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SC के आदेश से केवल दिल्ली में 31 लाख से ज्यादा वाहनों पर रोक, लोगों की चिंता बढ़ी

इतनी बड़ी संख्या में पुरानी गाड़ियां प्रतिबंधित होने की वजह से उनके लाखों मालिकों की चिंता बढ़ गई है। इससे एनसीआर के करोड़ों वाहन प्रभावित होंगे। इस फैसले से अकेले दिल्ली में ही 31 लाख से ज्यादा प्रभावित होंगे।

By Amit SinghEdited By: Updated: Mon, 29 Oct 2018 07:53 PM (IST)
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SC के आदेश से केवल दिल्ली में 31 लाख से ज्यादा वाहनों पर रोक, लोगों की चिंता बढ़ी
नई दिल्ली, जेएनएन। पहले राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) और अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली-एनसीआर में 10 साल पुराने डीजल तथा 15 साल पुराने वाहनों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। इससे एनसीआर के करोड़ों वाहन प्रभावित होंगे। इस फैसले से अकेले दिल्ली में ही 31 लाख से ज्यादा प्रभावित होंगे। एनसीआर के अन्य शहरों (नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुरुग्राम आदि) को मिलाकर ये आंकड़ा करोड़ों में भी पहुंच सकता है।

इतनी बड़ी संख्या में पुरानी गाड़ियां प्रतिबंधित होने की वजह से उनके लाखों मालिकों की चिंता बढ़ गई है। एनजीटी व सुप्रीम कोर्ट में ये मामला दो वर्ष से ज्यादा समय से चल रहा है। मामले में एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट कई बार वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी कर चुका है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व के आदेशों का पालन न होने पर नाराजगी भी जताई। यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए नाराजगी व्यक्त की और पुराने वाहनों पर तत्काली सख्ती से रोक लगाने के आदेश दिए हैं।

परिवहन विभाग भी दुविधा में

फैसले से परिवहन विभाग भी दुविधा में है। एनजीटी ने जिस प्रकार 10 साल के पुराने डीजल वाहनों का डी रजिस्ट्रेशन करने तथा उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के आदेश दिए हैं, विभाग के सामने बड़ा सवाल यह उत्पन्न हो गया है कि निर्धारित शुल्क लेने के बाद 15 साल के लिए पंजीकृत डीजल वाहनों का पंजीकरण 10 साल बाद कैसे रद्द कर दें। हालांकि परिवहन विभाग के अधिकारी इस बारे में खुलकर टिप्पणी करने से इन्कार कर रहे हैं।

डीजल वाहनों के पंजीकरण से अधिक आमदनी

पेट्रोल से चलने वाले वाहनों की तुलना में डीजल वाहनों का पंजीकरण शुल्क तकरीबन दोगुना होता है। परिवहन विभाग को डीजल वाहनों के पंजीकरण से अधिक आमदनी होती है। इस आदेश से डीजल वाहनों की बिक्री में भी फर्क पड़ेगा, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि राजस्व में भारी कमी आएगी। दिल्ली की सड़कों पर दौड़ रहे, तकरीबन एक करोड़ वाहनों में से 5.71 लाख निजी वाहन डीजल से चलने वाली हैं।

दिल्ली में वाहनों की स्थिति

- 5.71 लाख डीजल वाहन हैं।

- प्रतिदिन सामान्यत तौर पर 1300-1400 वाहनों का पंजीकरण होता है

- 19.55 लाख ऐसे वाहन हैं जो 15 साल पुराने हैं।

- 11.53 लाख अन्य वाहन हैं जो आदेश के दायरे में हैं।

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