दिल्ली-NCR में पहली बार जानलेवा स्तर पर प्रदूषण, सुधार का केवल ये है तरीका
फरीदाबाद, गाजियाबाद, गुरुग्राम और नोएडा में भी मंगलवार शाम प्रदूषण स्तर जानलेवा रिकॉर्ड किया गया। ग्रेटर नोएडा में स्थिति थोड़ी बेहतर है, लेकिन यहां भी हालत तेजी से खराब हो रहे।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली-एनसीआर में पिछले कई दिनों से लगातार बढ़ रहा प्रदूषण मंगलवार शाम को पहली बार जानलेवा स्तर पर पहुंच गया। इस सीजन में पहली बार प्रदूषण इतनी खतरनाक स्थिति में पहुंचा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार पूरी दिल्ली का मंगलवार शाम को चार बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स 401 पहुंच गया। ये इस सीजन की सबसे खराब और सबसे खतरनाक स्थिति है।
वहीं एयर क्वालिटी फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) ने पूरी दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 410 रिकॉर्ड किया है। सीपीसीबी के अनुसार दिल्ली में मंगलवार शाम को चार बजे 18 जगहों पर प्रदूषण स्तर जानलेवा पहुंच गया है। शाम चार बजे दिल्ली में आनंद विहार का एयर क्वालिटी इंडेक्स सबसे ज्यादा 467 दर्ज किया गया है। ये इस सीजन की अब तक की सबसे खराब स्थिति है।
दिल्ली में अचानक से प्रदूषण स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंचने की वजह पड़ोसी राज्यों हरियाणा व पंजाब में खेतों में जलाई जाने वाली पराली को माना जा रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक पड़ोसी राज्यों में किसानों द्वारा पराली जलाने की गतिविधि तेजी से बढ़ गई है। इसका खामियाजा दिल्ली-एनसीआर के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
भारतीय मौसम विज्ञान संस्थान (आइआइटीएम) ने भी सैटेलाइट इमेज के जरिए दिल्ली-एनसीआर के पड़ोसी राज्यों में भारी मात्रा में आग वाले स्थानों को रिकॉर्ड किया है। सैटेलाइट इमेज में दिख रहे आग वाले स्थान पराली जलाने की वजह से दिख रहे हैं।
दिल्ली के करीबी शहरों में स्थिति खतरनाक
दिल्ली से सटे फरीदाबाद, गाजियाबाद, गुरुग्राम और नोएडा में भी मंगलवार शाम चार बजे प्रदूषण स्तर जानलेवा रिकॉर्ड किया गया। इन शहरों में भी एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के ऊपर है। ग्रेटर नोएडा में स्थिति थोड़ी बेहतर है, लेकिन यहां भी हालत तेजी से खराब हो रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रेटर नोएडा में भी जल्द प्रदूषण जानलेवा स्तर पर पहुंच सकता है।
पराली जलाने से 24 घंटे में बिगड़ी स्थिति
सफर के अनुसार पिछले 24 घंटों में पड़ोसी राज्यों में काफी मात्रा में पराली जलाई गई है। साथ ही हवा की रफ्तार भी काफी धीमी है। इस वजह से पराली का धुआं वातावरण में छाया हुआ है। इससे प्रदूषण स्तर बढ़ गया है। मंगलवार को रिकॉर्ड किए गए प्रदूषण में 28 फीसदी पीएम-2.5 की वजह से है, जिसका मुख्य कारण पराली जलाना है।
पश्चिमी विक्षोप से गिरेगा पारा
सफर के अनुसार दिल्ली के प्रदूषण में अगले कुछ दिनों में पीएम-10 की मात्रा बढ़ेगी। इसकी वजह पश्चिमी विक्षोप का पश्चिमी हिमालयन रेंज की तरफ बढ़ना है। 31 अक्टूबर को पश्चिमी विक्षोप हिमालय रेंज में पहुंचेगा। इसी की वजह से दिल्ली के वातावरण में इन दिनों काफी नमी है। पश्चिमी विक्षोप की वजह से अगले कुछ दिनों में नमी और बढ़ेगी। इससे तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी।
तेज हवा से ही सुधर सकती है स्थिति
विशेषज्ञों के अनुसार प्रदूषण की मौजूदा स्थिति केवल तेज हवा से ही सुधर सकती है। तेज हवा से एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार आएगा। सीपीसीबी में एयर क्वालिटी मैनेजमेंट डिविजन के प्रमुख डी साहा के अनुसार पूरे उत्तर भारत में इस समय प्रदूषण स्तर बेहद खतरनाक स्थिति में है। पूर्वी भारत में दबाव की स्थिति है। इससे उत्तर और उत्तर-पश्चिम से चलने वाली हवा फ्री स्थिति में नहीं पहुंच रही है। ऐसे में प्रदूषण और जहरीली गैसें वातावरण में फंसी हुई हें। इससे प्रदूषण स्तर बढ़ गया है।
एयर क्वालिटी इंडेक्स
0 से 50 – अच्छा
51 से 100 – संतोषजनक
101 से 200 – सामान्य
201 से 300 – खराब
301 से 400 – बेहद खराब
401 से 500 - जानलेवा