भारत बंद: देशभर के करोड़ों व्यापारी उतरे सड़कों पर, कई जगहों पर दिनभर बंद रहीं दुकानें
बंद के तहत दिल्ली-एनसीआऱ में मेडिकल स्टोर के अलावा संयुक्त व्यापार मंडल से जुड़े व्यापारियों ने भी अपनी दुकानें बंद कीं। दवा की दुकानें बंद होने से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
By JP YadavEdited By: Updated: Fri, 28 Sep 2018 01:01 PM (IST)
नई दिल्ली (जेएनएन)। देश में पहली बार अपने अधिकारों और कारोबार की सुरक्षा को लेकर सात करोड़ व्यापारी मतदाता शुक्रवार को भारत व्यापार बंद के दौरान सड़कों पर उतरे। एक दिन के भारत बंद के दौरान विरोध स्वरूप किसी भी प्रकार का कोई कारोबार नहीं किया। भारत व्यापार बंद का आह्वान वालमार्ट, फ्लिपकार्ट डील और रिटेल में विदेशी निवेश के खिलाफ कान्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने किया था। व्यापारियों के भारत बंद का दिल्ली के साथ यूपी, उत्तराखंड, और झारखंड में कुछ जगहों पर असर दिखा। इससे व्यापार भी प्रभावित हुआ है।
व्यापारियों का दावा है कि वॉलमार्ट और अमेज़ॅन जैसे बहुराष्ट्रीय दिग्गजों को पिछले दरवाजे से प्रवेश देकर सरकार छोटे व्यापारियों का प्रतिनिधित्व खत्म करना चाहती है। फेडरेशन का कहना है कि खुदरा क्षेत्र में एफडीआइ आने से व्यापारियों और दुकानदारों की आजीविका खतरे में पड़ गई है।
मौजूदा नियम वॉलमार्ट को भारत में काम करने की इजाजत नहीं देते हैं, लेकिन फ्लिपकार्ट में हिस्सेदारी खरीदने के बाद यह पिछले दरवाजे से बाजार में उतरने की तैयारी कर रहा है। विरोध प्रदर्शन में सीलिंग से परेशान दिल्ली के कारोबारी भी शामिल हुए और कई जगहों पर विरोध-प्रदर्शन किया। बताया जा रहा है कि दिल्ली के साथ अन्य राज्यों में भी भारत बंद के मद्देनजर खासकर दवा दुकानें बंद रहीं।जानकारी के मुताबिक, दवा व्यापार में ई-फॉर्मेसी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 28 अगस्त को जारी ड्रॉफ्ट के विरोध समेत अन्य मांगों के समर्थन में दवा व्यापारियों ने पूरे प्रदेश में शुक्रवार को दुकानें बंद रखीं। ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट के बैनर तले पूरे भारत में बंद का असर दवा दुकानें पर देखने को मिला। कई जगहों पर शुक्रवार को मरीज और तीमारदार दवा लेने के लिए बाजारों में भटकते रहे। हालांकि आपात स्थिति में अस्पतालों और नर्सिंग होम के मेडिकल स्टोर को इससे छूट दी गई थी।
बंद के तहत दिल्ली-एनसीआऱ में मेडिकल स्टोर के अलावा संयुक्त व्यापार मंडल से जुड़े व्यापारियों ने भी अपनी दुकानें बंद कीं। दवा की दुकानें बंद होने से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। यूपी में दिखा असर
यूपी में कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन उप्र. के आवाह्न पर शुक्रवार को राजधानी की सभी दवा दुकानें बंद रहीं। प्रदेश में करीब एक लाख 12 हजार दवा दुकानों पर ताला लटका रहा। दुकानदारों ने अमीनाबाद समेत अलग-अलग जगह पर सड़क पर सभाएं भी कीं। दुकानें बंद होने से करीब 90 करोड़ रुपए का व्यापार प्रभावित रहा। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि सीलिंग को रोकने के लिए अध्यादेश की मांग को लेकर दिल्ली के बाजारों को बंद किया गया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में लगातार हो रही सीलिंग और नौ महीने से सील हुई दुकानों की सीलिंग न खुलने के कारण व्यापारियों और कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।