प्रदूषण की एक माह में 2500 शिकायत, मात्र 250 पर अमल, अब होगी क्रिमिनल FIR
दीपावली के आसपास हवा में आने वाले बदलाव को देखते हुए केंद्र ने दिल्ली सहित पड़ोसी राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों व अधिकारियों की एक नवंबर को बैठक बुलाई है।
By Amit SinghEdited By: Updated: Sun, 28 Oct 2018 04:41 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (दिल्ली-एनसीआर) में प्रदूषण स्तर तेजी से बढ़ रहा है। दीपावली तक इसके जानलेवा स्तर तक पहुंचने की आशंका है। सरकारी स्तर पर प्रदूषण नियंत्रण के कई बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं। हालांकि धरातल पर हकीकत कुछ और है। प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सरकारी संस्थान कितने गंभीर हैं, इसका अंदाजा पिछले एक माह में मिली प्रदूषण संबंधी 2500 शिकायतों से लगाया जा सकता है। संबंधित विभागों की निष्क्रियता की वजह से इनमें से मात्र 250 शिकातयों पर ही अब तक अमल हुआ है।
दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देख केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शनिवार को सरकारी एजेंसियों के रवैए को लेकर सख्त नाराजगी जताई है। साथ ही कहा है कि अब यदि शिकायतों पर 48 घंटे में अमल नहीं हुआ तो संबंधित एजेंसियों और विभागों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया जाएगा। किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा, भले ही वह कितना प्रभावशाली विभाग या अधिकारी ही क्यों न हो।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस संबंध में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दे दिए गए हैं। अगले हफ्ते से इस पर अमल शुरू कर देंगे। सोमवार को उन्होंने दिल्ली और एनसीआर के उन सभी विभागों व एजेंसियों की बैठक बुलाई है, जिनके ऊपर प्रदूषण पर रोकथाम की जवाबदेही है। केंद्रीय मंत्री ने इससे पहले दिल्ली और एनसीआर के शहरों में प्रदूषण फैलाने वालों पर नजर रखने के लिए तैनात की गई केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की टीमों के साथ चर्चा की। चर्चा में यह जानने की कोशिश की कि इसकी रोकथाम में कहां दिक्कत हो रही है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सीपीसीबी ने सर्दी के दिनों में दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण के बढ़ने वाले स्तर को देखते हुए 15 सिंतबर से निगरानी शुरू की है। इस दौरान प्रदूषण फैलाने से जुड़ी करीब 25 सौ शिकायतें दर्ज की गई हैं। संबंधित विभागों को इन शिकायतों पर अमल करना था, लेकिन इनमें से सिर्फ 250 शिकायतों पर ही अमल हुआ है। यह गंभीर लापरवाही है। ऐसे में अब सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया गया है। इसके दायरे में केंद्र, दिल्ली सरकार और नगरीय निकाय सभी होंगे।साथ ही उन्होंने प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए निगरानी के लिए टीमों की संख्या बढ़ाने की भी घोषणा की। अब दिल्ली व एनसीआर में सीपीसीबी की 41 की जगह 50 टीमें काम करेंगी। साथ ही विशेषज्ञों की टीम हफ्ते में दो दिन की जगह पांच दिन क्षेत्र का दौरा करेगी।
पर्यावरण मंत्रियों की बुलाई बैठकदीपावली के आसपास हवा में आने वाले बदलाव को देखते हुए केंद्र ने दिल्ली सहित पड़ोसी राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों व अधिकारियों की एक नवंबर को बैठक बई है। केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने बताया कि इनमें राज्यों के साथ पराली जलाने की घटनाओं सहित उनकी ओर से किए गए दावों की समीक्षा होगी। आशंका है कि दीपावली के आसपास दिल्ली एक बार फिर पराली व पटाखों के जहरीले धुएं से गैस चैंबर में तब्दील हो सकती है।
पराली से दिल्ली का प्रदूषण 32 फीसद तक बढ़ासफर की तरफ से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में पंजाब एवं हरियाणा द्वारा पराली जलाने से शनिवार को प्रदूषण का स्तर 32 फीसद बढ़ा है। सफर के निदेशक डॉ. गुफरान बेग के अनुसार इन दोनों राज्यों ने 11 अक्टूबर से लेकर 26 अक्टूबर के दौरान प्रदूषण को बढ़ाने में 36 फीसद का योगदान दिया है। वहीं शनिवार को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) में पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर 351 दर्ज हुआ था। ऐसे में एक्यूआई को पराली के प्रदूषण ने 112 प्वाइंट तक बढ़ा दिया है।
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