दिल्ली से सटे नोएडा-गाजियाबाद की हवा हुई खतरनाक, यहां सुबह की सैर कर देगी बीमार
दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AIR) 336 दर्ज किया गया। वहीं नोएडा में एयर क्वालिटी इंडेक्स इस वर्ष सबसे उच्च स्तर पर रिकॉर्ड 409 दर्ज किया गया।
नोएडा/गाजियाबाद, जेएनएन। एनसीआर के शहर गाजियाबाद और नोएडा-ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया हैै। ऐसे में दिल्ली एनसीआर में एक नवंबर से सभी प्रकार के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है। गाजियाबाद एनसीआर का सबसे प्रदूषित शहर हो गया है। यहां का मंगलवार सुबह प्रदूषण स्तर 431 दर्ज किया गया। बढ़ते प्रदूषण स्तर का देखते हुए सोमवार से ही यहां निजी निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई थी। साथ ही कई स्थानों पर नगर निगम व जीडीए ने अभियान चलाकर जुर्माना भी लगाया था।
दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 336 दर्ज किया गया। वहीं नोएडा में एयर क्वालिटी इंडेक्स इस वर्ष सबसे उच्च स्तर पर रिकार्ड 409 दर्ज किया गया। यहां पीएम 10 का स्तर 514 दर्ज किया गया। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क तीन क्षेत्र में पीएम 10 का स्तर 524 दर्ज किया गया।
मंगलवार सुबह सात बजे सेक्टर 125 स्थित एमिटी विवि में यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से लगे एयर मॉनिटरिंग स्टेशन में पीएम 10 का स्तर 514 जबकि पीएम 2.5 का स्तर 264 दर्ज किया गया। नॉलेज पार्क क्षेत्र में पीएम 10 का स्तर 524 जबकि पीएम 2.5 का स्तर 273 दर्ज किया गया।
इन बातों का रखें ध्यान
- खुले में कूड़ा और गंदगी न जलाएं।
- वाहनों का जहरीला धुआं निकलने से रोकें।
- धूल व कूड़ा जहां पड़ा हो वहां पानी का छिड़काव अवश्य करें।
- प्रमुख मार्गों पर लगी हरियाली व ग्रीन बेल्ट में पानी का छिड़काव हो।
- सड़क किनारे लगने वाली ठेली, रेहड़ी और खानपान की दुकानों से कम से कम धुआं उड़े।
इनका भी रखें ध्यान
- निर्माण स्थलों तक जाने के लिए पक्की सड़क होनी चाहिए।
- धूल उड़ने से बचाव के बिना मिट्टी की खुदाई नहीं होगी।
- कोई भी निर्माण सामग्री बिना ढके नहीं रखी जाएगी।
- पानी छिड़काव की व्यवस्था हो।
- खुले में भवन सामग्री की घिसाई और कटाई नहीं होगी।
- निर्माणाधीन स्थलों को हरी जाली से ढक कर रखा जाएगा।