ट्रेनों की लेटलतीफी में हुआ सुधार, समय पर चलने लगी हैं 82 फीसद ट्रेनें
उत्तर रेलवे में फिरोजपुर मंडल की स्थिति सबसे बेहतर है। यहां 87.8 फीसद ट्रेनें समय पर चल रही हैं। वहीं, 85.17 फीसद समयबद्धता के साथ अंबाला मंडल दूसरे स्थान पर है।
By Edited By: Updated: Sat, 29 Sep 2018 07:39 AM (IST)
नई दिल्ली (राज्य ब्यूरो)। ट्रेनों की लेटलतीफी सुधारने के लिए रेल प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं। इसके सकारात्मक परिणाम भी दिखने लगे हैं। दिल्ली मंडल सहित उत्तर रेलवे के अन्य रेल मंडलों की समयबद्धता सुधरी है। दिल्ली मंडल की 82 फीसद ट्रेनें समय पर चल रही हैं।
बिगड़ गया था टाइम टेबल
पिछले वर्ष सर्दी के मौसम से ही ट्रेनों का टाइमटेबल बिगड़ गया था। पहले कोहरे के कारण और उसके बाद रेल पटरियों पर चल रहे काम की वजह से ट्रेनें घंटों देरी से गंतव्य पर पहुंच रही थीं। इससे यात्री परेशान थे और रेलवे की छवि को भी नुकसान पहुंच रहा था। इससे चिंतित रेल प्रशासन ने समयबद्धता सुधारने के लिए कई कदम उठाने की घोषणा की थी।
पिछले वर्ष सर्दी के मौसम से ही ट्रेनों का टाइमटेबल बिगड़ गया था। पहले कोहरे के कारण और उसके बाद रेल पटरियों पर चल रहे काम की वजह से ट्रेनें घंटों देरी से गंतव्य पर पहुंच रही थीं। इससे यात्री परेशान थे और रेलवे की छवि को भी नुकसान पहुंच रहा था। इससे चिंतित रेल प्रशासन ने समयबद्धता सुधारने के लिए कई कदम उठाने की घोषणा की थी।
उठाए गए कई कदम
राजधानी व शताब्दी जैसी वीआइपी ट्रेनों को समय पर चलाने के लिए विशेष अभियान चलाया गया था। साथ ही इस वर्ष के रेलवे टाइमटेबल में भी कई बदलाव किए गए हैं। सिग्नल प्रणाली को अपग्रेड करने के साथ ही पटरियों को भी दुरुस्त किया जा रहा है। इसके साथ ही स्टेशन से ट्रेनों को समय पर रवाना करने में होने वाली परेशानी दूर की जा रही है। 82 फीसद ट्रेनें समय पर चलने लगी हैं
रेल लिंकिंग (एक ट्रेन के कोच को दूसरे कोच में लगाना) व ठहराव में कमी करने के साथ ही समयबद्धता सुधारने के लिए स्टेशनों पर विशेष अधिकारी की तैनाती की जा रही है। 17 से 23 सितंबर के बीच ट्रेनों की समयबद्धता को लेकर बनाई गई रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली मंडल की 82 फीसद ट्रेनें समय पर चलने लगी हैं।
राजधानी व शताब्दी जैसी वीआइपी ट्रेनों को समय पर चलाने के लिए विशेष अभियान चलाया गया था। साथ ही इस वर्ष के रेलवे टाइमटेबल में भी कई बदलाव किए गए हैं। सिग्नल प्रणाली को अपग्रेड करने के साथ ही पटरियों को भी दुरुस्त किया जा रहा है। इसके साथ ही स्टेशन से ट्रेनों को समय पर रवाना करने में होने वाली परेशानी दूर की जा रही है। 82 फीसद ट्रेनें समय पर चलने लगी हैं
रेल लिंकिंग (एक ट्रेन के कोच को दूसरे कोच में लगाना) व ठहराव में कमी करने के साथ ही समयबद्धता सुधारने के लिए स्टेशनों पर विशेष अधिकारी की तैनाती की जा रही है। 17 से 23 सितंबर के बीच ट्रेनों की समयबद्धता को लेकर बनाई गई रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली मंडल की 82 फीसद ट्रेनें समय पर चलने लगी हैं।
फिरोजपुर मंडल की स्थिति सबसे बेहतर
उत्तर रेलवे में फिरोजपुर मंडल की स्थिति सबसे बेहतर है। यहां 87.8 फीसद ट्रेनें समय पर चल रही हैं। वहीं, 85.17 फीसद समयबद्धता के साथ अंबाला मंडल दूसरे स्थान पर है। मुरादाबाद मंडल में 56.28 फीसद और लखनऊ मंडल में मात्र 48.06 फीसद ट्रेनें हीं समय पर चलती हैं।रांची मंडल से सीखने की जरूरत
उत्तर रेलवे को रांची मंडल से सीखने की जरूरत है। यहां की ट्रेनें सौ फीसद समय पर चल रही हैं। इसी तरह से भावनगर मंडल की समयबद्धता 99.35 फीसद है। इस बारे में दिल्ली के मंडल रेल प्रबंधक आरएन सिंह का कहना है कि ट्रेनों को समय पर चलाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिसके परिणाम भी सामने आए हैं। समयबद्धता 95 फीसद तक करने का लक्ष्य है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।उत्तर रेलवे में फिरोजपुर मंडल की स्थिति सबसे बेहतर है। यहां 87.8 फीसद ट्रेनें समय पर चल रही हैं। वहीं, 85.17 फीसद समयबद्धता के साथ अंबाला मंडल दूसरे स्थान पर है। मुरादाबाद मंडल में 56.28 फीसद और लखनऊ मंडल में मात्र 48.06 फीसद ट्रेनें हीं समय पर चलती हैं।रांची मंडल से सीखने की जरूरत
उत्तर रेलवे को रांची मंडल से सीखने की जरूरत है। यहां की ट्रेनें सौ फीसद समय पर चल रही हैं। इसी तरह से भावनगर मंडल की समयबद्धता 99.35 फीसद है। इस बारे में दिल्ली के मंडल रेल प्रबंधक आरएन सिंह का कहना है कि ट्रेनों को समय पर चलाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिसके परिणाम भी सामने आए हैं। समयबद्धता 95 फीसद तक करने का लक्ष्य है।