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दिल्ली में भी जसकरण जैसा मामला, उधार दिए पैसे मांगे तो पहले मारा चाकू फिर चढ़ा दी कार

नितिन छाबड़ा ने अपने दोस्‍त पवन बाटला से कर्ज पर ढाई लाख रुपये लिए और जब पैसे लौटाने में असफल रहा तो तब अपने एक दोस्‍त के साथ मिल कर उसे बेहरमी से मार दिया।

By Edited By: Updated: Thu, 01 Nov 2018 02:58 PM (IST)
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दिल्ली में भी जसकरण जैसा मामला, उधार दिए पैसे मांगे तो पहले मारा चाकू फिर चढ़ा दी कार

नई दिल्ली, जेएनएन। उत्तरी दिल्ली के तिमारपुर में हत्या की एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यह मामला है बि‍जनेस के लिए पैसे लेने और फिर चुकाने में हो रही परेशानी के कारण कर्ज देने वाले की ही हत्‍या कर देने का। नितिन छाबड़ा ने अपने दोस्‍त पवन बाटला से कर्ज पर ढाई लाख रुपये लिए और जब पैसे लौटाने में परेशानी होने लगी तब अपने एक दोस्‍त के साथ मिल कर उसे बेहरमी से मार दिया।

कार सहित किया अगवा
पवन बाटला नाम के व्यापारी के 2.35 लाख रुपये के ब्याज का भुगतान करने में परेशानी आने व पैसे लौटाने के लिए दबाव बनाने पर नितिन छाबड़ा ने एक दोस्त के साथ मिलकर पवन को ठिकाना लगा देने की साजिश रची। मंगलवार को उन्हें ब्याज के पैसे ले जाने के बहाने मुखर्जी नगर में बुलाया गया। वहां से पवन बाटला को कार सहित अगवा कर लिया गया।

कार चढ़ा कर मारा डाला
तिमारपुर के तारा चौक के पास आकर नितिन छाबड़ा व मन्नू ने पहले रॉड व चाकू से पवन पर वार कर बुरी तरह से जख्मी कर दिया फिर उन्हीं की होंडा सिटी कार चढ़ाकर मार डाला। हत्या के बाद दोनों ने कार से आठ किलोमीटर दूर मौर्या इंक्लेव ले जाकर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी। तिमारपुर पुलिस को तुरंत सुराग मिल जाने पर कुछ ही घंटे के अंदर पुलिस ने नितिन छाबड़ा व मन्नू को गिरफ्तार कर लिया।

कपड़े का था बिजनेस
उत्तरी जिला पुलिस अधिकारी के मुताबिक पवन बाटला मुखर्जी नगर के हडसन लेन में परिवार के साथ रहते थे। वहीं पर उनके पिता की ए हब गारमेंट नाम से कपड़े की दुकान है। बिजनेस में वह पिता का हाथ बंटाते थे। पवन बाटला ने कई साल पहले मुखर्जी नगर में ही रहने वाले अपने दोस्त नितिन छाबड़ा को 2.35 लाख रुपये ब्याज पर दिया था।

कुछ समय से नहीं चुका रहा था ब्‍याज
नितिन समय-समय पर ब्याज चुकाता रहा। लेकिन, कुछ समय से आर्थिक परेशानी के कारण वह ब्याज के पैसे नहीं चुका पा रहा था। इसको लेकर पवन उससे ब्याज के पैसे जल्द देने के लिए दबाव बनाते थे। परेशान होकर नितिन ने मुखर्जी नगर में ही रहने वाले अपने दोस्त मन्नू के साथ मिलकर पवन की हत्या करने की साजिश रची। शाम 8 बजे नितिन ने पवन बाटला को फोन कर ब्याज के पैसे ले जाने के बहाने निरंकारी कालोनी के पास बुलाया।


छाती पर छह बार मारा चाकू
नितिन के कहने पर मन्नू दो बोतलों में पेट्रोल लेकर बाइक से वहां आ गया था। पहले तो तीनों दोस्त काफी समय तक आपस में बात करते रहे फिर दोनों ने पवन को अगवा कर लिया और वारदात को अंजाम दिया। पवन की छाती पर चाकू के आधा दर्जन घाव के निशान मिले हैं। देर रात तिमारपुर पुलिस को कॉल मिली कि एक युवक तारा चौक के पास घायल पड़ा है। तलाशी लेने पर उनके पास मोबाइल मिला। मोबाइल से सबसे पहले नितिन के बारे में पता चला। पुलिस ने उसे फोन कर बुला लिया।

हाइ सिक्‍योरिटी नंबर प्‍लेट ने खोला राज
छानबीन के दौरान मौर्या इंक्लेव में जली हुई कार भी मिल गई। कार तो पूरी तरह जल गई थी, लेकिन हाइ सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं जली थी। नंबर से कार के मालिक के बारे में पता लग गया। रात में ही एसीपी अशोक त्यागी के नेतृत्व में पुलिस की कई टीमें जांच में जुट गई। नितिन के तीनों फोन के कॉल रिकार्ड व सीसीटीवी फुटेज हाथ लग जाने पर पुलिस इस नतीजे पर पहुंची कि नितिन व मन्नू ने वारदात को अंजाम दिया है।

पूछताछ में बताया फिरौती लेने का था प्‍लान
नितिन के बाद मन्नू को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पहले तो दोनों पुलिस को गुमराह करते रहे। लेकिन, 15 घंटे की पूछताछ के बाद दोनों ने हत्या करने की बात कबूल ली। पूछताछ में दानों ने बताया कि उनकी योजना हत्या के बाद पवन के पिता से एक करोड़ रुपये फिरौती भी वसूलने की थी।

क्या है जसरकरण मामला
डीएलएफ फेज दो निवासी बुजुर्ग हरनेक सिंह ढिल्लो ने अपनी पत्नी गुरमेल कौर ढिल्लो एवं उत्तराखंड या नेपाल मूल के एक अन्य व्यक्ति के साथ मिलकर अपनी कोठी में ही 14 अक्टूबर को जसकरण की हत्या कर दी थी। हत्या करने के बाद शव के 20 से अधिक टुकड़े किए थे और टुकड़ों को दो थैली में भरकर पंजाब के इलाके में फेंक दिया। इनमें से दो टुकड़े पंजाब के लुधियाना के दौराहा नहर के नजदीक से बरामद किए जा चुके हैं।

इससे हत्या कर शव के टुकड़े किए गए, यह साबित हो चुका है। जसकरण ने बुजुर्ग को 40 लाख रुपये दिए थे, यह भी साबित हो चुका है। इन 40 लाख में से कुछ पैसे पुलिस ने बरामद कर लिए हैं। अब मामले में तीसरे आरोपित की गिरफ्तारी के साथ ही हत्या में प्रयुक्त हथियार की बरामदगी शेष रह गई है। इसी दिशा में एक टीम मुख्य आरोपित को लेकर दिल्ली के कई इलाकों में गई लेकिन कुछ भी पता नहीं चला।

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