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पी चिदंबरम को हिरासत में लेना चाहता है प्रवर्तन निदेशालय

- एजेंसी ने कोर्ट में कहा, पूर्व वित्त मंत्री जांच में नहीं कर रहे सहयोग - कोर्ट में दायर अि

By JagranEdited By: Updated: Wed, 31 Oct 2018 07:35 PM (IST)
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पी चिदंबरम को हिरासत में लेना चाहता है प्रवर्तन निदेशालय

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एयरसेल मैक्सिस मनी लांड्रिंग मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की मंजूरी कोर्ट से मांगी है। ईडी ने कोर्ट में कहा कि पूर्व वित्त मंत्री प्रभावशाली हैं और जांच में सहयोग नहीं कर रहे। इस मामले की जांच तभी पूरी हो सकती है, जब आरोपित को हिरासत में लेकर पूछताछ की जाए। वहीं चिदंबरम को बृहस्पतिवार तक गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी गई है। बृहस्पतिवार को को फिर सुनवाई होगी।

बुधवार को एजेंसी ने आरोपित की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करने की मांग करते हुए कहा कि गंभीर मामले में सबूतों और गवाहों से छेड़छाड़ हो सकती है।

बता दें कि गत 25 अक्टूबर को ईडी ने चिदंबरम के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। पटियाला हाउस की विशेष अदालत में दायर इस आरोप पत्र में चिदंबरम के अलावा आठ अन्य को नामजद किया गया था। आरोप पत्र में चिदंबरम को आरोपित नंबर एक बताया गया है। इसके अलावा कार्ति के सीए एस भास्करन, एयरसेल के पूर्व सीईओ वी श्रीनिवासन, मैक्सिस से अगस्तस रालफ मार्शल, एस्ट्रो ऑल एशिया नेटवर्क, एयरसेल टेलिवेंचर, मैक्सिस मोबाइल सर्विस, बुमि अरमदा, बुमि अरमदा नेविगेशन को नामजद किया गया है। आरोप पत्र में कहा गया है कि पी चिदंबरम ने वित्त मंत्री रहते हुए विदेशी निवेश की मंजूरी गलत तरीके से दी। चिदंबरम को 600 करोड़ रुपये तक के निवेश की मंजूरी देने का अधिकार था, लेकिन यह डील उससे कई गुणा ज्यादा निवेश की थी। ईडी ने आरोप पत्र में कहा है कि कार्ति चिदंबरम के कई ई-मेल में इस डील का जिक्र किया गया है।

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