इंदिरापुरम को लेगा नगर निगम, इन कारणों की वजह से नौकरी करने वालों की है पसंदीदा जगह
इंदिरापुरम को तीन चरणों में नगर निगम को हैंडओवर किया जाएगा। पहले चरण में सड़कें, सफाई व्यवस्था और स्ट्रीट लाइट सौंपने की तैयारी है।
गाजियाबाद, जेेएनएन। इंदिरापुरम को तीन चरणों में नगर निगम को हैंडओवर किया जाएगा। पहले चरण में सड़कें, सफाई व्यवस्था और स्ट्रीट लाइट सौंपने की तैयारी है। जीडीए इसके लिए प्रस्ताव भेजने जा रहा है। उधर, नगर निगम का कहना है कि वह दिसंबर पहले सप्ताह में संयुक्त निरीक्षण के लिए तारीख तय कर देंगे।
जीडीए ने 1990 में इस कॉलोनी को 1100 एकड़ क्षेत्र में विकसित किया गया था। जब एकल यूनिट के हिसाब से यहां मूलभूत सुविधाएं विकसित की गई थीं। एनएच-नौ से सटा होने के कारण यह कॉलोनी दिल्ली में नौकरी और व्यापार करने वालों की पसंद बन गई। कुछ समय बाद यहां मल्टीस्टोरी बिल्डिंग बन गईं। अब यहां आबादी क्षेत्रफल से ज्यादा है।
सीवर और ड्रेनेज व्यवस्था खराब हो चुकी है। आबादी के अनुपात में इनकी क्षमता कम है। जिस कारण वर्षो से नगर निगम इंदिरापुरम को गोद लेने से घबराता रहा है। जीडीए वीसी कंचन वर्मा ने बताया कि सीवर और ड्रेनेज की व्यवस्था को दुरुस्त कराने में वक्त लगेगा। इस कॉलोनी की सड़कें, स्ट्रीट लाइट सही हैं। कोशिश है कि इन दोनों के साथ सफाई व्यवस्था निगम को पहले चरण में सौंप दी जाए।
पार्क भी ठीक हालत में हैं। उसे भी निगम को देने के लिए प्रस्ताव दिया जाएगा। जिन व्यवस्थाओं के खामियां हैं, उन्हें दूसरे और तीसरे चरण में दे दिया जाएगा। इनके रखरखाव के लिए निगम के पास पर्याप्त संसाधन हैं।