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PayTm Extortion: थाइलैंड से सिम मंगा कोलकाता से मांगी रंगदारी, ऐसे हुआ खुलासा

PayTm मालिक विजय शेखर से 20 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने की कई महीने से साजिश बन रही थी। कंपनी में वाइस प्रेसिडेंट रही सोनिया सहित तीन आरोपित हो चुके हैं गिरफ्तार।

By Amit SinghEdited By: Updated: Fri, 26 Oct 2018 07:23 PM (IST)
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PayTm Extortion: थाइलैंड से सिम मंगा कोलकाता से मांगी रंगदारी, ऐसे हुआ खुलासा
नोएडा, जेएनएन। पेटीएम के संस्थापक व मैनेजिंग डायरेक्टर (एमडी) विजय शेखर शर्मा से 20 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में थाना सेक्टर 20 पुलिस को जांच में पता चला है कि आरोपित कई महीने से साजिश रच रहे थे। रणनीति के तहत कोलकाता का रहने वाला फरार आरोपित रोहित चोमल थाइलैंड गया था। उसने वहां की एक टेलीकॉम कंपनी का सिम कार्ड खरीदा।

इसके बाद उसने कोलकाता वापस आकर उसी सिम कार्ड के जरिये अपने मोबाइल फोन से रंगदारी मांगने के लिए वाट्सएप कॉल किया। इससे विजय शेखर को लगा कि रंगदारी मांगने वाला आरोपित विदेशी है। वर्चुअल कॉल की रिकॉर्डिंग नहीं हुई थी। इस वजह से कॉल करने वाले आरोपित के संबंध में उस दौरान कोई जानकारी नहीं मिल सकी थी।

पुलिस के अनुसार, पेटीएम के कुछ सदस्य इजरायल के रहने वाले हैं। उन सदस्यों से कंपनी ने विदेशी नंबर से वाट्सएप कॉल कर रंगदारी मांगे जाने की बात साझा की। कुछ सदस्यों की पहचान इजरायली एजेंसी मोसाद के अधिकारियों से थी। उन्होंने आरोपित का वाट्सएप नंबर उस एजेंसी को दिया था। उस एजेंसी ने ही 50-60 सेकेंड की कॉल को डी-कोड कर वर्चुअल कॉल का लिंक प्राप्त कर लिया। इसी के बाद आरोपित रोहित चोमल के नाम और पते की जानकारी पेटीएम के अधिकारियों को हुई।

इसके बाद विजय शेखर शर्मा के भाई व कंपनी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय शेखर की शिकायत पर थाना सेक्टर 20 पुलिस ने एफआइआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने विजय शेखर की निजी सचिव व कंपनी की वाइस प्रेसिडेंट (वीपी) सोनिया धवन, उनके पति सहित व एक अन्य पेटीएम कर्मी देवेंद्र को किया है। हालांकि, अभी मामले में कंपनी के संस्थापक विजय शेखर का बयान दर्ज नहीं किया गया है। थाना सेक्टर-20 प्रभारी व केस के जांच अधिकारी इंस्पेक्टर मनोज पंत ने बताया कि चूंकि विजय शेखर को ही फोन कर 20 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई थी, इसलिए जल्द ही उनका भी बयान दर्ज होगा।

एक और नाम आरोपितों की लिस्ट में हो सकता है शामिल

पुलिस के अनुसार, अबतक की जांच में एक अन्य संदिग्ध का नाम सामने आया है। कंपनी का एक अन्य कर्मचारी कुछ माह पहले डाटा चोरी करते हुए पकड़ा गया था। उस दौरान कंपनी ने उसे नौकरी से हटा दिया था। आशंका है कि वह डाटा चुराने में सोनिया की मदद कर रहा था। पुलिस अब अपने केस की जांच में उसका नाम शामिल कर सकती है। हालांकि, पुलिस कंपनी के संस्थापक के बयान दर्ज होने का इंतजार कर रही है। अगर बयान में उस व्यक्ति का नाम सामने आता है तो पुलिस उसे आरोपित की लिस्ट में शामिल कर सकती है। उधर, पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार आरोपित देवेंद्र ने बताया था कि जो हार्डडिस्क उसके घर से बरामद हुई है वह खुद सोनिया ने उसे रखने के लिए दी थी।

जेल से चिट्ठी लिख सोनिया रख सकती हैं अपना पक्ष

लुक्सर जेल में बंद पेटीएम कंपनी की वाइस प्रेसिडेंट सोनिया धवन, जेल से चिट्ठी लिखकर पूरे प्रकरण पर अपना पक्ष रख सकती हैं। उनके बहनोई पुनीत कुमार ने दावा किया है कि सोनिया इस पूरे मामले में जेल से ही चिट्ठी लिखकर अपना पक्ष रखना चाहती हैं। उन्हें अपने ऊपर लगे गंभीर आरोपों की जानकारी मीडिया में प्रकाशित हो रही खबरों से हो रही है। बुधवार को जेल में पुनीत कुमार की सोनिया से मुलाकात हुई थी।

फोन करने वाला अभी भी फरार

कंपनी के एमडी विजय शेखर शर्मा से वर्चुअल कॉल कर रंगदारी मांगने का मुख्य आरोपित कोलकाता का रहने वाला रोहित चोमल है। पुलिस के अनुसार, उसने ही बताया था कि पूरी साजिश के पीछे कंपनी की वाइस प्रेसिडेंट सोनिया धवन, उसके पति रूपक जैन व कंपनी कर्मी देवेन्द्र का हाथ है। रोहित की गिरफ्तारी के लिए नोएडा पुलिस की एक टीम कोलकाता गई है, लेकिन अबतक आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

म्यूजियम प्रोजेक्ट का प्लान चोरी होने की आशंका

जांच से जुड़े एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि विजय शेखर एक म्यूजियम खोलना चाहते थे। इसमें देश-विदेश में पाई जाने वाली बेसकीमती, वर्षो पुरानी व ऐतिहासिक वस्तुओं को खरीद कर रखा जाना था। साथ ही इसे बेचने का अधिकार भी कंपनी के पास होता। इस प्रोजेक्ट पर लंबे समय से काम चल रहा था। कंपनी के अंदर इस पर काफी काम हो चुका है। प्रोजेक्ट को धरातल पर लाने को लेकर ज्यादातर काम किए जा चुके हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इसी प्रोजेक्ट का डाटा चोरी होने की आशंका है। हालांकि, फोरेंसिक रिपोर्ट सामने आने पर ही सही तथ्य का पता लग सकेगा। इसको लेकर पुलिस अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।

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