खतरे से खेलने के शौकीन थे दूरदर्शन के कैमरामैन साहू, पत्नी की यह बात भी न मानी
अच्युतानंद ने यह वादा करते हुए विदाई ली कि इस बार तो नहीं, लेकिन अगली बार करवा चौथ पर वे सभी की तस्वीरें कैमरे में कैद करेंगे।
नई दिल्ली [गौतम कुमार मिश्र]। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सली हमले में जान गंवाने वाले दूरदर्शन के कैमरामैन अच्युतानंद साहू को जोखिमभरी फोटो खींचने का शौक था। वह छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके में फोटो खींचने के लिए उत्साहित थे। यही कारण था कि जब उन्हें यह अवसर मिला तो वह पत्नी और पड़ोसियों की करवा चौथ मनाने के बाद छत्तीसगढ़ जाने की सलाह को भी नहीं माने।
अच्युतानंद साहू ने डीएसएलआर कैमरा हाल ही में खरीदा था। इसको खरीदने की सबसे बड़ी वजह फोटोग्राफी के प्रति उनकी दीवानगी थी। उन्हें पता था कि दूरदर्शन की जो टीम छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके में भेजी जाएगी, उसमें उनका नाम अवश्य रहेगा। वे उन इलाकों में रहने वाले लोगों से जुड़ी अपनी अपनी यादों को कैमरे में कैद करना चाहते थे।
उन्होंने कुछ ही दिन पहले अपनी पत्नी हिमाचली की रजामंदी से कैमरा खरीदा था। मोहल्ले वालों को जब कैमरा खरीदने के बारे में पता चला तो उन्होंने जोर दिया कि आप करवा चौथ तक जरूर रहें और हमारी तस्वीर भी खींचें।
पत्नी ने भी पड़ोसियों का साथ दिया, लेकिन अच्युतानंद ने यह वादा करते हुए विदाई ली कि इस बार तो नहीं, लेकिन अगली बार करवा चौथ पर वे सभी की तस्वीरें कैमरे में कैद करेंगे, लेकिन किस्मत को यह बात मंजूर नहीं थी। भगवती गार्डन एक्सटेंशन में किराए के जिस मकान में अच्युतानंद रहते थे वहां के लोग उनसे जुड़ी यादों को बयां करते हुए रो देते हैं।
अच्युतानंद मूल रूप से ओडीशा के बालांगीर जिले के घूसरामूड़ा गांव के रहने वाले थे। वे चार भाइयों में सबसे छोटे थे। 2013 में उन्होंने दूरदर्शन में कैमरामैन की नौकरी शुरू की थी। यहां भगवती गार्डन एक्सटेंशन में पत्नी के साथ रहते थे। इस बार दीवाली में ओडीशा में रहने वाले इनके परिजनों को यहां आना था। मंगलवार को कुछ रिश्तेदारों ने दिल्ली के लिए ट्रेन भी पकड़ी, लेकिन दीवाली की खुशियों को ग्रहण लग गया। खुश मिजाज व साहसी इंसान साहू। उनके साथ काम करने वाले सौरभ शुक्ला व सुशील शर्मा बताते हैं कि वे खुशमिजाज व साहसी इंसान थे।