफिल की सीटों में कटौती हुई तो हमने प्रशासन भवन पर 18 दिन तक प्रदर्शन किया। उस समय छात्र संघ के पदाधिकारियों ने हमारा साथ नहीं दिया, हमारे आदोलन को कमजोर करने की भी कोशिश की। वामपंथी और दक्षिणपंथी दोनों ही जेएनयू परिसर के लिए सही नहीं हैं।

छात्र राजद के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी जयंत कुमार ने कहा कि वर्तमान सरकार आरक्षण को पूरी तरह से खत्म करना चाहती है, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। उन्होंने नजीब की गुमशुदगी, फीस बढ़ोतरी, उच्च शिक्षा में फंड की कटौती का मामला भी उठाया। एनएसयूआइ के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार विकास यादव ने एबीवीपी पर छात्रवृत्ति बढ़वाने के नाम पर भटकाने व वाम संगठनों पर मुद्दों को छोड़कर बाकी सभी विषयों पर बात करने का आरोप लगाया। निर्दलीय झानू कुमार हीर और साइब बिलावल ने भी कैंपस की समस्याओं के खिलाफ संघर्ष करने का अपना एजेंडा बताया। संवाददाता सम्मेलन में निर्दलीय उम्मीदवार निधि मिश्र मौजूद नहीं रहीं।

छात्र संगठनों के पैनल

पद -वाम गठबंधन-एबीवीपी-बाप्सा-एनएसयूआइ

अध्यक्ष-एन साई बालाजी-ललित पाडेय-थालापल्ली प्रवीण-विकास यादव

उपाध्यक्ष - सारिका चौधरी -गीताश्री बरुआ-पूरनचंद नायक- लीजे के बाबू

महासचिव - एजाज अहमद रैठार-गणेश गुर्जर-विशम्भर नाथ प्रजापति-मोहम्मद मोफिजुल आलम सह सचिव - अथूरा जयदीप-वेंकट चौबे-कनकलता यादव- नगुरंग रीना

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दैनिक जागरण की खबर पर लगी मुहर

दैनिक जागरण ने मंगलवार के अंक में वाम संगठन फिर गठबंधन में चुनाव लड़ेगा शीर्षक के साथ खबर प्रकाशित की थी। उसके साथ सबसे पहले सभी प्रमुख संगठनों के अध्यक्ष पदों के प्रत्याशियों के नाम भी उजागर किए थे, जिन पर आज मुहर लगी है।

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