प्रवीन खंडेलवाल ने जारी बयान में दावा किया कि दिल्ली व्यापार बंद में विशेष रूप से कनाट प्लेस, चावड़ी बाजार, चांदनी चौक, भगीरथ पैलेस, सदर बाजार, कश्मीरी गेट, पहाड़गंज, करोलबाग, कमला नगर, रोहिणी समेत साउथ एक्सटेंशन, ग्रीन पार्क, ग्रेटर कैलाश, कालकाजी समेत लक्ष्मी नगर, कृष्णा नगर समेत अन्य बाजार बंद रहेंगे। खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली के व्यापारी लंबे समय से सीलिंग से त्रस्त हैं और मॉनिटरिंग कमेटी व नगर निगम कानून की अनदेखी करते हुए अपनी मनमर्जी के हिसाब से सीलिंग कर रही है, जिससे दिल्ली के व्यापारी परेशान हैं। भारत बंद में शामिल होंगे केमिस्ट और ड्रगिस्टकारोबारी संगठन कैट ने वॉलमार्ट करार के विरोध में भारत बाजार बंद का आह्वान किया है, जबकि दवा दुकानदार दवा की ऑनलाइन बिक्री को बढ़ावा देने के विरोध में बंद का समर्थन कर रहे हैं। अपनी मांगों को लेकर प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते आल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रग्गिस्ट्स के अध्यक्ष जे एस शिंदे व अन्य पदाधिकारी ने एलान किया कि बंद को पूरी तरह सफल बनाने की कोशिश की जाएगी। बंद में शामिल नहीं होंगे पुरानी दिल्ली के बाजार
वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट करार व खुदरा व्यापार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के विरोध में बुलाए गए भारत बंद में पुरानी दिल्ली के बाजार शामिल नहीं होंगे। ऐसे में शुक्रवार (28 सिंतबर) को चांदनी चौक, सदर बाजार, कश्मीरी गेट व खारी बावली समेत अन्य थोक व खुदरा बाजार की दुकानें आम दिनों की तरह खुली रहेंगी। हालांकि, बंद को लेकर खरीदारों में भ्रम की स्थिति के कारण कारोबार कुछ सुस्त रह सकता है। बंद का आह्वान कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने किया है। इसको लेकर शुरू से ही व्यापारियों में ऊहापोह की स्थिति रही, क्योंकि व्यापारियों का मानना है कि पूर्व में विभिन्न मुद्दों पर हुए बाजार बंद के नतीजे उत्साहजनक नहीं रहे हैं। सरकारों ने उनकी हड़तालों पर विशेष ध्यान नहीं दिया है, बल्कि इस वजह से उन्हें अब तक नुकसान ही उठाना पड़ा है। ऐसे में पुरानी दिल्ली के कुछ बाजार के संगठनों ने बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि वह बृहस्पतिवार के बाजार बंद में शामिल नहीं होंगे। इस कारण 10 सितंबर को पेट्रो पदार्थों में मूल्य वृद्धि के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के भारत बंद को भी पुरानी दिल्ली के दुकानदारों ने नकार दिया था।बंद में शामिल न होने की एक वजह कई दिनों का कारोबार प्रभावित होना भी है। व्यापारियों का मानना है कि शुक्रवार को वे बाजार बंद करते हैं तो कारोबार सोमवार तक सामान्य हो पाएगा, क्योंकि पुरानी दिल्ली के बाजारों में साप्ताहिक बंदी रविवार को होती है। चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय भार्गव ने कहा कि व्यापारी बाजार बंद का समर्थन नहीं करते हैं। इसलिए आम दिनों की तरह चांदनी चौक की दुकानें खुली रहेंगी। फेडरेशन आफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश यादव ने दो टूक कहा कि बंद किसी समस्या का हल नहीं है। ऐसे में सदर बाजार के व्यापारियों ने बाजार बंद में शामिल न होने का फैसला किया है। भगीरथ प्लेस इलेक्ट्रिकल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत आहूजा ने कहा कि बार-बार बंद से अब व्यापारी ऊब गए हैं।दूसरे बंद की घोषणा से पहले दुकानदारों से सलाह-मशविरा भी नहीं किया गया है। चर्च मिशन रोड क्लाथ मार्केट के प्रधान गोपाल गर्ग ने कहा कि अभी त्योहारी सीजन चल रहा है। ऐसे में बाजार बंद करने का जोखिम कोई दुकानदार नहीं उठा सकता है। यह भी पढ़ेंः सर्वे में महिलाओं के मोटापे को लेकर सामने आई हैरान करने वाली बात
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।यूपी में कैमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन उप्र. के आवाह्न पर शुक्रवार को राजधानी की सभी दवा दुकानें बंद रहीं। प्रदेश में करीब एक लाख 12 हजार दवा दुकानों पर ताला लटका रहा। दुकानदारों ने अमीनाबाद समेत अलग-अलग जगह पर सड़क पर सभाएं भी कीं। दुकानें बंद होने से करीब 90 करोड़ रुपए का व्यापार प्रभावित रहा। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि सीलिंग को रोकने के लिए अध्यादेश की मांग को लेकर दिल्ली के बाजारों को बंद किया गया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में लगातार हो रही सीलिंग और नौ महीने से सील हुई दुकानों की सीलिंग न खुलने के कारण व्यापारियों और कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।