कांग्रेस ने सीलिंग के लिए केजरीवाल को बताया जिम्मेदार, कहा- भुगतने होंगे गंभीर परिणाम
माकन ने कहा कि अब यह स्पष्ट हो गया कि भाजपा व आप पार्टी की मिलीभगत से दिल्ली में उच्चतम न्यायालय की आड़ में गैर कानूनी सीलिंग धड़ल्ले से चल रही है।
By Amit MishraEdited By: Updated: Thu, 27 Sep 2018 07:58 AM (IST)
नई दिल्ली (जेएनएन)। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने अरविंद केजरीवाल को दिल्ली का अब तक का सबसे नाकाम मुख्यमंत्री बताया है। उन्होंने कहा कि आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति और बहानेबाजी करने के सिवाए केजरीवाल ने दिल्लीवासियों के लिए कुछ नहीं किया। माकन ने सीलिंग के मुद्दे पर भी उन्हें कठघरे में खड़ा किया और उनके साथ कहीं भी बहस करने की चुनौती स्वीकार करते हुए कहा कि वह साबित करके दिखा देंगे कि केजरीवाल नाकारा हैं और सीलिंग के लिए भी जिम्मेदार हैं। माकन अपने इस्तीफे की अटकलों के बीच और विदेश से लौटने के बाद बुधवार को पहली बार प्रदेश पार्टी कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
बेनकाब हो गया 'आप' का जन विरोधी चेहरा माकन ने कहा कि सीएम केजरीवाल के इशारे पर राजधानी में बड़े पैमाने पर दिल्ली सरकार के एसडीएम मास्टर प्लान में मौजूद प्रावधानों के बावजूद जबरन लोगों को परेशान करने के लिए सेक्शन 133 CrPC में नोटिस जारी करके न केवल आतंक फैला रहे है बल्कि उच्चतम न्यायालय के आदेश की आड़ में ऐसी गैर प्रदूषित इकाईयों को भी सील कर रहे है। उन्होंने विवेक विहार के एसडीएम राजेश चौधरी के हस्ताक्षर से जारी एक नोटिस की प्रति संवाददाताओं दिखाते हुए कहा कि इस नोटिस के बाद कम से कम 'आप' का जन विरोधी चेहरा पूरी तरह बेनकाब हो गया है। माकन ने मांग की है कि तुरंत प्रभाव से इन नोटिसों को बिना शर्त वापस लिया जाए।
जनसुनवाई मुद्दे को उलझाने और लटकाने का प्रयास है
संवाददाता सम्मेलन में पार्टी ने घरेलू उद्योग के मामले में मास्टर प्लान 2021 में संशोधन के लिए हो रही जनसुनवाई में पार्टी द्वारा अजय माकन, अरविन्दर सिंह लवली व मुकेश शर्मा के संयुक्त रुप से हस्ताक्षरयुक्त आपत्ति दर्ज कराने संबधी पत्र को भी जारी किया। उन्होंने कहा कि इस जनसुनवाई की आवश्यकता नहीं थी, जानबूझ कर मामले को उलझाने के लिए यह जनसुनवाई की गई है। माकन ने स्पष्ट रुप से कहा कि जनसुनवाई इस मुद्दे को पूरी तरह उलझाने और लटकाने का प्रयास है। क्योंकि पहले से ही मास्टर प्लान में सारे प्रावधान मौजूद हैं जिसके तहत कर्मचारियों की संख्या और बिजली के लोड को घटाने और बढ़ाने के अधिकार सरकार को हैं।सरकार कर सकती है परिवर्तन
अरविन्दर सिंह लवली ने कहा कि गैर प्रदूषित घरेलू उद्योग की परिभाषा को नए सिरे से परिभाषित करने के लिए किसी किस्म की कोई अड़चन नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि मास्टर प्लान 2021 में साफ तौर पर यह कहा गया है कि सरकार जब चाहे इसमें परिवर्तन कर सकती है। उन्होंने मांग की कि तुरंत प्रभाव से घरेलू उद्योगों के लिए बिजली का कनेक्शन 5 किलोवाट से बढ़ाकर 11 किलोवाट और कर्मचारियों की संख्या 5 से बढ़ाकर 11 की जाए।
भाजपा और 'आप' को भुगतने होंगे गंभीर परिणाम मुकेश शर्मा ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार के एसडीएम स्तर के अधिकारी मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के इशारे पर लोगों को उच्चतम न्यायालय की आड़ में जबरन नोटिस जारी करके 'आप' के लिए अवैध रुप से धन वसूली कर रहे हैं। उन्होंने घूसकांड की जांच की मांग करते हुए केन्द्र व दिल्ली सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि यदि 15 अक्टूबर तक घरेलू उद्योग की परिभाषा को बदलने का सरकारी आदेश जारी नहीं हुआ तो भाजपा और 'आप' को गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।
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