भारत बंद को लेकर हाई अलर्टः कई जगह दुकानें खुलीं, दिल्ली-एनसीआर में नहीं कोई असर
छह सितंबर यानी आज होने वाले को लेकर रेलवे पुलिस ने स्टेशन की सुरक्षा बढ़ा दी है। आरपीएफ और जीआरपी के पुलिसकर्मियों के ड्यूटी के घंटे बढ़ा दिए गए हैं।
By JP YadavEdited By: Updated: Thu, 06 Sep 2018 11:59 AM (IST)
नई दिल्ली/एनसीआर (जेएनएन)। एससी-एसटी एक्ट के विरोध में विभिन्न संगठनों के बृहस्पतिवार को भारत बंद की घोषणा के बाद एनसीआर के इलाकों में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। इस बाबत पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि वह किसी भी प्रतिष्ठान को जबरन बंद न कराने दें और जबरदस्ती करने पर कार्रवाई करें। हालांकि, ग्रेटर नोएडा में जगह-जगह प्रदर्शनकारी जबरन दुकानें बंद करा रहे हैं। कहीं जगहों पर करणी सेना के कार्यकर्ता भी सक्रिय हैं और दुकानें बंद करा रहे हैं। कुलमिलाकर दिल्ली-एनसीआर में कुछ ही जगहों पर इसका असर है, बाकी जगहों पर स्थिति सामान्य है और दुकानें खुली हुई हैं।
इससे पहले गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद में भारत बंद को सफल बनाने के लिए कई संगठन लगातार लोगों व व्यापारियों से संपर्क करते रहे। वहीं, बंद को ओबीसी वर्ग व मुस्लिमों के समर्थन का भी दावा किया जा रहा है। सोशल साइट पर प्रतिष्ठान बंद रखने की अपील की जा रही है।
इन संगठनों ने दिया बंद को समर्थन यहां पर बता दें कि भारत बंद को विश्व हिंदू बोर्ड, क्राइम फ्री इंडिया फोर्स, किसान विकास संगठन ने अपना समर्थन दिया है। विश्व हिंदू बोर्ड के संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवराज स्वराज ने बैठक आयोजित कर इसके लिए कार्यकर्ताओं से वार्ता की। भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्यौराज सिंह रावल का भी मानना है कि सरकार द्वारा लाया गया अध्यादेश सरासर गलत है।
रेलवे स्टेशन की सुरक्षा बढ़ाईछह सितंबर यानी आज होने वाले को लेकर रेलवे पुलिस ने स्टेशन की सुरक्षा बढ़ा दी है। आरपीएफ और जीआरपी के पुलिसकर्मियों के ड्यूटी के घंटे बढ़ा दिए गए हैं। रेलवे की दोनों फोर्स समन्वय स्थापित कर स्टेशन परिसर के साथ रेलवे ट्रैक की सुरक्षा पुख्ता करने में जुटे हैं। सूत्रों की मानें तो पूर्व में हुए भारत बंद के दौरान ट्रैक पर हुए बवाल को देखते हुए रेलवे इस बार कोई भी कोताही नहीं बरतना चाहती है। इसी संबंध में मुख्यालय द्वारा आरपीएफ को निर्देश जारी किए गए हैं।
गौरतलब है कि दो अप्रैल को एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में भारत बंद किया गया था। इस दौरान रेलवे ट्रैक पर काफी देर तक बवाल हुआ था। हिंसा और आगजनी में कई लोग घायल हुए थे और कथित रूप से एक बच्चा आगजनी में झुलस गया था। बाद में उसकी मौत हो गई थी।सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार द्वारा लाए गए एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ दूसरे वर्ग ने कथित रुप से छह सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया । हालांकि कोई भी संगठन इस बारे में खुलकर नहीं बोल रहा है। मगर सोशल मीडिया पर इस संबंध में कई पोस्ट की जा रही हैं, जिन्हें शेयर भी किया जा रहा है।
यह था सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया था कि एससी, एसटी एक्ट से जुड़े मामले में किसी भी व्यक्ति पर मुकदमा दर्ज होने से पहले उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच होनी चाहिए। एससी, एसटी संगठनों ने फैसले का विरोध करते हुए बीते दो अप्रैल को भारत बंद का आह्वान किया था, जिसमें काफी हिंसा भी हुई। विपक्ष और भाजपा के सहयोगी दलों ने इस पर सरकार से दखल देने की मांग की। केंद्र सरकार ने कानून पास कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। मतलब, बिना जांच के भी मुकदमा दायर करने और गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया था कि एससी, एसटी एक्ट से जुड़े मामले में किसी भी व्यक्ति पर मुकदमा दर्ज होने से पहले उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच होनी चाहिए। एससी, एसटी संगठनों ने फैसले का विरोध करते हुए बीते दो अप्रैल को भारत बंद का आह्वान किया था, जिसमें काफी हिंसा भी हुई। विपक्ष और भाजपा के सहयोगी दलों ने इस पर सरकार से दखल देने की मांग की। केंद्र सरकार ने कानून पास कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। मतलब, बिना जांच के भी मुकदमा दायर करने और गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया है।