प्रवीन खंडेलवाल ने जारी बयान में दावा किया कि दिल्ली व्यापार बंद में विशेष रूप से कनाट प्लेस, चावड़ी बाजार, चांदनी चौक, भगीरथ पैलेस, सदर बाजार, कश्मीरी गेट, पहाड़गंज, करोलबाग, कमला नगर, रोहिणी समेत साउथ एक्सटेंशन, ग्रीन पार्क, ग्रेटर कैलाश, कालकाजी समेत लक्ष्मी नगर, कृष्णा नगर समेत अन्य बाजार बंद रहेंगे। खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली के व्यापारी लंबे समय से सीलिंग से त्रस्त हैं और मॉनिटरिंग कमेटी व नगर निगम कानून की अनदेखी करते हुए अपनी मनमर्जी के हिसाब से सीलिंग कर रही है, जिससे दिल्ली के व्यापारी परेशान हैं। भारत बंद में शामिल होंगे केमिस्ट और ड्रगिस्टकारोबारी संगठन कैट ने वॉलमार्ट करार के विरोध में भारत बाजार बंद का आह्वान किया है, जबकि दवा दुकानदार दवा की ऑनलाइन बिक्री को बढ़ावा देने के विरोध में बंद का समर्थन कर रहे हैं। अपनी मांगों को लेकर प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते आल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रग्गिस्ट्स के अध्यक्ष जे एस शिंदे व अन्य पदाधिकारी ने एलान किया कि बंद को पूरी तरह सफल बनाने की कोशिश की जाएगी। बंद में शामिल नहीं होंगे पुरानी दिल्ली के बाजार
वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट करार व खुदरा व्यापार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के विरोध में बुलाए गए भारत बंद में पुरानी दिल्ली के बाजार शामिल नहीं होंगे। ऐसे में शुक्रवार (28 सिंतबर) को चांदनी चौक, सदर बाजार, कश्मीरी गेट व खारी बावली समेत अन्य थोक व खुदरा बाजार की दुकानें आम दिनों की तरह खुली रहेंगी। हालांकि, बंद को लेकर खरीदारों में भ्रम की स्थिति के कारण कारोबार कुछ सुस्त रह सकता है। बंद का आह्वान कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने किया है। इसको लेकर शुरू से ही व्यापारियों में ऊहापोह की स्थिति रही, क्योंकि व्यापारियों का मानना है कि पूर्व में विभिन्न मुद्दों पर हुए बाजार बंद के नतीजे उत्साहजनक नहीं रहे हैं। सरकारों ने उनकी हड़तालों पर विशेष ध्यान नहीं दिया है, बल्कि इस वजह से उन्हें अब तक नुकसान ही उठाना पड़ा है। ऐसे में पुरानी दिल्ली के कुछ बाजार के संगठनों ने बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि वह बृहस्पतिवार के बाजार बंद में शामिल नहीं होंगे। इस कारण 10 सितंबर को पेट्रो पदार्थों में मूल्य वृद्धि के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के भारत बंद को भी पुरानी दिल्ली के दुकानदारों ने नकार दिया था।बंद में शामिल न होने की एक वजह कई दिनों का कारोबार प्रभावित होना भी है। व्यापारियों का मानना है कि शुक्रवार को वे बाजार बंद करते हैं तो कारोबार सोमवार तक सामान्य हो पाएगा, क्योंकि पुरानी दिल्ली के बाजारों में साप्ताहिक बंदी रविवार को होती है। चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय भार्गव ने कहा कि व्यापारी बाजार बंद का समर्थन नहीं करते हैं। इसलिए आम दिनों की तरह चांदनी चौक की दुकानें खुली रहेंगी। फेडरेशन आफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश यादव ने दो टूक कहा कि बंद किसी समस्या का हल नहीं है। ऐसे में सदर बाजार के व्यापारियों ने बाजार बंद में शामिल न होने का फैसला किया है। भगीरथ प्लेस इलेक्ट्रिकल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत आहूजा ने कहा कि बार-बार बंद से अब व्यापारी ऊब गए हैं।दूसरे बंद की घोषणा से पहले दुकानदारों से सलाह-मशविरा भी नहीं किया गया है। चर्च मिशन रोड क्लाथ मार्केट के प्रधान गोपाल गर्ग ने कहा कि अभी त्योहारी सीजन चल रहा है। ऐसे में बाजार बंद करने का जोखिम कोई दुकानदार नहीं उठा सकता है। यह भी पढ़ेंः सर्वे में महिलाओं के मोटापे को लेकर सामने आई हैरान करने वाली बात