दिल्ली समेत कई राज्यों में चंदन की लकड़ी सप्लाई करने वाले तस्कर गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने तीन चंदन तस्करों को गिरफ्तार किया है। तलाशी में इनके पास से 4.58 टन चंदन की लकड़ी बरामद हुई है, जिसकी कीमत 4 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने दक्षिण भारत से दिल्ली में की जा रही चंदन की लकड़ी की तस्करी के एक मामले का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है। उनकी पहचान कृष्ण, रविंद्र और नीरज सहगल के रूप में हुई है। उनके पास से 4580 किलोग्राम भार के 133 चंदन की लकड़ी के गट्ठे बरामद हुए हैं। इसकी कीमत 1.40 करोड़ रुपये है। वहीं, एक अन्य आरोपी निखिल को हिरासत में लेकर पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
पुलिस को मिली थी सूचना
अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त जी. रामगोपाल नाईक ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ तस्कर चंदन की लकड़ी से भरे ट्रक के साथ शुक्रवार को दिल्ली होते हुए नोएडा की ओर जाने वाले हैं। इसके बाद एसीपी पंकज सिंह की टीम ने आश्रम के समीप चंदन से भरा ट्रक जब्त कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद एक अन्य आरोपी निखिल को भी हिरासत में ले लिया गया।
बेंगलुरु से लाते थे चंदन की लकड़ी
पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि वे बेंगलुरु से चंदन की लकड़ी लेकर आते थे। लकड़ी को रखने के लिए उन्होंने नोएडा में कई गोदाम किराये पर ले रखे थे। गोदाम में एकत्र चंदन को बाद में वे दिल्ली-एनसीआर सहित उत्तर प्रदेश और राजस्थान व अन्य राज्यों सहित विदेश में आपूर्ति करते थे। इसमें उन्हें भारी मुनाफा मिलता था। वे एक हफ्ते में दूसरी बार चंदन की लकड़ी की खेप लेकर दक्षिण भारत से दिल्ली आए थे। तस्कर गत डेढ़ वर्ष से तस्करी में लिप्त थे।
अन्य सदस्यों की तलाश जारी
पुलिस अधिकारी ने बताया कि कृष्ण ट्रक चालक, रविंद्र ट्रांसपोर्टर और नीरज सहगल दलाल है। एक टन चंदन की लकड़ी की तस्करी में रविंद्र को 40 हजार जबकि चालक को 20 हजार रुपये मिलते थे। नीरज गत दो वर्षों से चंदन की दलाली कर रहा था। आरोपी अब तक कई बार बेंगलुरु से चंदन की खेप ला चुके हैं। पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुट गई है।
अगरबत्ती स्टिक के बीच में छुपा कर लाते थे चंदन
पुलिस अधिकारी के अनुसार आरोपियों को पता था कि चंदन की महक से वे पकड़े जाएंगे। इसलिए वे ट्रक के नीचे और ऊपर अगरबत्ती स्टिक रखते थे। जबकि अंदर चंदन की लकड़ी होती थी। उन्होंने अगरबत्ती का लाइसेंस भी लिया हुआ था। लिहाजा जहां भी नाके पर उन्हें रोका जाता आरोपी कर्मियों को ट्रक में अगरबत्ती की लकड़ी होने की बात कहते और छूट जाते थे। चंदन की लकड़ियों प्रयोग इंटीरियर डेकोरेशन व दवा सहित सौंदर्य प्रसाधन के निर्माण में किया जाता था।