अंशु प्रकाश मामले में मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री को मिली जमानत
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से बदसुलूकी व मारपीट मामले में बृह
By JagranEdited By: Updated: Thu, 25 Oct 2018 09:54 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से बदसुलूकी व मारपीट मामले में बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया व नौ आप विधायकों के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश होने के बाद जमानत मिल गई। कोर्ट द्वारा जारी समन पर सभी आरोपित अदालत में पेश हुए थे और उन्हें 50-50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई। आप विधायक अमानतुल्ला खान व विधायक प्रकाश जारवाल को इस मामले में हाई कोर्ट से पहले ही जमानत मिल चुकी है।
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने जवाब दाखिल किया कि केस की पैरवी के लिए एक अधिकारी को नियुक्त कर दिया गया है। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने पुलिस की रिपोर्ट पर संतुष्टि जताई और सुनवाई के लिए मामले को नौ दिसंबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया। गौरतलब है कि अंशु प्रकाश का आरोप है कि 19 फरवरी की रात 12 बजे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर उनके साथ मारपीट की गई थी। दिल्ली पुलिस ने आरोप-पत्र में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत 13 विधायकों को आरोपित बनाया है। मुख्यमंत्री के तत्कालीन सलाहकार वीके जैन को मुख्य चश्मदीद गवाह बनाया गया है। वीके जैन ने बयान में कहा है कि आप विधायक अमानतुल्ला खान व प्रकाश जारवाल ने मुख्य सचिव का गला दबाकर मारपीट की थी। पिटाई के दौरान उनका चश्मा जमीन पर गिर गया था। समिति की कार्यवाही को दुर्भावना से ग्रसित बताया हाई कोर्ट में विधानसभा की विशेषाधिकार समिति द्वारा जारी समन को लेकर दायर चुनौती याचिका पर गुरुवार को मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की तरफ से दलील दी गई। वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने न्यायमूर्ति विभू बाखरू की पीठ को बताया कि मुख्य सचिव के खिलाफ विशेषाधिकार समिति की कार्यवाही पूर्वनियोजित और दुर्भावना से ग्रसित थी।
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