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दक्षिणी नगर निगम ने जारी किया समिति को फंड , दिल्ली सरकार ने अटकाया रोड़ा

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने पिछले साल देहात के गांवों के विकास के ल

By JagranEdited By: Updated: Fri, 28 Sep 2018 09:41 PM (IST)
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दक्षिणी नगर निगम ने जारी किया समिति को फंड , दिल्ली सरकार ने अटकाया रोड़ा

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने पिछले साल देहात के गांवों के विकास के लिए गठित ग्रामीण विकास समिति को पांच पांच लाख रुपये की रकम जारी की थी। इस बार यह राशि बढ़ाकर 20-20 लाख रुपये कर दी है। हालांकि, गांवों के विकास के लिए जारी इस फंड से काफी राहत मिलेगी, लेकिन गांवों के विकास की रफ्तार में दिल्ली सरकार ने रोड़ा अटका दिया है। छह माह पूरे होने वाले हैं। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम देहात के 86 गांवों के विकास के लिए 81 करोड़ रुपये मिले थे। इस बार यह रकम अभी तक नहीं मिली है।

जानकारों के मुताबिक, सबसे ज्यादा देहात के गांव घुम्मनहेड़ा वार्ड में हैं। जहां गांवों की संख्या 24 है। इसी तरह से ईशापुर वार्ड में 14 गांव हैं। छावला के छह गांवों को मिलाकर इनकी संख्या 44 तक पहुंच गई है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में 86 गांवों में अधिकांश गांव नजफगढ़ और मटियाला विधानसभा में है। इन गांवों में कुछ ऐसे छोटे बड़े गांव हैं जो हरियाणा सीमा से सटे हुए हैं। देहात के गांवों में रहने वालों की इच्छा है कि हरियाणा के गांवों की तरह दिल्ली के गांवों के चौक चौराहे सुंदर हो। एक भव्य प्रवेश द्वार हो। गांव में सड़क किनारे बैठने के लिए बेंच हो। बच्चों के लिए पार्क व झूले हो। हालांकि, इलाके के पार्षद गांवों में पार्क बनाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन पार्क के लिए जमीन, पेड़ पौधे व झूले लगाने के साथ रोशनी का प्रबंध करने के लिए काफी फंड की जरूरत होती है। फंड के अभाव में ग्रामीणों की कसौटी पर खरे भी नहीं उतर रहे हैं।

दैनिक जागरण से बातचीत में ग्रामीण विकास समिति की चेयरमैन अंतिम गहलोत का कहना है कि ग्रामीण विकास समिति को दिल्ली सरकार से समय पर फंड मिलता रहता तो देहात की तस्वीर बदलते देर नहीं लगती। इनका यह भी कहना है कि जिस तरह से निगम ने फंड में बढ़ोतरी की है। दिल्ली सरकार को भी प्रत्येक गांवों के विकास के लिए एक एक करोड़ का फंड अविलंब जारी कर दिया जाना चाहिए।

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