Move to Jagran APP

नवजातों के फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहा प्रदूषण

मनीषा गर्ग, पश्चिमी दिल्ली : दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण नवजात शिशु व समय से पूर्व

By JagranEdited By: Updated: Thu, 25 Oct 2018 09:40 PM (IST)
Hero Image
नवजातों के फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहा प्रदूषण

मनीषा गर्ग, पश्चिमी दिल्ली : दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण नवजात शिशु व समय से पूर्व जन्मे शिशु के लिए खतरा कई गुना बढ़ गया है। वहीं, जिन गर्भवती महिलाओं को धूल-मिट्टी से एलर्जी, अस्थमा, फेफड़ों, सांस फूलने व दम घुटने की बीमारी है वे अभी से सतर्क हो जाएं। प्रदूषण शिशुओं की पाचन क्रिया, फेफड़ों व उन्हें दिमागी रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।

डाबड़ी स्थित दादा देव मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में उप-चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दीपमाला ने बताया कि गर्भवती महिलाएं और नवजात शिशु जितना हो सकें घर से बाहर निकलने से परहेज करें। हवा में घटती नमी व प्रदूषण के बढ़े स्तर के कारण शिशु की आंखों में एलर्जी की शिकायत हो जाती है। इस दौरान आंखों से पानी बहना व लाल होने से शिशुओं का स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है। नवजात शिशु की त्वचा काफी कोमल व नाजुक होती है, लेकिन प्रदूषण के कारण त्वचा पर लाल-लाल दाने व चकत्ते हो जाते हैं। वहीं, नाक में रुखापन आ जाता है, जिसके कारण शिशु का सांस लेना मुश्किल हो जाता है।

डॉ. दीपमाला बताती हैं कि समय से पूर्व जन्म लेने के कारण अपरिपक्व शिशुओं में फेफड़ों का उचित ढंग से विकास नहीं हो पाता है। ऐसे में प्रदूषण के दौरान उनमें सांस लेने में तकलीफ, दम फूलने जैसी शिकायत अधिक बढ़ जाती है। अभी अस्पताल में जांच के लिए आने वाले शिशुओं के नाक में गीलापन बना रहे इसके लिए दवा उपलब्ध कराई जा रही है। हालांकि, प्राथमिक स्तर पर दवाओं से स्थिति को संभाला जा सकता है, परंतु अधिक परेशानी होने पर शिशु को अस्पताल में भर्ती करना एकमात्र उपाय है। क्या-क्या बरतें सावधानी :

डॉ. दीपमाला ने बताया कि मां तीन माह से पूर्व किसी भी बाहरी शख्स को बच्चे को जल्दी न दें। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। कोई शिशु को गोद में लेता भी है तो साबुन से पहले ठीक ढंग से हाथ साफ करें। मां प्रदूषण से बचने के लिए मास्क का प्रयोग कर सकती है। वहीं, बदलते मौसम के कारण अभी शिशुओं में बलगम, खांसी, जुकाम की शिकायत भी काफी बढ़ गई है। अभी शिशुओं को गर्माहट की सख्त जरूरत होती है। ऐसे में मां अपने शिशु को छाती से चिपका कर उन्हें गर्माहट दे सकती है। यह शिशुओं के स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।