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दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर ने फैला रखा था जाल, डॉक्टर से ठग लिए पांच लाख, चार गिरफ्तार

पुलिस इंस्पेक्टर ने खुद को ड्रग इंस्पेक्टर बताकर डॉक्टर को जेल भेजने की धमकी दी, फिर पांच लाख रुपये की ठगी की थी। आरोपी इंस्पेक्टर फरार है।

By Edited By: Updated: Sat, 29 Sep 2018 07:18 PM (IST)
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दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर ने फैला रखा था जाल, डॉक्टर से ठग लिए पांच लाख, चार गिरफ्तार

गाजियाबाद (जेएनएन)। फर्जी ड्रग इंस्पेक्टर बनकर डॉक्टर से पांच लाख की ठगी करने वाले दिल्ली पुलिस इंस्पेक्टर के चार साथियों को साहिबाबाद पुलिस ने शुक्रवार सुबह गिरफ्तार कर लिया। गिरोह का सरगना दिल्ली पुलिस का इंस्पेक्टर अभी फरार है। पुलिस इंस्पेक्टर ने खुद को ड्रग इंस्पेक्टर बताकर डॉक्टर को जेल भेजने की धमकी दी, फिर पांच लाख रुपये की ठगी की थी। आरोपियों के पास से पुलिस ने ठगी के 2.60 लाख रुपये, चार मोबाइल फोन और डॉक्टर का डिप्लोमा बरामद किया है।

चार आरोपी गिरफ्तार 
सीओ साहिबाबाद डा. राकेश कुमार मिश्र ने बताया कि थाना प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार, निरीक्षक ऋषिपाल शर्मा उप निरीक्षक दुष्यंत राणा ने टीम के साथ शुक्रवार सुबह राम पार्क के पास से चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनकी पहचान कपिल उर्फ वीर सिंह व कमल निवासी शाहदरा दिल्ली और रविंद्र उर्फ टिंकू व प्रीतम सिंह निवासी राजेंद्र नगर, साहिबाबाद के रूप में हुई है, जबकि दिल्ली पुलिस की सशस्त्र शाखा में तैनात इंस्पेक्टर राजकुमार और उसका एक साथी संजीव उर्फ संजू अभी फरार हैं। दोनों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। साहिबाबाद पुलिस ने इंस्पेक्टर राजकुमार के इस अपराध की रिपोर्ट बनाकर दिल्ली पुलिस को भेजी है।

दोस्त ने करवाई ठगी
ठगी का शिकार हुए पीड़ित डाक्टर महानंद सिंह साहिबाबाद के राम पार्क में क्लीनिक चलाते हैं। महानंद ने हाल ही में 20 लाख रुपये का एक प्लॉट बेचा था। इसकी जानकारी महानंद के जिगरी दोस्त इलेक्ट्रीशियन रविंद्र को थी। महानंद के पास 20 लाख रुपये होने के चलते रविंद्र को लालच आ गया। रविंद्र का धंधा मंदा था तो उसने अपने साथी प्रीतम, कमल और कपिल के साथ मिलकर ठगी की योजना तैयार की। इसके बाद सभी दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर राजकुमार के साथ मिले और ठगी की पूरी कहानी रची।

दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर को ड्रग इंस्पेक्टर बनाकर भेजा
साहिबाबाद थाना प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार ने बताया कि 13 सितंबर को रविंद्र डॉक्टर महानंद के घर पहुंचा। कुछ देर बाद दिल्ली पुलिस का इंस्पेक्टर राजकुमार खुद को ड्रग इंस्पेक्टर बताते हुए घर के अंदर घुस आया। आरोपी इंस्पेक्टर ने महानंद पर प्रतिबंधित दवाइयां बेचने का आरोप लगाते हुए जेल भिजवाने की धमकी दी। इस दौरान अन्य आरोपी डॉक्टर के घर के बाहर खड़े थे। मामला रफा-दफा करने के लिए इंस्पेक्टर ने डॉक्टर से 20 लाख रुपये मांगे। इस दौरान रविंद्र ने रुपये देकर जान बचाने का सुझाव दिया। महानंद ने डरकर पांच लाख रुपये इंस्पेक्टर को दे दिए। पीड़ित डॉक्टर को शक हुआ कि आरोपियों ने उससे 20 लाख ही क्यों मांगें। इसके बाद उन्होंने साहिबाबाद थाने में मामले की रिपोर्ट दर्ज करा दी।

ऐसे पकड़े गए आरोपी 
आरोपी इंस्पेक्टर ओला कैब बुक कर आया था। कार का नंबर और इंस्पेक्टर सीसीटीवी में कैद हो गया था। पुलिस ने पता किया कि किस नंबर से कैब बुक की गई थी। इंस्पेक्टर का नंबर निकला तो कॉल डिटेल्स और घटना के वक्त लोकेशन निकाली गई। कॉल डिटेल्स में रविंद्र और अन्य आरोपियों का नंबर मिला। वारदात के समय सबकी लोकेशन एक साथ मिली।

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फरार है आरोपी इंस्पेक्टर
साहिबाबाद थाना प्रभारी ने आरोपी इंस्पेक्टर राजकुमार को पूछताछ के लिए कॉल किया तो उल्टा उन्हीं पर रौब झाड़ने लगा। साहिबाबाद पुलिस को अपने दिल्ली स्थित कार्यालय बुलाया। हालांकि लोकेशन के आधार पर पुलिस ने शुक्रवार सुबह चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी इंस्पेक्टर फरार है। उसकी गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुलिस को एक रिपोर्ट और एफआईआर की कॉपी भेजी गई है।

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