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सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस के दावे हो रहे पस्त

पश्चिम विहार में ए-6 स्थित आनंदवन सोसाइटी में दो बुजुर्ग बहनों की हत्या मामले में सोसाइटी के लोगों ने बताया कि यहां सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौपट है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आरोपित प्लंबर जब बुधवार दोपहर सोसाइटी में आया था, तब बकायदा उसने गेट एंट्री की थी। पर वहीं बृहस्पतिवार को जब वह अपने साथियों के साथ सोसाइटी में दाखिल हुआ इसकी जानकारी गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी को नहीं है। इस बावत पूछने पर सुरक्षाकर्मी ने टाल-मटोल करने की कोशिश की। सोसाइटी में कब कौन आ रहा है और कब कौन जा रहा है इससे उन्हें कोई मतलब नहीं है।

By JagranEdited By: Updated: Fri, 26 Oct 2018 07:47 PM (IST)
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सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस के दावे हो रहे पस्त

फोटो नंबर 26 यूटीएम 11,12

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जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : पश्चिम विहार में ए-6 स्थित आनंदवन सोसायटी में दो बुजुर्ग बहनों की हत्या के मामले में सोसायटी के लोगों ने बताया कि यहां सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौपट है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आरोपित प्लंबर जब बुधवार दोपहर सोसायटी में आया था, तब बकायदा उसने गेट से एंट्री की थी, वहीं बृहस्पतिवार को जब वह अपने साथियों के साथ सोसायटी में दाखिल हुआ तो इसकी जानकारी गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी को नहीं है। इस बाबत पूछने पर सुरक्षाकर्मी ने टाल-मटोल करने की कोशिश की। सोसायटी के बुजुर्गों ने बताया कि सोसायटी में कुल 100 फ्लैट हैं और सुरक्षा के नाम पर केवल चार कैमरे लगे हैं। पुलिस की ओर से न ही सोसायटी में कोई गश्त की जाती है और न ही सोसायटी में रहने वाले बुजुर्गों का पुलिस की सीनियर सिटीजन सूची में नाम है। सोसायटी से कुछ ही दूरी पर बालाजी एक्शन अस्पताल के सामने पुलिस चौकी बनी हुई है। वहीं, पश्चिम विहार जीएच-13 में भी बुजुर्ग मां व दिव्यांग बेटी की हत्या मामले में सुरक्षा व्यवस्था चौपट नजर आई थी। इन तमाम घटनाओं से पुलिस की ओर से सुरक्षा को लेकर किए जाने वाले दावे पस्त होते दिख रहे हैं। बड़ी बहन ऊषा सालभर से थी बीमार : मृतक ऊषा पाठक व आशा पाठक के बारे में जिक्र करते हुए एक बुजुर्ग महिला ने बताया कि उनके परिवार में कोई नहीं है। फरीदाबाद में उनके मृत भाई की एक बेटी रहती है, जो साल में एकाध बार मिलने आती थी। बीते एक साल से ऊषा की तबीयत काफी खराब थी, जिसके कारण दोनों बहने घर से कम ही निकलती थीं। घर का जो भी सामान उन्हें चाहिए होता था, वे घरेलू सहायिका से मंगा लेती थी। दोनों अपनी पेंशन से घर चलाती थी। उनके पिता बच्चों को स्कूल में शास्त्रीय संगीत सिखाते थे। ऐसे में उनकी भी संगीत में काफी रुचि थी। उनका स्वभाव काफी अच्छा था। बुजुर्ग महिला ने बताया कि इस हादसे के बाद डर लगने लगा है। सोसायटी आरडब्ल्यूए को चाहिए कि वे इस हादसे से सबक लेकर सोसायटी की सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद करें और सोसायटी में सुरक्षाकर्मी की नियुक्ति जल्द से जल्द हो।

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