UP: नोएडा में नमाज के बाद अब ग्रेटर नोएडा में श्रीमद्भागवत कथा पर रोक, मचा हंगामा
ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने बिना अनुमति लगाए गए इस भूखंड से तंबू, मंच और लाउडस्पीकर हटवा दिए। इसको लेकर विशेष समुदाय में खासा रोष है।
By JP YadavEdited By: Updated: Thu, 27 Dec 2018 10:26 AM (IST)
नोएडा, जेएनएन। दिल्ली से सटा यूपी का गौतमबुद्धनगर जिला इन दिनों सार्वजनिक स्थानों पर नियमों के खिलाफ धार्मिक आयोजनों के लिए चर्चित हो रहा है। कुछ दिन पहले जहां नोएडा में सरकारी पार्क पर नमाज पढ़ने की पाबंदी लगाई गई, वहीं अब ग्रेटर नोएडा में सरकारी जमीन पर होने जा रही श्रीमद्भागवत कथा को रोक दिया गया है। इसको लेकर विशेष समुदाय में खासा रोष है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, ग्रेटर नोएडा के आवासीय सेक्टर-37 में 26 दिसंबर (बुधवार) से नौ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा की शुरुआत होनी थी। यह जमीन प्राधिकरण की है। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने बिना अनुमति हो रही श्रीमद्भागवत कथा की बात बताई और बुधवार सुबह ही इस भूखंड से तंबू, मंच और लाउडस्पीकर हटवा दिए। प्राधिकरण की इस कार्रवाई का आयोजकों ने जमकर विरोध किया। कुछ महिलाओं ने तो धरना प्रदर्शन तक किया। प्राधिकरण के विशेष कार्याधिकारी सचिन सिंह की मानें तो उन्हें कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं दी गई। यदि वे इसे फिर भी करते हैं तो यह गैर कानूनी होगा।
ग्रेटर नोएडा (प्रथम) के क्षेत्राधिकारी निशंक शर्मा ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा की गई इस कार्रवाई से उसका कोई लेना-देना नहीं है। यह कार्रवाई प्राधिकरण अधिकारियों तथा प्राधिकरण से संबद्ध पुलिसकर्मियों ने की है।यह है पूरा मामला
ग्रेटर नोएडा सेक्टर-37 में बुधवार को उस वक्त तनाव की स्थिति पैदा हो गई, जब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अतिक्रमणकारी दस्ते ने मंदिर के लिए अवैध रूप से कब्जा की गई जमीन पर बने टेंट को हटा दिया। देखते ही देखते सैकड़ों सेक्टरवासी मौके पर जमा हो गए। इस दौरान विवाद काफी विवाद बढ़ गया।
ग्रेटर नोएडा सेक्टर-37 में बुधवार को उस वक्त तनाव की स्थिति पैदा हो गई, जब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अतिक्रमणकारी दस्ते ने मंदिर के लिए अवैध रूप से कब्जा की गई जमीन पर बने टेंट को हटा दिया। देखते ही देखते सैकड़ों सेक्टरवासी मौके पर जमा हो गए। इस दौरान विवाद काफी विवाद बढ़ गया।
प्राधिकरण अधिकारियों के मुताबिक करीब दो वर्ष पहले से ही मंदिर के नाम पर सेक्टर की जमीन पर अवैध कब्जे की कोशिश की जा रही थी। इसी क्रम में स्थानीय लोगों ने भगवान की मूर्तियां भी स्थापित कर दी थीं, लेकिन गाहे-बगाहे सेक्टरवासी प्राधिकरण से मंदिर के लिए जमीन की मांग भी कर रहे थे।कुछ लोगों ने श्रीमद्भागवत कथा के बहाने विधिवत मूर्ति स्थापित करने की योजना बनाई। इसके तहत सेक्टर में पंडाल लगाया गया था। इसकी जानकारी मिलते ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक यशपाल सिंह के निर्देश पर बुधवार सुबह अतिक्रमण हटाओ दस्ता सेक्टर में पहुंचा और भागवत कथा के लिए लगा टेंट हटा दिया। मामले की जानकारी मिलते ही मौके पर सैकड़ों सेक्टरवासी जमा हो गए और प्राधिकरण की कार्रवाई का विरोध करने लगे। हालांकि, विवाद बढ़ने पर स्थानीय लोगों ने बीच बचाव किया और मामले को शांत किया।
नमाज को लेकर भी उठ चुका है विवाद
गौरतलब है कि पिछले दिनों बिना इजाजत नोएडा सेक्टर-58 स्थित कुछ कंपनियों के कर्मचारियों द्वारा एक पार्क में जुमे की नमाज पढ़े जाने को लेकर नोएडा पुलिस ने नोटिस भेजा था, इसको लेकर हंगामा मचा हुआ है। स्थानीय लोगों की शिकायत पर 23 कंपनियों को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि पार्क जैसे सार्वजनिक स्थल का इस्तेमाल धार्मिक गतिविधियों के लिए नहीं किया जा सकता। कंपनियां अपने कर्मचारियों को नहीं रोकतीं, तो इसके लिए उन्हें जिम्मेदार माना जाएगा और उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। पार्क में किसी तरह के धार्मिक आयोजन के लिए प्रशासन की इजाजत लेनी होगी। वहीं, नोटिस को लेकर कंपनी के कर्मचारियों में बढ़ते गुस्से के बाद मंगलवार को नोएडा के जिलाधिकारी बीएन सिंह और एसएसपी डॉ. अजय पाल ने साफ किया कि नोटिस भेजने का मकसद किसी विशेष धर्म को मानने वालों की भावनाएं आहत करना नहीं है। अभी प्रशासन से कार्यक्रम की इजाजत नहीं मिली है, इसलिए नोटिस भेजा गया है। गौरतलब है कि सेक्टर-58 स्थित एक पार्क में फरवरी 2013 से प्रत्येक शुक्रवार को नमाज पढ़ी जा रही थी। पहले इसमें शामिल होने वालों की संख्या कम थी, जो बीते कुछ दिनों से काफी बढ़ चुकी है। कोतवाली प्रभारी इंस्पेक्टर पंकज राय ने बताया कि सात दिसंबर को स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत की। इसमें कहा गया कि हर हफ्ते होने वाले इस धार्मिक आयोजन से उन्हें परेशानी हो रही है।