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स्कूलों में सीसीटीवी कैमरों की परियोजना को प्रशासनिक स्वीकृति

सरकारी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की परियोजना को प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है। दो दिन पहले लोक निर्माण विभाग के प्रधान सचिव का पत्र विभाग के प्रमुख अभियंता कार्यालय को मिल गया है। विभाग का कहना है कि परियोजना के टेंडर स्वीकृति के लिए जल्द ही सरकार द्वारा बनाए गए बोर्ड को भेजे जाएंगे। माना जा रहा है कि बोर्ड की मंजूरी मिलने पर एक माह बाद ही परियोजना पर काम शुरू कर दिया जाएगा।

By JagranEdited By: Updated: Sat, 29 Sep 2018 10:30 PM (IST)
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स्कूलों में सीसीटीवी कैमरों की परियोजना को प्रशासनिक स्वीकृति

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : सरकारी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की परियोजना को प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है। दो दिन पहले लोक निर्माण विभाग के प्रधान सचिव का पत्र विभाग के प्रमुख अभियंता कार्यालय को मिल गया है। विभाग का कहना है कि परियोजना के टेंडर स्वीकृति के लिए जल्द ही सरकार द्वारा बनाए गए बोर्ड को भेजे जाएंगे। माना जा रहा है कि बोर्ड की मंजूरी मिलने पर एक माह बाद ही परियोजना पर काम शुरू कर दिया जाएगा।

सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे की योजना महत्वपूर्ण मानी जा रही है। दिल्ली सरकार की 1028 सरकारी स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना है। कुछ दिन पहले ही कैबिनेट से इस परियोजना को मंजूरी मिली थी।

सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में एक लाख 46 हजार 800 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं। इसका मकसद विद्यार्थियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। इस परियोजना पर 597.51 करोड़ की अनुमानित राशि निर्धारित की गई है। इस राशि में से 384.85 करोड़ कैमरे लगाने पर खर्च किए जाएंगे और शेष 57.69 करोड़ की राशि अगले पाच साल तक कैमरों के रखरखाव पर खर्च की जाएगी। इसके अलावा 154.97 करोड़ रुपये इंटरनेट कनेक्शन के लिए होंगे। योजना के अनुसार, परियोजना पूरी होने के बाद अभिभावकों को अपने बच्चों को कक्षा में पढ़ते हुए देखने की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। स्कूलों में हाई-स्पीड इंटरनेट की सुविधा दी जाएगी। पीडब्ल्यूडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम लोगों ने स्कूलों में कैमरे लगाने के लिए चार माह पहले ही टेंडर आमंत्रित कर लिए थे। उसमें कंपनी का चयन भी कर लिया गया है। अब केवल सरकार के बोर्ड से स्वीकृति मिलनी है।

इससे पहले ही दिल्ली भर में 1.40 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने की विवादित परियोजना को भी प्रशासनिक अनुमति मिल चुकी है। इस परियोजना के टेंडर बोर्ड के पास स्वीकृति के लिए भेजे जा चुके हैं।

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