रेवाड़ी सामूहिक दुष्कर्मः पीड़िता के घर पहुंचते ही आरोपी गए जेल, 8 हो चुके हैं गिरफ्तार
पीड़ित छात्रा को अस्पताल से छुट्टी देते वक्त कड़ी सुरक्षा थी। अस्पताल से भी छात्रा को पुलिस के पहरे में घर लाया गया। उसके घर पर भी पुलिस सुरक्षा के पुख्ता बंदोबश्त किए गए हैं।
By Amit SinghEdited By: Updated: Thu, 27 Sep 2018 05:35 PM (IST)
नई दिल्ली/रेवाड़ी (जेएनएन)। देशभर को झकझोरने वाले रेवाड़ी सामूहिक दुष्कर्म कांड की पीड़ित छात्रा बृहस्पतिवार को अस्पताल से घर पहुंच गई है। चार डॉक्टरों की टीम ने सघन जांच के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दी है। बृहस्पतिवार को ही इस केस को दो मुख्य आरोपियों पंकज फौजी और मनीष की चार दिन की पुलिस रिमांड भी खत्म हो गई है। छात्रा के घर पहुंचने के साथ ही पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर दिया। कोर्ट ने दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को बुधवार को भी अस्पताल से छुट्टी देने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। हालांकि, मामला बेहद संवेदनशील होने की वजह से ड्यूटी डॉक्टर ने अकेले छात्रा को छुट्टी देने से इंकार कर दिया था। उसने छात्रा को अस्पताल से छुट्टी देने के लिए डॉक्टरों का पैनल बनाने की मांग की थी। बृहस्पतिवार को चार डॉक्टरों का पैनल बनाकर छात्रा की पूरी जांच की गई। जांच में छात्रा के पूरी तरह से स्वस्थ पाए जाने के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दी गई है।
पुलिस ने बहस्पतिवार को पंकज फौजी और मनीष को कनीना स्थित एचडीजेएम पीयूष शर्मा की अदालत में पेश किया था। कोर्ट ने दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। इनका एक अन्य साथी और केस का मुख्य आरोपी निशु पहले से जेल में बंद है। पुलिस ने उसे भी रिमांड पर लिया था। इस सामूहिक दुष्कर्म कांड में पुलिस अब तक कुल आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें से पांच आरोपी जेल में बंद हैं, जबकि तीन अन्य आरोपियों को कोर्ट ने जमानत दे दी है। जेल में बंद आरोपियों में छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म करने वाले तीन मुख्य आरोपी पंकज फौजी, मनीष व निशु के साथ छात्रा का प्राथमिक इलाज करने वाला डॉ. संजीव और ट्यूबवेल मालिक दीन दयाल शामिल है।
छात्रा के घर पर है पुलिस का कड़ा पहरा
पीड़ित छात्रा को अस्पताल से छुट्टी देते वक्त अस्पताल में कड़ी सुरक्षा का बंदोबश्त किया गया था। अस्पताल से भी छात्रा को पुलिस के पहरे में घर लाया गया। इसके बाद उसके घर पर भी पुलिस सुरक्षा के पुख्ता बंदोबश्त किए गए हैं। दरअसल इस केस के आरोपित छात्रा के गांव के ही हैं। इसलिए पुलिस ने किसी तरह के टकराव की आशंका को देखते हुए पीड़ित परिवार को सुरभा मुहैया कराई है।
आरोपियों की रिमांड के लिए पहली बार मध्य रात्रि को खुली थी कोर्ट
पुलिस ने फरार चल रहे दोनों मुख्य आरोपियों पंकज और मनीष को 23 सितंबर की सुबह महेन्द्रगढ़ से गिरफ्तार किया था। इसके बाद दोनों को 23 सितंबर की मध्य रात्रि कोर्ट खुलवाकर पेश किया गया था। ये पहला मौका था जब आरोपियों की रिमांड के लिए महेन्द्रगढ़ कोर्ट मध्य रात्रि में खोली गई थी। कोर्ट ने दोनों आरोपियों को चार दिन की रिमांड पर भेज दिया था।पहले भी कई युवतियों-महिलाओं से कर चुके हैं सामूहिक दुष्कर्म
आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद रविवार को एसआइटी प्रमुख व नूंह की एसपी नाजनीन भसीन ने बताया था कि गिरफ्तार आरोपियों द्वारा संगठित अपराध की बात सामने आयी है। तीनों मुख्य आरोपी पहले भी कई से सामूहिक दुष्कर्म कर चुके हैं। इन सभी वारदातों को ट्यूबवेल वाले उसी कमरे पर अंजाम दिया गया था, जहां छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। ट्यूबलेस मालिक दीन दयाल को उसके कमरे पर होने वाली इन आपराधिक वारदातों की शुरू से जानकारी थी। इस वजह से वह भी घटना में शामिल है।अन्य पीड़ितों से शिकायत की अपील
एसपी भसीन ने अपील की कि आरोपियों को सख्त सजा दिलाने के लिए जरूरी है कि वे अन्य पीड़िताएं भी सामने आएं जिनके साथ यह गिरोह पूर्व में घिनौनी वारदात कर चुका है। मैं उन अभिभावकों व पीड़िताओं से यह अपील करती हूं कि वे खुलकर सामने आए। उनकी पहचान पूरी तरह से गुप्त रखी जाएगी। अभिभावक व पीड़ित महिलाएं व युवतियां पूरे भरोसे के साथ एसआइटी के समक्ष आ सकती है।डॉ. संजीव ने किया था छात्रा का प्राथमिक इलाज
दुष्कर्म के दौरान छात्रा की तबितय बिगड़ने पर आरोपियों ने डॉ. संजीव को बुलाकर उसका प्राथमिक उपचार भी कराया था। बावजूद डॉ. संजीव ने पुलिस को सूचना नहीं दी थी। सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को जिस कमरे में अंजाम दी गई वह दीन दयाल का था। इसलिए पुलिस ने डॉ. संजीव और दीन दयाल को भी वारदात में शामिल मानते हुए गिरफ्तार किया है।फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई का अनुरोध करेगी पुलिस
एसआइटी इंचार्ज नाजनीन भसीन ने बताया कि आरोपियों को जल्द सजा दिलाने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का अनुरोध करेंगे। क्या प्राथमिकी दर्ज करने में पुलिस ने शुरूआत में लापरवाही की, इस सवाल पर एडीजीपी श्रीकांत जाधव ने कहा कि लापरवाही की जांच की जा रही है। अगर जांच में लापरवाही साबित हुई तो पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। भसीन ने कहा कि जिस कोठरी में सामूहिक दुष्कर्म को अंजाम दिया गया वह कोठरी अपराधों का अड्डा है। पूर्व में भी यहां पर इस तरह की वारदातें होती रही है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में स्वीकार किया कि ट्यूबवैल मालिक दीनदयाल को लंबे समय से अपनी कोठरी में होने वाले दुष्कर्म जैसे अपराधों की जानकारी थी। भसीन ने यह भी कहा कि अभी नाहड़ के विश्राम गृह में एसआइटी का कैंप कार्यालय कायम रहेगा।
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