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नाबालिग को भगाकर मंदिर में की शादी, कोर्ट ने रिश्‍ते को खारिज कर दी ये सजा

अदालत ने कहा कि बच्चे समाज व राष्ट्र की महत्वपूर्ण संपत्ति हैं। किसी भी राष्ट्र का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि उस राष्ट्र में बच्चे किस माहौल में और कैसे विकसित हो रहे हैं।

By Edited By: Updated: Thu, 27 Dec 2018 03:30 PM (IST)
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नाबालिग को भगाकर मंदिर में की शादी, कोर्ट ने रिश्‍ते को खारिज कर दी ये सजा
दिल्ली [विवेक त्यागी]। रिश्तों का कत्ल करने वाले दुष्कर्मी रिश्तेदार को विशेष पॉक्सो एक्ट के न्यायाधीश बलवंत राय बंसल की अदालत ने 10 साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। घटना महरौली थाना क्षेत्र में वर्ष 2013 में हुई थी।

क्या था मामला
वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी इंद्र कुमार ने बताया कि कोलकाला के बोवाली मंडल रोड का रहने वाला शौरिक मंडल जनवरी 2013 में काम से सिलसिले में दिल्ली आया था। वह यहां महरौली थाना क्षेत्र स्थित एक कॉलोनी में रिश्तेदार के यहां रहता था। रिश्तेदार व उसकी पत्नी दोनों नौकरी करते थे। घर में उनकी 12 वर्षीय बेटी रहती थी।

शादीशुदा है आरोपित
आरोप है कि शादीशुदा शौरिक ने रिश्तों का कत्ल करते हुए नाबालिग को भगाकर ले गया। पीड़िता के पिता ने 31 मार्च, 2013 को महरौली थाने में आरोपित के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया था। जांच के दौरान पुलिस ने आरोपित को हैदराबाद से गिरफ्तार कर नाबालिग को बरामद किया।

नाबालिग को भगा कर मंदिर में की शादी
दोनों साथ में रहते थे और आरोपित ने लड़की से मंदिर में शादी कर ली थी। वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी इंद्र कुमार ने बताया अदालत ने इस शादी को खारिज कर दिया। अभियोजन व बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने शौरिक मंडल को 10 साल कैद व 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

पीड़िता को दें मुआवजा
अदालत ने दिल्ली लीगल सर्विस अथॉरिटी को पीड़िता को दो लाख रुपये बतौर मुआवजा देने के आदेश भी दिए हैं। वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी के मुताबिक अदालत ने कहा कि बच्चे समाज व राष्ट्र की महत्वपूर्ण संपत्ति हैं। किसी भी राष्ट्र का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि उस राष्ट्र में बच्चे किस माहौल में और कैसे विकसित हो रहे हैं। लिहाजा बच्ची को भगा ले जाने व दुष्कर्म के दोषी को सजा में कोई रियायत नहीं दी जा सकती है।

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