मैक्सिको में फुटबॉल वर्ल्डकप खेलेगी राजमिस्त्री की बेटी
आरती नहरपार इंद्रा कॉम्प्लेक्स में किराये के मकान में परिवार के साथ रहती हैं और ओल्ड फरीदाबाद राजकीय कन्या विद्यालय में 10वीं कक्षा की छात्रा हैं।
By Edited By: Updated: Fri, 28 Sep 2018 10:49 AM (IST)
फरीदाबाद (अभिषेक शर्मा)। राजमिस्त्री की बेटी आरती यादव का मैक्सिको में होने वाले होमलेस फुटबॉल वर्ल्डकप के लिए भारतीय टीम में चयन किया गया है। वर्ल्ड कप 13 नवंबर से शुरू होगा। अब चयन होने के बाद आरती वर्ल्ड कप में बेहतर प्रदर्शन के लिए दिन रात कड़ी मेहनत कर रही हैं।
आरती नहरपार इंद्रा कॉम्प्लेक्स में किराये के मकान में परिवार के साथ रहती हैं और ओल्ड फरीदाबाद राजकीय कन्या विद्यालय में 10वीं कक्षा की छात्रा हैं। उनके पिता का नाम जगदीश है। आरती ने बताया कि वह चार साल से सेक्टर-12 हरियाणा राज्य खेल परिसर में फुटबॉल कोच साबिरा शेख से ट्रेनिंग ले रही हैं और कामयाबी के इस मुकाम तक पहुंचाने में उनका मुख्य सहयोग है।वह मई में मुंबई में स्लम शॉकर टूर्नामेंट खेलने गई थी। वहां पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों का चयन ट्रायल के लिए किया गया था और अगस्त माह में नागपुर में ट्रायल के आधार पर मैक्सिको होमलेस वर्ल्डकप के लिए चयन किया गया। उन्होंने बताया कि वह हर उस व्यक्ति की सोच बदलना चाहती हैं, जो लड़कियों को लड़कों से कमजोर समझते हैं।
मां ने किया था इनकार
आरती ने बताया कि वह मूलरूप से राजस्थान की हैं, जहां लड़कियों को घर से बाहर अकेले निकलने की अनुमति नहीं थी। उनकी मां अंगूरी भी नहीं चाहती थी कि वह फुटबॉल खेले। वह हमेशा चूल्हा-चौके में ध्यान देने और 12वीं कक्षा के बाद शादी की बात किया करती थी, लेकिन उनके पिता जगदीश ने हमेशा सहयोग किया और खेलने की अनुमति दी।उस दौरान उसे व उसके पिता को रिश्तेदारों के कटाक्षों का भी सामना करना पड़ा था, लेकिन समाज और रिश्तेदारों के तानों की परवाह किए बिना अपने लक्ष्य के लिए जुटी रही। घर भी बहुत मुश्किल से चलता है आरती ने बताया कि वह चार बहनें और एक भाई हैं और उनके पिता की आय ही जीविका का प्रमुख साधन है। परिवार के हिसाब से आय बहुत कम है और कई बार घर भी मुश्किल से चल पाता है, लेकिन उन्होंने फुटबॉल के अभ्यास में कभी कोई कमी नहीं आने दी है। वह उधार लेकर फरीदाबाद से बाहर होने वाले टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए भेजते हैं।
आरती ने बताया कि वह मूलरूप से राजस्थान की हैं, जहां लड़कियों को घर से बाहर अकेले निकलने की अनुमति नहीं थी। उनकी मां अंगूरी भी नहीं चाहती थी कि वह फुटबॉल खेले। वह हमेशा चूल्हा-चौके में ध्यान देने और 12वीं कक्षा के बाद शादी की बात किया करती थी, लेकिन उनके पिता जगदीश ने हमेशा सहयोग किया और खेलने की अनुमति दी।उस दौरान उसे व उसके पिता को रिश्तेदारों के कटाक्षों का भी सामना करना पड़ा था, लेकिन समाज और रिश्तेदारों के तानों की परवाह किए बिना अपने लक्ष्य के लिए जुटी रही। घर भी बहुत मुश्किल से चलता है आरती ने बताया कि वह चार बहनें और एक भाई हैं और उनके पिता की आय ही जीविका का प्रमुख साधन है। परिवार के हिसाब से आय बहुत कम है और कई बार घर भी मुश्किल से चल पाता है, लेकिन उन्होंने फुटबॉल के अभ्यास में कभी कोई कमी नहीं आने दी है। वह उधार लेकर फरीदाबाद से बाहर होने वाले टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए भेजते हैं।
होमलेस फुटबाल वर्ल्ड कप के बारे में जानें
होमलेस फुटबॉल वर्ल्ड कप, होमलेस वर्ल्डकप फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया जाता है। इसमें विश्व के विभिन्न देशों के आर्थिक रूप से कमजोर व असहाय खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं। उन्हें इस खेल के माध्यम से समाज की मुख्य धारा से जुड़ने का मौका मिलता है। यह वर्ल्ड कप 15 सालों से आयोजित किया जा रहा है। पिछले साल फरीदाबाद की बॉबी रोपल भी वर्ल्ड कप के लिए चयनित हुईं थी।
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