डॉक्टर को तीन साल का कारावास
-लोक नायक अस्पताल में मेडिकल सुप¨रटेंडेंट रहते हुए जरूरत से ज्यादा मेडिकल उपकरण खरीदने क
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : भ्रष्टाचार के 14 साल पुराने केस में तीस हजारी की एक अदालत ने लोक नायक अस्पताल के पूर्व मेडिकल सुपरिटेंडेंट व मेडिकल उपकरण सप्लायर को सजा दी। दोषी डॉक्टर राज कुमार नवलखा को जहां तीन साल कारावास और दो लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई, वहीं सप्लायर डिंपल बुद्धिराजा को छह माह कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई गई। विशेष न्यायाधीश किरन बंसल ने सजा सुनाते वक्त कहा कि भ्रष्टाचार एक बुराई है। भ्रष्टाचार किसी भी देश की रीढ़ को कमजोर करने या उसे तोड़ने का काम करता है। हालांकि कोर्ट से दोषी दिए जाने के बाद डॉ. नवलखा ने अपील करते हुए कहा कि वे वरिष्ठ नागरिक हैं और पिछले 14 साल से ट्रायल का सामना कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें राहत दी जाए। वहीं कोर्ट ने सजा सुनाते वक्त कहा कि जिस वक्त अपराध हुआ, उस समय के कानून के हिसाब से सजा दी गई है।
कोर्ट में पुलिस की तरफ से दायर आरोप पत्र के मुताबिक 2003-04 में लोक नायक अस्पताल में मेडिकल उपकरण खरीद में भ्रष्टाचार हुआ था। डॉ. राज कुमार नवलखा तब मेडिकल सुपरिटेंडेंट थे और उन्होंने डिंपल बुद्धिराजा की कंपनी से दो हजार कैथेटर (एक तरह की न्यूट्रीशियन पाइप) खरीदे। अस्पताल में ऑडिट हुआ तो आपत्ति जताई गई कि इतनी बड़ी संख्या में कैथेटर की जरूरत नहीं थी। इतना ही नहीं, जब ऑडिट हुआ तो कुछ ही दिनों में 500 से ज्यादा कैथेटर इस्तेमाल हुए भी दिखा दिए गए। अस्पताल प्रबंधन ने अपनी विभागीय जांच कर केस दर्ज करवाया था। इसके बाद 14 साल तक कोर्ट में ट्रायल चला और अब फैसला आया।