DTC के 2000 हड़ताली कर्मचारियों पर लगा एस्मा, 22 अक्टूबर से चल रही हड़ताल
डीटीसी में 14 हजार के करीब अनुबंधित कर्मचारी हैं। इनमें से कई शीला सरकार के समय से भी काम कर रहे हैं। इनमें से करीब दो हजार कर्मचारियों ने 22 अक्टूबर से हड़ताल शुरू की है।
By Edited By: Updated: Sat, 27 Oct 2018 07:42 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली सरकार ने दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के अनुबंधित कर्मचारियों की हड़ताल को गैरकानूनी बताते हुए छह माह तक के लिए एस्मा (आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून) लगा दिया है। इस संबंध में परिवहन विभाग ने शुक्रवार को गृह विभाग के पास प्रस्ताव भेजा था, जिसमें कहा गया कि हड़ताल के कारण डीटीसी का परिचालन प्रभावित हो रहा है।
डीटीसी के चालक और परिचालक इन दिनों हड़ताल पर हैं। गृह विभाग ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को स्वीकृति देकर फाइल उपराज्यपाल के पास भेज दी थी। उपराज्यपाल से मिली स्वीकृति पर गृह विभाग के विशेष सचिव ओ.पी. मिश्रा ने शनिवार को एस्मा लगाने के आदेश जारी कर दिए। इसके बाद पुलिस ने आइपी एस्टेट पर धरना दे रहे डीटीसी के अनुबंधित कर्मचारियों को एस्मा लगाए जाने का पत्र सौंप दिया।पुलिस ने हड़ताल कर रहे कर्मचारियों से कहा है कि वे धरना समाप्त करें अन्यथा उन्हें कार्रवाई करनी होगी। उधर, धरना दे रहे कर्मचारियों के नेता मनोज शर्मा व वाल्मीकि झा ने कहा है कि वे इससे डरने वाले नहीं है। यह उन पर दमन की कार्रवाई है। वे आंदोलन जारी रखेंगे। पुलिस भले ही उन्हें जेल भेज दे। वह जेल जाने को तैयार हैं।
मालूम हो कि डीटीसी में 14 हजार के करीब अनुबंधित कर्मचारी हैं। इनमें से कई शीला सरकार के समय से भी काम कर रहे हैं। इनमें से करीब दो हजार कर्मचारियों ने 22 अक्टूबर से हड़ताल शुरू की है। इसपर सख्त रुख अपनाते हुए डीटीसी के महाप्रबंधक (ऑपरेशन) ने पत्र जारी कर चेतावनी दी थी कि कर्मचारी काम पर लौटें अन्यथा सख्त कदम उठाया जाएगा। हड़ताली कर्मचारियों को नौकरी से भी हाथ धोना पड़ सकता है।इसके साथ ही डीटीसी ने हड़ताल कर रही यूनियन के 8 मुख्य नेताओं को बर्खास्त कर दिया था। उसके बाद से कर्मचारियों की मांग में इन आठ कर्मचारियों को बहाल किए जाने की मांग भी शामिल हो गई है। हड़ताली कर्मचारी मांग कर रहे हैं कि जो कर्मचारी ठेकेदारों के माध्यम से विभिन्न विभागों व निगमों में लगाए गए हैं। उन्हें विभाग के स्तर पर लगाया जाए। समान काम, समान व्यवस्था लागू की जाए। इसके अलावा नौकरी की सुरक्षा की गारंटी दी जाए।
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