स्वदेशी मेले में आकर लोग ले रहे बेहतर अनुभव
देशभक्ति से ओतप्रोत माहौल में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच स्वदेशी वस्तुओं की खरीदारी करनी हो तो उपनगरी द्वारका में आयोजित हो रहे स्वदेशी मेले में अवश्य पहुंचे। यहां आपको न सिर्फ स्वदेशी वस्तुओं की जमकर खरीदारी कर सकते हैं बल्कि इन्हें कैसे बनाया जाता है इसकी जानकारी भी पा सकते हैं। पांच दिवसीय इस मेले में रोजाना काफी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।
By JagranEdited By: Updated: Fri, 26 Oct 2018 07:17 PM (IST)
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---जम्मू कश्मीर, बंगाल, बिहार, झारखंड, केरल के स्टॉल पर काफी संख्या में लोग कर खरीदारी ....... जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : देशभक्ति से ओतप्रोत माहौल में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच स्वदेशी वस्तुओं की खरीदारी करनी हो तो उपनगरी द्वारका में आयोजित हो रहे स्वदेशी मेले में अवश्य पहुंचे। यहां आप न सिर्फ स्वदेशी वस्तुओं की जमकर खरीदारी, बल्कि इन्हें कैसे बनाया जाता है। इसकी जानकारी भी पा सकते हैं। छह दिवसीय इस मेले में रोजाना काफी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।
मेले में प्रतिभाशाली बच्चों के अंदर की प्रतिभा को बाहर लाने के लिए कई तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन हो रहा है। रंग भरो प्रतियोगिता, स्लोगन बनाओ प्रतियोगिता जैसे आयोजन बच्चों को खूब आकर्षित कर रहे हैं। नृत्य या गायन में रुचि रखने वाले बच्चों को यहां मंच उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं, बड़ों के लिए विभिन्न राज्यों के स्टॉल आकर्षण का केंद्र बने हैं। जम्मू कश्मीर, बंगाल, बिहार, झारखंड, केरल के स्टॉल पर काफी संख्या में लोग खरीदारी कर रहे हैं। इन उत्पादों की सबसे बड़ी खासियत इनका शुद्ध देशी तकनीक से बनना है। चाहे गोमूत्र हो या गोबर से बने तरह-तरह के उत्पाद या हथकरघा से बनी साड़ियां लोग पसंद कर रहे हैं।
मेले में एक स्टॉल पर देशी नस्लों की गायों व उनसे जुड़ी खासियत की जानकारी भी दी जा रही थी। वहीं, अन्य स्टॉल पर खादी से बने वस्त्र उपलब्ध थे। इसके अलावा देशी चिकित्सा पद्धति के स्टॉल पर भी लोगों की काफी भीड़ थी। लोगों को योग, आयुर्वेद के बारे में बताया जा रहा था। मेला देखने आए लोगों ने बताया कि इस आयोजन से उन्हें न सिर्फ सस्ते और गुणवत्ता युक्त उत्पाद खरीदने को मिले, बल्कि स्वदेशी उत्पादों के महत्व का भी पता चला। शनिवार को करवा चौथ के चलते मेले में महिलाओं का पूजन में प्रयोग बर्तन की तरफ अधिक झुकाव था। साथ ही महिलाओं ने पर्स, चूड़ियां, हस्तनिर्मित फेसपैक आदि की खरीदारी पर अधिक ध्यान दिया। सांस्कृतिक में शुक्रवार को कव्वाली कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
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