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केजरीवाल अब तक के सबसे नाकाम मुख्यमंत्री : अजय माकन

-प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने सीलिंग पर मुख्यमंत्री को किया कठघरे में खड़ा -भाजपा व आप की मिलीभग

By JagranEdited By: Updated: Wed, 26 Sep 2018 09:30 PM (IST)
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केजरीवाल अब तक के सबसे नाकाम मुख्यमंत्री : अजय माकन

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली :

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने अरविंद केजरीवाल को दिल्ली का अब तक का सबसे नाकाम मुख्यमंत्री बताया है। उन्होंने कहा कि आरोप -प्रत्यारोप की राजनीति और बहानेबाजी करने के सिवाए केजरीवाल ने दिल्लीवासियों के लिए कुछ नहीं किया। माकन ने सीलिंग के मुद्दे पर भी उन्हें कठघरे में खड़ा किया और उनके साथ कहीं भी बहस करने की चुनौती स्वीकार करते हुए कहा कि वह साबित करके दिखा देंगे कि केजरीवाल नाकारा हैं और सीलिंग के लिए भी जिम्मेदार हैं।

माकन अपने इस्तीफे की अटकलों के बीच और विदेश से लौटने के बाद बुधवार को पहली बार प्रदेश पार्टी कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केजरीवाल के इशारे पर ही राजधानी में बड़े पैमाने पर दिल्ली सरकार के एसडीएम मास्टर प्लान में मौजूद प्रावधानों के बावजूद लोगों को परेशान करने के लिए सेक्शन 133 सीआरपीसी में नोटिस जारी कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश की आड़ में ऐसी गैर प्रदूषित इकाइयों को भी सील कर रहे हैं, जो वैध हैं। उन्होंने विवेक विहार के एसडीएम राजेश चौधरी के हस्ताक्षर वाले एक नोटिस की प्रति भी पत्रकारों को दिखाई और कहा कि इस नोटिस के बाद तो आप का जनविरोधी चेहरा पूरी तरह बेनकाब हो गया है।

पत्रकार वार्ता में घरेलू उद्योगों को लेकर मास्टर प्लान 2021 में संशोधन के लिए हो रही जन सुनवाई में अजय माकन, अरविंदर सिंह लवली और मुकेश शर्मा के संयुक्त हस्ताक्षरयुक्त आपत्ति पत्र को भी जारी किया गया। माकन ने कहा कि जनसुनवाई इस मुद्दे को पूरी तरह उलझाने और लटकाने का प्रयास है।

पूर्व मंत्री अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि गैर प्रदूषित घरेलू उद्योग की परिभाषा को नए सिरे से परिभाषित करने के लिए किसी किस्म की कोई अड़चन नही है। मास्टर प्लान 2021 में साफ तौर पर यह कहा गया है कि सरकार जब चाहे इसमें परिवर्तन कर सकती है।

न्याययुद्ध के संयोजक मुकेश शर्मा ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार के एसडीएम स्तर के अधिकारी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इशारे पर लोगों को सुप्रीम कोर्ट की आड़ में जबरन नोटिस जारी कर आप के लिए धन वसूली कर रहे हैं। उन्होंने इस घूसकाड की जाच की माग की और केंद्र व दिल्ली सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि यदि 15 अक्टूबर तक घरेलू उद्योग की परिभाषा बदलने का सरकारी आदेश जारी नही हुआ तो भाजपा और आप को गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।

पत्रकार वार्ता में काग्रेस के वरिष्ठ नेता चतर सिंह, कानूनी व मानवाअधिकार विभाग के चेयरमैन एडवोकेट सुनील कुमार, मुख्य मीडिया कोऑर्डिनेटर मेंहदी माजिद भी मौजूद थे।

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