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आतंकियों का गढ़ बनता जा रहा है देश का यह इलाका, पढ़िए- यह चौंकाने वाली रिपोर्ट

उत्तर-पूर्वी जिला के जाफराबाद से आइएसआइएस के 6 आतंकियों के पकड़े जाने से न केवल इलाके के लोग स्तब्ध हैं बल्कि सुरक्षा एजेंसियों समेत दिल्ली पुलिस की चिंता भी बढ़ा दी है।

By Edited By: Updated: Thu, 27 Dec 2018 06:53 AM (IST)
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आतंकियों का गढ़ बनता जा रहा है देश का यह इलाका, पढ़िए- यह चौंकाने वाली रिपोर्ट
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। दिल्ली वैसे तो पिछले दो दशक से आतंकियों के निशाने पर रही है। सुरक्षा एजेंसियां व स्पेशल सेल पहले विभिन्न आतंकी संगठनों के जिन आतंकियों को गिरफ्तार करती भी रही हैं, जिनमें अधिकतर पड़ोसी देश पाकिस्तान अथवा पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश व हरियाणा के मेवात इलाके के रहने वाले होते थे। बावजूद इसके पिछले कुछ सालों से उत्तर-पूर्वी जिला के विभिन्न इलाकों से बड़ी संख्या में आतंकियों के पकड़े जाने से माना जा रहा है कि दिल्ली का उत्तर-पूर्वी जिला आतंकियों के लिए गढ़ बनता जा रहा है।

उत्तर-पूर्वी जिला के जाफराबाद से इस्लामिक स्टेट्स ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) के छह आतंकियों के पकड़े जाने से न केवल इलाके के लोग स्तब्ध हैं, बल्कि इस घटना ने सुरक्षा एजेंसियां समेत दिल्ली पुलिस की चिंता भी बढ़ा दी है।

सेल का मानना है कि यहां के युवा वर्ग विभिन्न आतंकी संगठनों से प्रभावित होकर आतंकी बनने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि तीन साल पहले 4 जनवरी 2016 को भी एनआइए, स्पेशल सेल व यूपी एटीएस ने संयुक्त ऑपरेशन चलाकर उत्तर-पूर्वी जिला के चांदबाग से पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के दिल्ली मॉड्यूल के तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया था। साथ ही उक्त मॉड्यूल से प्रभावित 10 अन्य युवाओं को भी हिरासत में लिया था।

गिरफ्तार तीन आतंकियों व हिरासत में लिए गए 10 संदिग्धों में एक देवबंद, एक लोनी व बाकी 11 सदस्य उत्तर-पूर्वी जिला के रहने वाले थे। हिरासत में लिए गए संदिग्धों के खिलाफ भी जैश-ए- मोहम्मद से प्रभावित होने व जुड़ने के सुबूत मिले थे, लेकिन गृहमंत्रालय ने उन्हें गिरफ्तार करने से मना कर दिया था। जिसके बाद मंत्रालय के निर्देश पर भटके युवाओं के लिए सेल ने अपने लोधी कॉलोनी स्थित कार्यालय में एंटी रेडिक्लाइजेशन प्रोग्राम भी शुरू किया था। उसके तहत करीब डेढ़ साल तक सभी दस युवाओं की काउंसिलिंग की गई।

इलाके के मौलवियों व मनोवैज्ञानिकों के सामने उक्त युवकों को सुबह से शाम तक ब्रेनवाश किया जाता था। उनसे पूछा जाता था कि आखिर वे आतंकी बनना क्यों चाह रहे हैं? जेहाद की बात उनके मन में क्यों आई? कई महीने तक काउंसिलिंग के बाद सेल ने उन्हें मुक्त तो कर दिया, लेकिन उनपर नजर रखी जा रही है।

पूछताछ में यह बात सामने आई थी कि वे भी पहले आइएसआइएस से प्रभावित थे और इंटरनेट के जरिये आइएस के मुखिया से संपर्क कर उस संगठन में शामिल होना चाह रहे थे। उधर, कई महीने तक प्रयास करने पर जब कामयाबी नहीं मिली तब उस दौरान जैश-ए-मोहम्मद के चीफ मौलाना मसूद अजहर के भाई तलहा मसूद (ऑपरेटर) से संपर्क हो जाने पर तीनों युवक जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हो गए थे।

10 अन्य युवा भी उस संगठन से जुड़ने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन सेल ने उनकी काउंसिलिंग कर आतंकी बनने से रोक लिया था। हैरानी की बात यह कि सभी 13 युवक पांच वक्त के नमाजी थे। इन्हें तब पकड़ा गया था जब देर रात चांदबाग स्थित साजिद नाम के आतंकी के घर के बेसमेंट में बम बनाते हुए बम ब्लास्ट कर गया था। कुछ ही मिनट के अंदर सभी को बेसमेंट में ही दबोच लिया गया था, क्योंकि सेल की टीम उनपर 6 महीने से नजर रख रही थी। उनके मोबाइल को सर्विलांस पर लेकर बातें सुनी जा रही थी। टीम के सदस्य साजिद के घर के आसपास 24 घंटे सादे कपड़ों मे मौजूद रहते थे।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने आइएसआइएस से प्रेरित एक आतंकी माड्यूल का पर्दाफाश किया है। तीन-चार महीने पहले बना यह माड्यूल ने देश में भीड़भाड़ समेत अहम ठिकानों और महत्वपूर्ण व्यक्तियों पर हमले की तैयारी में था और भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक जुटा चुका था। यह माड्यूल 'हरकत उल हर्ब ए इस्लाम' के नाम से काम कर रहा था। एनआइए ने माड्यूल से जुड़े दिल्ली और उत्तर प्रदेश के 17 ठिकानों पर छापा मारते हुए 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि छह अन्य आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और उनमें से कुछ को गिरफ्तार किया जा सकता है।

एनआइए के संयुक्त निदेशक आलोक मित्तल के अनुसार यह माड्यूल फिदाइन और रिमोट कंट्रोल से विस्फोट करने के लिए पूरी तरह तैयार था। जो विस्फोटक और साजो-सामान इनके पास से बरामद हुए हैं, उससे साफ है कि इनकी बड़े पैमाने पर तबाही मचाने की योजना थी।

छापे में इनके पास से 25 किलोग्राम पोटैशियम नाइट्रेट, अमोनियम नाइट्रेट, सल्फर और सुगर मटेरियल पेस्ट के साथ-साथ 112 अलार्म घड़ी, मोबाइल फोन सर्किट, बैटरी, 51 पाइप, कार का रिमोट कंट्रोल, वायरलेस डोरवेल स्वीच, स्टील कंटेनर, तार, 91 मोबाइल फोन और 134 सिम कार्ड बरामद किये गए हैं। ये सारा सामान कई आइईडी बम बनाने के लिए पर्याप्त था। बड़ी संख्या में पाइप के बरामद होने से साफ है कि यह माड्यूल पाइप बम के सहारे विस्फोट करने की योजना बना रहा था।

बड़ी मात्रा में विस्फोटक के साथ ही इस माड्यूल ने एक देशी राकेट लॉन्चर भी तैयार कर लिया था। इसके अलावा ये लोग फिदाइन हमलों में इस्तेमाल होने वाला जैकेट भी बरामद किया गया है। इनके ठिकानों से 12 पिस्तौल और 150 कारतूस भी बरामद किये गए है। इनके पास से मिले बड़ी मात्रा में आइएसआइएस से जुड़े आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं। जिससे इन माड्यूल के आइएसआइएस से प्रेरित होने की बात साबित होती है।

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