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डीयू ने दो वर्षों से कॉलेजों को शोध के लिए नहीं दिया फंड, रैंकिंग पर भी पड़ रहा है असर

इनोवेशन व शोध के लिए दिया जाने वाला फंड डीयू की सबसे बेहतरीन सुविधाओं में से एक था लेकिन पिछले दो वर्षों से यह जारी नहीं किया गया है।

By Edited By: Updated: Sun, 30 Sep 2018 07:40 PM (IST)
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डीयू ने दो वर्षों से कॉलेजों को शोध के लिए नहीं दिया फंड, रैंकिंग पर भी पड़ रहा है असर

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की तरफ से दो वर्षों से कॉलेजों व विभागों को शोध व इनोवेशन के लिए फंड नहीं दिया जा रहा है। इससे शोध को बढ़ावा देने वाली कई सुविधाओं में कमी आई है। साथ ही इसका असर विश्वविद्यालय की विश्वस्तरीय रैंकिंग पर भी पड़ रहा है। डीयू के अकादमिक परिषद के सदस्यों व शिक्षकों का कहना है कि वे इस संबंध में कुलपति से बात करेंगे।

दो वर्षों जारी नहीं किया गया है फंड 
डीयू के अकादमिक परिषद के सदस्य प्रो. पंकज गर्ग का कहना है कि फंड आवंटित होने के बाद भी शोध के लिए मुहैया नहीं कराया जा रहा है। इनोवेशन व शोध के लिए दिया जाने वाला फंड डीयू की सबसे बेहतरीन सुविधाओं में से एक था लेकिन पिछले दो वर्षों से यह जारी नहीं किया गया है।

कॉलेजों को फंड आवंटित नहीं किया गया है
साल 2017-18 के अकादमिक सत्र में शोध एवं इनोवेशन के लिए विश्वविद्यालय के सभी विभागों के लिए 12 करोड़ रुपये जबकि कॉलेजों के लिए 14 करोड़ रुपये के फंड की स्वीकृति हुई थी। लेकिन, अभी तक विभागों एवं कॉलेजों को फंड आवंटित ही नहीं किया गया है। कार्यकारी परिषद के सदस्य राजीव झा का कहना है कि शिक्षकों की तरफ से जल्द ही इस मामले को लेकर डीयू के कुलपति से मिलकर बातचीत की जाएगी। 

मामले में जांच की जाएगी
डीयू प्रशासन ने कहा है कि यह देखा जाएगा कि इनोवेशन एवं शोध के लिए कितना फंड पिछले वर्षों में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को आवंटित किया गया है। इस मामले में जांच की जाएगी। विश्वविद्यालय की तरफ से शोध को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास किया जाता रहा है।

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