Move to Jagran APP

संगठित गिरोहों के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई, 150 गैंग के 566 गैंगस्टर निशाने पर

प्राधिकरण, आयकर, व्यापार कर, निबंधन सहित अन्य विभागों से 15 दिन में DM ने मांगी रिपोर्ट। बैंक खातें से निकासी पर भी रोक। तीन माह में तैयार होगी रिपोर्ट।

By Amit SinghEdited By: Updated: Thu, 27 Sep 2018 09:40 PM (IST)
Hero Image
संगठित गिरोहों के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई, 150 गैंग के 566 गैंगस्टर निशाने पर
नोएडा (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनते ही मुख्यमंत्री ने सबसे पहले अपराधियों से सख्ती से निपटने और संगठित गिरोहों का जड़ से खात्मा करने की घोषणा की थी। सरकार की इस घोषणा के बाद पूरे राज्य में बदमाशों के ताबड़तोड़ एनकाउंटर शुरू हो गए। इसे लेकर कई बार सवाल भी उठे। ऐसे में अब दिल्ली से सटे नोएडा में पुलिस-प्रशासन ने संगठित गिरोहों को खत्म करने का नया अभियान चलाया है।

इस अभियान के तहत नोएडा पुलिस-प्रशासन ने 150 गैंग के 566 गैंगस्टरों की सूची तैयार की है। जिलाधिकारी ने इन गैंगस्टरों की चल-अचल संपत्ति की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाते हुए इनके बैंक खातों से निकासी पर भी रोक लगा दी है। बृहस्पतिवार को सेक्टर 27 स्थित जिलाधिकारी कैंप कार्यालय पर आयोजित प्रेसवार्ता में जिलाधिकारी बीएन सिंह व एसएसपी डॉ अजय पाल शर्मा ने इसकी जानकारी दी। दोनों अधिकारियों ने बताया कि 1 मई 2017 से लेकर अब तक जिले में कुल 150 गैंग लीडर व इनके गैंग के 566 लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।

इसमें अरबों रूपये का ऑन लाइन क्लिक फ्रॉड का आरोपित एबलेज का मालिक अनुभव मित्तल, कई भू माफिया, खनन माफिया, धोखाधड़ी करने वाले कई बिल्डर, बड़े अपराध में शामिल कुख्यात सुंदर भाटी, अनिल दुजाना के अलावा लूटपाट, चोरी, तस्करी सहित अन्य अपराध में शामिल बदमाशों पर गैंगस्टर के तहत कार्रवाई हुई है।

जिलाधिकारी ने बताया कि इन गैंगस्टर बदमाशों के खिलाफ आगे कार्रवाई के लिए जिले के अन्तर्गत तीनों प्राधिकरण के सीईओ, आयकर आयुक्त, अपर आयुक्त व्यापार कर, सीडीओ, नगर मजिस्ट्रेट, सभी एसडीएम, यूपीएसआईडीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक, आवास विकास परिषद, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन, सहायक महानिरीक्षक निबंधन प्रथम-द्वितीय, सभी रजिस्ट्रार के अलावा जिले के सभी एसओ और बैंक व जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक को पत्र लिखा गया है।

जिलाधिकारी ने इन विभागों से सूचीबद्ध गैंगेस्टर बदमाशों की चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा जो उनके रिकार्ड में है उसे 15 दिनों के अंदर देने को कहा है। जिलाधिकारी ने आदेश दिया है कि यह सभी संस्थाएं किसी भी गिरोह बंद व्यक्ति की चल-अचल संपत्ति के संबंध में तत्काल प्रभाव से अपने स्तर से कोई भी अग्रिम कार्यवाही (नामान्तरण आदि) नहीं करें। वहीं सभी बैंको को निर्देश दिया है कि सूची में दिए गए गिरोहबंद किसी भी व्यक्ति के बैंक खाते में अंतरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए खाते से संबंधित विवरण 15 दिन के अंदर जिला मजिस्ट्रेट को प्रेषित करें।

सभी उप निबंधक को भी इन गैंगस्टर की चल-अचल संपत्ति की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाते हुए 15 दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया है। उधर, अपर जिलाधिकारी प्रशासन को डीएम ने निर्देश दिया है कि गिरोह बंद बदमाशों के पक्ष में अगर कोई हैसियत प्रमाण पत्र या शस्त्र लाइसेंस, कैरेक्टर सर्टिफिकेट जारी है तो उसे निलंबित करने की कार्रवाई करें।

जिलाधिकारी ने आम लोगों से भी मांगी मदद

जिलाधिकारी ने आम लोगों से भी अपील की है कि गैंगस्टर्स की चल-अचल संपत्ति का विवरण यदि उनके पास है और वह जिला प्रशासन के संज्ञान में लाना चाहते हैं तो वह 15 दिन के अंदर जिला मजिस्ट्रेट को उपलब्ध कराएं। उनका नाम प्रशासन गुप्त रखेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि यूपी गिरोह बंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम की धारा 14 एवं 15 के तहत कार्रवाई के लिए यह प्रक्रिया शुरू की गई है।

हिसाब देने के लिए तीन माह का वक्त

इस दौरान इन गैंगेस्टर को तीन माह का समय दिया गया है कि वह प्रशासन को अवगत कराएं कि यह संपत्ति वह कैसे अर्जित किये हैं। अगर उनकी तरफ से दी जाने वाली जानकारी से प्रशासन संतुष्ट होगा तो संपत्ति निर्गत होगी और असंतुष्ट होने पर कुर्की को लेकर पुलिस प्रशासन अग्रिम कार्रवाई करेगा। एसएसपी ने बताया कि जिन लोगों के खिलाफ अभी गैंगेस्टर लगा है उसके अलावा शाहबेरी कांड, डूब क्षेत्र में अवैध कॉलोनी काटने, खाद्यान घोटाले के आरोपित सहित 100 से अधिक के खिलाफ गैंगेस्टर के तहत भी कार्रवाई होगी।

इन गिरोहों के खिलाफ भी हुई है कार्रवाई -

- अनिल दुजाना - ईकोटेक प्रथम (हत्या, रंगदारी)

- सुंदर भाटी - बिसरख (हत्या, मारपीट)

- अनुभव मित्तल - सूरजपुर (धोखाधड़ी)

- कुनाल डोगरा - सेक्टर 58 (धोखाधड़ी)

- रामभूल - फेज तीन (बलवा, मारपीट)

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।