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बम धमाके में मारे गए लोगों को दी श्रद्धांजलि

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली : राजधानी दिल्ली में 29 अक्टूबर 2005 को दीपावली से पहले धनतेरस पर हु

By JagranEdited By: Updated: Mon, 29 Oct 2018 07:24 PM (IST)
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बम धमाके में मारे गए लोगों को दी श्रद्धांजलि

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली : राजधानी दिल्ली में 29 अक्टूबर 2005 को दीपावली से पहले धनतेरस पर हुए सीरियल बम ब्लास्ट का दर्द लोग 14 वर्ष बाद भी भूल नहीं पाए हैं। सरोजनी नगर मार्केट में सोमवार को बम धमाकों में मारे गए लोगों की तस्वीरों पर पुष्प अर्पित कर परिजनों ने श्रद्धांजलि दी। हरियाणा से आए बलवीर सिंह ने बताया की इस हादसे में उनके भाई दिलबाग सिंह ने अपना पूरा परिवार गंवा दिया था। उनकी मां करीब 100 वर्ष की हैं, वह आज भी इस सदमे से निकल नहीं पाई हैं। उनके भाई एयरफोर्स में थे। छुट्टी में वह सरोजनी नगर मार्केट में परिवार के साथ खरीदारी करने गए थे, तभी बम ब्लास्ट हो गया।

सरोजनी नगर मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक रंधावा ने बताया कि सबसे पहला ब्लास्ट पहाड़गंज, फिर सरोजनी नगर मार्केट में और उसके बाद कालकाजी में हुआ था। सरोजनी नगर स्थित एक जूस की दुकान पर काफी लोग इकट्ठा थे, उसी समय वहां एक बैग मिला था। पुलिस को जब तक जानकारी दी गई, बम फट गया। जिस जूस कॉर्नर पर ब्लास्ट हुआ था, उस वक्त दुकान के मालिक देशराज वहां मौजूद थे। इस घटना में उनके कान की आवाज चली गई और वह आज भी उस धमाके की गूंज से बाहर नहीं निकल सके हैं। देशराज ने बताया कि दिल्ली की सभी बड़ी बाजारों में सुरक्षा-व्यवस्था चाक-चौबंद की जानी चाहिए।

कालकाजी में दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की बस में भी ब्लास्ट हुआ था। बस चालक कुलदीप ने जान पर खेलकर कई लोगों की जान बचाई थी, लेकिन हादसे में उनकी आंखों की रोशनी चली गई। कुलदीप की बस के पिछले हिस्से में एक काले रंग का बैग रखा था। लोगों ने बताया कि यह बैग काफी समय से पड़ा है। उन्होंने जब बैग को खोलकर देखा तो उसमें बम रखा था और उसमें लाइट जल रही थी। वह बैग को बाहर फेकने लगे, तभी बम फट गया। कुलदीप बुरी तरह से घायल हो गए। उनकी आंखों की रोशनी चली गई, कान के परदे फट गए। अब वह देख-सुन नहीं पाते हैं। उन्होंने बताया कि डीटीसी बस में सुरक्षा-व्यवस्था मजबूत की जानी चाहिए।

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