बिल वसूली के लिए अस्पताल पर बच्चे को बंधक बनाने का आरोप
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली किडनी की बीमारी से पीड़ित छह साल कामासूम करीब चार माह से गंगाराम
By JagranEdited By: Updated: Fri, 26 Oct 2018 11:02 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली
किडनी की बीमारी से पीड़ित छह साल कामासूम करीब चार माह से गंगाराम अस्पताल में भर्ती है। बच्चे के पिता का आरोप है कि बकाया बिल वसूलने के लिए अस्पताल में बच्चे को बंधक बनाकर रखा गया है। वह बच्चे को घर ले जाना चाहते हैं पर उसे छुट्टी नहीं दी जा रही है। इस संबंध में बच्चे के पिता ने मामले की शिकायत पुलिस से की है। वहीं, अस्पताल प्रशासन ने आरोपों को गलत बताया है। अस्पताल का कहना है कि पिछले कुछ समय से बच्चे को निशुल्क इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है। बच्चे के पिता प्रमोद ने कहा कि वह नोएडा के बरौला में रहते हैं और पेशे से पेंटर हैं। झोलाछाप डॉक्टर द्वारा बेटे प्रियाश को ज्यादा डोज का इंजेक्शन लगाने से उसकी दोनों किडनी खराब हो गई। उन्होंने उसे वर्ष 2016 में गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया था। तब उत्तर प्रदेश सरकार ने बच्चे के इलाज के लिए अस्पताल को पाच लाख रुपये की सहायता राशि दी थी। बच्चे के ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल गई। स्वास्थ्य दोबारा खराब होने के कारण इस वर्ष 30 जून को एक बार फिर अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। भर्ती कराने के लिए अस्पताल को 25,000 रुपये अपने पास से दिए थे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पहले से जारी सहायता राशि का डेढ़ लाख रुपया अस्पताल के पास बचा हुआ था, लेकिन इलाज का बिल लाखों में बना दिया गया। बिल अधिक होने के कारण बच्चे को जनरल वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया। अस्पताल से छुटटी मांगने पर यह कहकर रोक लिया गया कि बकाया भुगतान नहीं होने तक उसे छुट्टी नहीं दी जाएगी।
अस्पताल के एडिशनल मेडिकल डायरेक्टर डॉ. एसके कटोच ने कहा कि परिजनों का आरोप मनगढ़ंत है। सच्चाई यह है कि वर्ष 2016 से अब तक बच्चे को तीन बार उन्होंने अस्पताल में भर्ती कराया है। अस्पताल में दाखिले के समय उन्होंने पेड वार्ड का चयन खुद किया था। बच्चे के इलाज पर 12,59,797 रुपये खर्च हुए हैं, जिसमें से उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री फंड से 4,71,077 रुपये मिले हैं। इसके अलावा परिजनों ने 25,000 रुपये जमा कराए हैं। शेष राशि 7,63,720 रुपये बकाया है। इसके बाद भी पिछले आठ अक्टूबर से जनरल वार्ड में बच्चे का निशुल्क इलाज किया जा रहा है। उसे डेढ़ लाख की दवा निशुल्क दी गई है। मरीज के परिजनों को बॉबी कटारिया नामक एक व्यक्ति ने बहकाया है, जो सोशल मीडिया पर अपना बैंक खाता वायरल कर पैसा एकत्रित करता है। इस व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल की तरफ से बच्चे की पूरी मदद की जा रही है।
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