तीन दिन चली डीयू की कार्यकारी परिषद की बैठक
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की कार्यकारी परिषद (इसी) की बैठक तीन
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की कार्यकारी परिषद (इसी) की बैठक तीन दिन चली। बैठक बुधवार को शुरू हुई थी। बुधवार से शुरू हुई बैठक शुक्रवार तक तीनों दिन करीब 10 घंटे चली। वहीं शुक्रवार को बैठक दोपहर बाद 3 बजे शुरू हुई और शनिवार को तड़के तीन बजे हंगामे के साथ समाप्त हुई। बैठक का मुख्य एजेंडा मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी), विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के बीच त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर करने का रहा। इसको लंबी बहस के बाद स्थगित कर दिया गया। सदस्यों ने कहा कि यह समझौता हमने इसलिए स्थगित किया है क्योंकि इससे यूजीसी से मिलने वाला फंड धीरे-धीरे खत्म हो सकता है। साथ ही इस कारण डीयू कई पाठ्यक्रमों में फीस बढ़ोतरी कर सकता है।
बैठक में नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनएसआइटी ) को प्रादेशिक विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया गया। इस पर डीयू उपकुलपति ने कमेटी बनाई है, जो एलजी से मिलकर अपनी आपत्ति दर्ज कराएगी।
स्कूल ऑफ जर्नलिज्म में अनुबंध पर शिक्षक रखे जाने पर आपत्ति : बैठक के दौरान डीयू स्कूल ऑफ जर्नलिज्म का मुद्दा भी उठाया गया। इस दौरान ईसी सदस्यों ने डीयू स्कूल ऑफ जर्नलिज्म में अनुबंध पर शिक्षक रखे जाने पर आपत्ति जताई। ईसी सदस्यों ने कहा कि यह डीयू के नियमों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि अनुबंध के आधार पर शिक्षक नहीं रखे जा सकते हैं। यौन उत्पीड़न के आरोप में सहायक कुलसचिव दोषी
बैठक के दौरान यौन उत्पीड़न के दो मुद्दे भी बैठक में उठे। इस दौरान इंटरनल कंप्लेन कमेटी (आइसीसी) ने डीयू में कार्यरत सहायक कुलसचिव को दोषी पाया। बैठक के दौरान उन्हें लिखित में शिकायतकर्ता से माफी मागने का आदेश दिया गया है। बैठक में सदस्यों ने उनके तबादले की भी माग उठाई।