लाभ का पद मामले में चुनाव आयोग ने ठुकराई 'आप' की मांग, कहा- गवाह की जरूरत नहीं
आयोग ने कहा है कि जहां तक लाभ नहीं लेना साबित करने की बात है तो यहां लाभ मिला या नहीं इससे ज्यादा यह महत्वपूर्ण है कि वो लाभ उठा सकते हैं या नहीं, जैसा कि इस मामले में देखने को मिला।
By Amit MishraEdited By: Updated: Tue, 25 Sep 2018 10:55 PM (IST)
नई दिल्ली (आइएएनएस)। चुनाव आयोग ने लाभ का पद मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों की मांग ठुकरा दी। विधायकों ने मामले में जिरह के लिए गवाहों को बुलाने की मांग की थी। आयोग ने अपने आदेश में कहा है के प्रतिवादियों (आप के विधायकों) ने गवाह को बुलाने का कोई ठोस कारण नहीं बताया है। प्रतिवादियों ने 11 सितंबर 2018 को सौंपे गए आवेदन में इसकी मांग की थी।
गवाहों को बुलाने का कोई कारण नहीं
चुनाव आयोग ने कहा है, 'अर्जी में उल्लेख किए गए दस्तावेज स्व-घोषित हैं। रिकार्ड पर उपलब्ध अन्य संबंधित दस्तावेजों के साथ देखा जाएगा। इसलिए सुबूत पेश करने के लिए गवाहों को बुलाने का कोई कारण नहीं बनता है।'अहम है ये बात
आयोग ने कहा है कि जहां तक लाभ नहीं लेना साबित करने की बात है तो यहां लाभ मिला या नहीं इससे ज्यादा यह महत्वपूर्ण है कि वो लाभ उठा सकते हैं या नहीं, जैसा कि इस मामले में देखने को मिला। इसलिए मामले में यह साबित करने के लिए किसी गवाह को बुलाने के जरूरत नहीं है, कि आवेदक ने संसदीय सचिव का पद हासिल कर कोई लाभ उठाया या नहीं।
चुनाव आयोग ने कहा है, 'अर्जी में उल्लेख किए गए दस्तावेज स्व-घोषित हैं। रिकार्ड पर उपलब्ध अन्य संबंधित दस्तावेजों के साथ देखा जाएगा। इसलिए सुबूत पेश करने के लिए गवाहों को बुलाने का कोई कारण नहीं बनता है।'अहम है ये बात
आयोग ने कहा है कि जहां तक लाभ नहीं लेना साबित करने की बात है तो यहां लाभ मिला या नहीं इससे ज्यादा यह महत्वपूर्ण है कि वो लाभ उठा सकते हैं या नहीं, जैसा कि इस मामले में देखने को मिला। इसलिए मामले में यह साबित करने के लिए किसी गवाह को बुलाने के जरूरत नहीं है, कि आवेदक ने संसदीय सचिव का पद हासिल कर कोई लाभ उठाया या नहीं।
20 विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त किया
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 'आप' के 20 विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त किया था। वकील प्रशांत पटेल ने चुनाव आयोग से इन विधायकों को लाभ का पद हासिल करने के आधार पर अयोग्य ठहराने के लिए संपर्क किया था।
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