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इंजीनियरिंग कर खोल ली फ्रॉड कंपनी, प्राइम लोकेशन प्लॉट के नाम पर कईयों को ठगा

पुलिस ने इंजीनियरिंग की पठाई कर ठगी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। तीन साल में दोनों हजारों लोगों से करोड़ों रुपये ठग चुके हैं।

By Amit SinghEdited By: Updated: Sun, 30 Sep 2018 03:08 PM (IST)
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इंजीनियरिंग कर खोल ली फ्रॉड कंपनी, प्राइम लोकेशन प्लॉट के नाम पर कईयों को ठगा

नोएडा (जेएनएन)। दिल्ली-एनसीआर में जमीन की बढ़ती कीमतों ने यहां केवल रीयल एस्टेट बाजार को ही चकाचौंध नहीं किया है, बल्कि इसके नाम पर काफी संख्या में फर्जीवाड़े भी हो रहे हैं। पुलिस ने ऐसे ही एक मामले में इंडीनियरिंग की पठाई पूरी करने वाले दो युवकों को गिरफ्तार किया है। दोनों लोगों को प्राइम लोकेशन पर प्लॉट दिलाने का झांसा देकर ठगी करते थे। पुलिस को आरोपियों के पास से लाखों रुपये का सामान भी बरामद हुआ है।

दोनों आरोपियों की पहचान अनुभव श्रीवास्तव और अमित पटेल के रूप में हुई है। अनुभव नोएडा का रहने वाला है, जबकि अमित मिर्जापुर का है। पुलिस के अनुसार अमित पटेल ने राजस्थान स्थित सिंघानिया यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल डिप्लोमा किया है। अनुभव ने आगरा के सांई नाथ कॉलेज से बीटेक की पढाई की है।

पढाई पूरी करने के बाद दोनों ने वर्ष 2015 में नोएडा के हरौला गांव में अपना प्रॉपर्टी डीलिंग का ऑफिस खोल लिया। प्रॉपर्टी डीलिंग से बहुत ज्यादा फायदा न होने पर दोनों ने अपनी एक रीयल एस्टेट कंपनी बनाई और उसकी एक फर्जी वेबसाइट तैयार कर ली।

वेबसाइट के जरिए आरोपियों ने रीयल एस्टेट में निवेश के इच्छुक लोगों को फंसाने का गोरखधंधा शुरू कर दिया। नोएडा में काम सही नहीं चलने पर कुछ समय बाद ही दोनों ने मिलकर अपना ऑफिस दिल्ली में खोल लिया था। हालांकि आरोपियों को दिल्ली में पकड़े जाने का डर था। इसलिए कुछ समय पहले इन्होंने फिर से अपना ऑफिस नोएडा के हरौला गांव में खोल लिया था।

नोएडा-ग्रेटर नोएडा में प्लॉट का झांसा देते थे

पुलिस के अनुसार आरोपी अपनी वेबसाइट पर प्रॉपर्टी सर्च करने वालों या रजिस्ट्रेशन कराने वालों को नोएडा और ग्रेटर नोएडा समेत यमुना एक्सप्रेस-वे की प्राइम लोकेशन पर काफी कम कीमत पर प्लॉट दिलाने का झांसा देते थे। एक बार झांसे में आने के बाद आरोपी पीड़ित से अपने खाते में कुछ रुपये जमा करा लेते थे। इसके बाद वह धीरे-धीरे पीड़ित से लाखों रुपये ठग लेते थे।

आठ लाख नकद और 15 मोबाइल बरामद

थाना सेक्टर-20 प्रभारी निरीक्षक मनोज पंत ने बताया कि आरोपियों के पास से आठ लाख रुपये नकद, 21 डेबिट कार्ड और 15 मोबाइल फोन बरामद हुए हैं। आरोपी दूसरे को प्लॉट को दिखाकर सौदा कर लेते थे। सौदा करते वक्त आरोपी प्लॉट के नजदीक ही अस्पताल, स्कूल और मेट्रो आदि की सुविधा होने का भी दावा करते थे।

अधिकारी भी फंसे झांसे में

पुलिस के अनुसार आरोपियों ने कई अधिकारियों को भी झांसे में लेकर फंसा रखा है। धोखाधडी की मुख्य वजह ब्लैकमनी है। ज्यादातर लोगों ने आरोपियों को नकद में ब्लैक मनी का भुगतान किया था। इस वजह लोगों ने शिकायत नहीं की थी। आरोपियों के मोबाइल फोन और लैपटॉप जब्त कर साइबर सेल से उनकी जांच कराई जा रही है।

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