Move to Jagran APP

पूर्व CM शीला दीक्षित के खिलाफ बगावत! जानिये- किसने किया अध्यक्ष बनाने का विरोध

कांग्रेस पार्टी नेता भीष्म शर्मा कुछ दिन पहले भी राहुल गांधी को एक पत्र लिख चुके हैं। उस पत्र में उन्होंने शीला को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाने का अनुरोध किया था।

By Edited By: Updated: Fri, 30 Nov 2018 12:31 PM (IST)
Hero Image
पूर्व CM शीला दीक्षित के खिलाफ बगावत! जानिये- किसने किया अध्यक्ष बनाने का विरोध

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। काफी लंबे समय से नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों से जूझ रही कांग्रेस की दिल्ली इकाई में गुटबाजी भी थमने का नाम नहीं ले रही है। आलम यह है कि दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के प्रदेश अध्यक्ष बनने की चर्चाओं के बीच उनके विरोध में भी लगातार स्वर मुखर हो रहे हैं। उन्हें आम आदमी पार्टी सरकार की पक्षधर करार दिया जा रहा है। हालांकि, शीला ने ऐसे आरोपों को बेबुनियाद बताया है।

जानकारी के मुताबिक, पूर्व विधायक और बाबरपुर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भीष्म शर्मा ने बुधवार को पार्टी हाईकमान राहुल गांधी के नाम एक पत्र लिखकर शीला दीक्षित द्वारा बार-बार आम आदमी पार्टी (AAP) की दिल्ली सरकार के पक्ष में बयान दिए जाने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की है।

भीष्म शर्मा ने इस पत्र में लिखा है कि शीला दीक्षित कभी दिल्ली सरकार को स्ट्रांग बताती हैं, तो कभी आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की वकालत करती नजर आती हैं। इससे भी चिंताजनक यह कि वह अपनी ही पार्टी कांग्रेस को कमजोर कहती हैं।

भीष्म शर्मा के अनुसार उनके इस तरह के बयानों से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट रहा है। उन्होंने अपने पत्र में ऐसे बयानों के समर्थन में 13 मई, 22 जून और 26 नवंबर को कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों का भी उल्लेख किया है।

शीला के साथ- साथ शर्मा ने उनके सुपुत्र पूर्वी दिल्ली से पूर्व सांसद संदीप दीक्षित पर भी निशाना साधा है। उनका कहना है कि संदीप दिल्ली छोड़कर मध्य प्रदेश की राजनीति कर रहे हैं और वहीं से चुनाव लड़ना चाहते हैं। जबकि उनके राजनीतिक सलाहकार पवन खेड़ा राजस्थान की राजनीति कर रहे हैं। शर्मा के मुताबिक शीला और उनके परिवार को न दिल्ली की राजनीति से सरोकार है और न ही पार्टी की साख को बचाने व बढ़ाने की। इसलिए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

मालूम हो कि भीष्म शर्मा कुछ दिन पहले भी इसी कड़ी में राहुल गांधी को एक पत्र लिख चुके हैं। उस पत्र में उन्होंने शीला को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाने का अनुरोध किया था।

तर्क था कि अगर शीला को दिल्ली कांग्रेस की कमान सौंपी गई तो वह अपनी उम्र के कारण पर्याप्त समय नहीं दे पाएंगी और इससे पार्टी मजबूत होने के बजाए कमजोर ही होगी। दूसरी तरफ प्रदेश के कई अन्य कद्दावर नेता और उनके समर्थक गुट भी इस कवायद में जुटे हैं कि शीला को दिल्ली की कमान नहीं दी जाए।

वहीं, शीला दीक्षित (पूर्व मुख्यमंत्री, दिल्ली) का कहना है कि मैंने कांग्रेस के खिलाफ अथवा आम आदमी पार्टी सरकार के पक्ष में कभी कोई बयान नहीं दिया है। इस तरह के जो भी आरोप लगाए गए हैं, वह झूठे और बेबुनियाद हैं। 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।