कुपोषण से जंग में आड़े आ रही पोषक तत्वों की कमी
राजधानी दिल्ली में कुपोषण से जंग में पोषक तत्वों की कमी आड़े आ रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को जो मिड डे मिल दिया जा रहा है, उससे बच्चों में पोषक तत्वों की भरपाई नहीं हो पा रही है। जिसकी वजह से बच्चे कही न कही कपोषित ही हैं। डॉक्टरों की मानें तो मिड डे मिल में खिचड़ी व दाल और चावल बच्चों को दिया जाता है, इसमें इतने पोषक तत्व नहीं होते। जिसे खाकर बच्चों का कुपोषण दूर हो सके।
By JagranEdited By: Updated: Wed, 05 Sep 2018 10:53 PM (IST)
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली :
राजधानी दिल्ली में कुपोषण से जंग में पोषक तत्वों की कमी आड़े आ रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को जो मिड डे मील दिया जा रहा है, उससे बच्चों में पोषक तत्वों की भरपाई नहीं हो पा रही है। इस वजह से बच्चे कुपोषित हैं। डॉक्टरों की मानें तो मिड डे मील में जो आहार दिए जा रहे हैं, उसमें इतने पोषक तत्व नहीं होते, जिससे बच्चों का कुपोषण दूर हो सके। आंगनबाड़ी केंद्र की संचालिकाओं की माने तो केजरीवाल सरकार ने कुछ समय पहले इस बात को स्वीकार किया था कि बच्चों को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिल पा रहा है। इसलिए मिड डे मील के मैन्यू में दूध और अंडे को जोड़ा जाए। प्रतिदिन बच्चों को अंडा और दूध दिया जाए, ताकि बच्चे कुपोषित न रहें। इसको लेकर बैठक भी हुई, लेकिन सरकार की उदासीनता के चलते अंडे और दूध को मिड डे मील में जोड़ा नहीं जा सका।
गौतमपुरी में आंगनबाड़ी केंद्र की संचालिका ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सरकार की ओर से पांच से छह महीने पहले कहा गया था कि बच्चों के लिए अंडा और दूध भी भेजा जाएगा। इसलिए उन्होंने केंद्र में आने वाले बच्चों से कह दिया कि उन्हें सरकार की ओर से मील में दूध और अंडे दिए जाएंगे। अब बच्चे रोज इस बारे में पूछते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र में काफी छोटी उम्र के बच्चे आते हैं, खिचड़ी व दलिया, चावल की जगह दूध उनके लिए ज्यादा फायदेमंद है। -- आंगनबाड़ियों का हाल
यमुनापार के सोनिया विहार, शिव विहार, खजूरी खास, चौहान बांगर क्षेत्र स्थित आंगनबाड़ियों में 20 से 25 बच्चों के नाम पंजीकृत हैं। इनमें से 10-15 बच्चे भोजन लेने पहुंचते हैं। ऐसी स्थिति में कुपोषण को खत्म करने में दिल्ली सरकार नाकाम साबित हो रही है। सरकार को आंगनबाड़ी केंद्रों का दायरा बढ़ाने की जरूरत है। क्या दिया जाता है खाने में
आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को खाने में हलवा, पुलाव, खिचड़ी, चना, मटर, नमकीन दलिया, मीठी दलिया दी जाती है। इसमें एक दिन में एक ही आहार मिलता है। हर दिन बदल बदल कर आहार दिए जाते हैं। ----------- डॉक्टर की राय बच्चों को ऐसा खाना दिया जाना चाहिए, जिससे कम से कम उन्हें 600 कैलोरी मिले। साथ ही प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा भी होने चाहिए। अनाज और दालों में यह चीजें हो सकती हैं, बशर्ते प्रचूर मात्रा में मिले। सरकार को ऐसा खाना देना चाहिए, जिससे बच्चों को पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मिले। बच्चों के लिए दूध जरूरी है। -डॉ. वीके मोंगा, नगर निगम स्वास्थ्य समिति के पूर्व अध्यक्ष।
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