दिल्ली के इस इलाके की गलियों में एक-एक कर वो गाड़ियों को जलाते रहे, पढ़िए- पूरा मामला
लोगों को आग लगने का पता तब चला जब घर के सामने धू- धू कर जल रही गाड़ियों की तपिश उनके कमरे में पहुंचने लगी। तपिश महसूस होने पर लोग जगे और किसी तरह आग पर काबू पाया।
By Edited By: Updated: Thu, 27 Dec 2018 07:57 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। पुलिस गश्त को धता बताते हुए डाबड़ी व बिंदापुर थाना क्षेत्र में बदमाश शुक्रवार रात सड़क पर खड़ी गाड़ियों को आग के हवाले करते रहे, लेकिन पुलिसकर्मियों को भनक तक नहीं लगी। बदमाशों का यह तांडव करीब एक घंटे तक क्षेत्र की गलियों में चलता रहा। वहीं गश्त को लेकर बड़े-बड़े दावे करने वाली पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी।
मोटरसाइकिल, स्कूटी और कार निशाने पर घनी आबादी वाले बिंदापुर व डाबड़ी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली कॉलोनियों में पार्किंग बड़ी समस्या है। आमतौर पर लोग गाड़ियों को अपने घर के सामने ही खड़ी करते हैं। रोज की तरह ही लोगों ने मंगलवार रात को भी घर के सामने गाड़ी खड़ी की और दरवाजा बंद कर सो गए। रात करीब तीन से चार बजे के बीच महावीर एंक्लेव पार्ट तीन व पंचशील कॉलोनी की गलियों में बदमाशों के सामने जो गाड़ियां आती गई उन्हें वे आग के हवाले करते गए। इनमें स्कूटी, मोटरसाइकिल व कार तीनों वाहन शामिल थे।लोगों को आग लगने का पता तब चला जब घर के सामने धू- धू कर जल रही गाड़ियों की तपिश उनके कमरे में पहुंचने लगी। तपिश महसूस होने पर लोग जगे और किसी तरह आग पर काबू पाया। अधिकांश गाड़ियां तो पूरी तरह जलकर खाक हो चुकी हैं। कुछ ही गाड़ियां ऐसी हैं जो पूरी तरह नहीं जलीं।
शुक्रवार को हुई थी शुरुआत महावीर एंक्लेव गली नंबर 86 के लोगों ने बताया कि उनकी गली में एक मोटरसाइकिल को शुक्रवार रात आग के हवाले कर दिया गया था। इस बात की शिकायत पुलिस से भी की गई थी। इस घटना के बाद पुलिस को सतर्कता बरतनी चाहिए, लेकिन पुलिस ने इस मामले को हल्के में लेते हुए क्षेत्र में गश्त पर जोर देने या आरोपितों की गिरफ्तारी पर जोर नहीं दिया। इस लापरवाही का नतीजा मंगलवार रात क्षेत्र के लोगों को भुगतना पड़ा। लोगों का कहना है कि यदि पुलिस शुक्रवार रात की घटना से सबक लेती तो यह मामला शुक्रवार से आगे नहीं बढ़ता।कई गाड़ियों की किस्त भी नहीं हुई
पूरी घटना में कई ऐसी गाड़ियों को आग के हवाले किया गया जिन्हें किस्त पर खरीदा गया था। कई गाड़ियां ऐसी हैं जिनकी किस्त हाल ही में पूरी हुई है और कई ऐसी भी गाड़ियां हैं, जिनकी किस्त अभी भी चल रही है। मेहनत की कमाई से खरीदी गई गाड़ियों के इस कदर आग में जलने से लोग काफी दुखी हैं। ऐसे लोग तो और भी दुखी हैं जिनकी गाड़ियों का बीमा हाल ही में समाप्त हुआ है। कई लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने गाड़ी व इसके बीमा से जुड़े कागजात गाड़ी की डिग्गी में रखे थे और वे आग के हवाले हो चुके हैं। ऐसे लोगों का कहना है कि अब उन्हें बीमा कंपनी से पैसा मिलेगा या नहीं इसकी उन्हें चिंता है। दूसरी ओर पुलिस का रवैया भी इस मामले में सही नहीं लगता।लोगों का आरोप है कि पुलिस आरोपितों की बजाय पीड़ितों के साथ ही सख्ती दिखा रही है। वे यह कहकर लोगों को मामला दर्ज नहीं कराने का मानसिक दवाब बना रहे हैं कि यदि उन्होंने शिकायत की तो जली हुई गाड़ियां केस प्रापर्टी का हिस्सा हो जाएंगी और गाड़ियों को थाने के मालखाने में जमा करा दिया जाएगा। कई लोग इस बात को सुनने के बाद पुलिस से शिकायत नहीं करने का भी मन बनाने लगे हैं।
सीसीटीवी में नजर आ रहे हैं दो संदिग्धएक जगह जहां आग लगने की घटना हुई है वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में एक फुटेज मिला है। इसमें दो युवक गली से गुजरते नजर आ रहे हैं। इनमें से एक के हाथ में पॉलीथीन में कुछ रखा है। आशंका है कि पॉलीथिन में पेट्रोल या कुछ और ज्वलनशील पदार्थ हो सकता है। आग लगने के बाद ये युवक मौके से तेजी से भागने की कोशिश कर रहे हैं।
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