पुलिस ने आयोजकों से कहा कि प्रशासन की अनुमति के बिना धार्मिक आयोजन नहीं कर सकते। कुछ लोगों ने सिटी मजिस्ट्रेट से अनुमति के लिए आवेदन किया है, जो अभी तक मिली नहीं है। इसके बावजूद 14 दिसंबर को लोग पार्क में नमाज पढ़ने के लिए जुटे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मुफ्ती नोमान अख्तर और आयोजक आदिल रशीद को शांति भंग की आशंका में गिरफ्तार कर लिया था, जिन्हें बाद में जमानत मिल गई। इसके बाद 23 कंपनियों के प्रबंधन को नोटिस जारी कर प्राधिकरण के पार्क में धार्मिक कार्यक्रम की अनुमति की इजाजत नहीं मिलने की जानकारी दी। सभी कंपनियों के लिए है यह सूचनाएसएसपी अजयपाल शर्मा के मुताबिक, नोएडा सेक्टर 58 में खुले स्थानों पर धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक लगाई गई है। इस नोटिस के संबंध में एसएसपी अजय पाल शर्मा का कहना है कि सेक्टर 58 में नोएडा प्राधिकरण का पार्क है। इस पार्क में धार्मिक आयोजन के लिए कुछ लोगों द्वारा इजाजत मांगी गई थी, लेकिन इसकी इजाजत अभी तक सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा जारी नहीं की गई है। इजाजत नहीं मिलने के बावजूद वहां भारी संख्या में लोग जुटे, ऐसे में उन्हें बताया गया कि आयोजन की इजाजत अभी भी नहीं हुई है। यही सूचना सभी कंपनियों को भी दी गई है। यह है असली समस्यापुलिस की मानें तो सेक्टर 58 के इस पार्क में पहले से ही कुछ लोग शुक्रवार को नमाज पढ़ने जा रहे थे। देखा गया है कि पिछले कुछ हफ्तों से नमाज पढ़ने वालों की संख्या तेजी से इजाफा हुआ है। ऐसे में इस तरह की गतिविधि पर कुछ लोगों ने एतराज जताया है। इस बाबत सेक्टर 58 के एसएचओ पंकज के अनुसार ये निर्देश सभी के लिए हैं। दिल्ली-एनसीआर की महत्वपूर्ण खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।गौरतलब है कि पिछले दिनों बिना इजाजत नोएडा सेक्टर-58 स्थित कुछ कंपनियों के कर्मचारियों द्वारा एक पार्क में जुमे की नमाज पढ़े जाने को लेकर नोएडा पुलिस ने नोटिस भेजा था, इसको लेकर हंगामा मचा हुआ है। स्थानीय लोगों की शिकायत पर 23 कंपनियों को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि पार्क जैसे सार्वजनिक स्थल का इस्तेमाल धार्मिक गतिविधियों के लिए नहीं किया जा सकता। कंपनियां अपने कर्मचारियों को नहीं रोकतीं, तो इसके लिए उन्हें जिम्मेदार माना जाएगा और उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। पार्क में किसी तरह के धार्मिक आयोजन के लिए प्रशासन की इजाजत लेनी होगी। वहीं, नोटिस को लेकर कंपनी के कर्मचारियों में बढ़ते गुस्से के बाद मंगलवार को नोएडा के जिलाधिकारी बीएन सिंह और एसएसपी डॉ. अजय पाल ने साफ किया कि नोटिस भेजने का मकसद किसी विशेष धर्म को मानने वालों की भावनाएं आहत करना नहीं है। अभी प्रशासन से कार्यक्रम की इजाजत नहीं मिली है, इसलिए नोटिस भेजा गया है। गौरतलब है कि सेक्टर-58 स्थित एक पार्क में फरवरी 2013 से प्रत्येक शुक्रवार को नमाज पढ़ी जा रही थी। पहले इसमें शामिल होने वालों की संख्या कम थी, जो बीते कुछ दिनों से काफी बढ़ चुकी है। कोतवाली प्रभारी इंस्पेक्टर पंकज राय ने बताया कि सात दिसंबर को स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत की। इसमें कहा गया कि हर हफ्ते होने वाले इस धार्मिक आयोजन से उन्हें परेशानी हो रही है।पुलिस ने आयोजकों से कहा कि प्रशासन की अनुमति के बिना धार्मिक आयोजन नहीं कर सकते। कुछ लोगों ने सिटी मजिस्ट्रेट से अनुमति के लिए आवेदन किया है, जो अभी तक मिली नहीं है। इसके बावजूद 14 दिसंबर को लोग पार्क में नमाज पढ़ने के लिए जुटे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मुफ्ती नोमान अख्तर और आयोजक आदिल रशीद को शांति भंग की आशंका में गिरफ्तार कर लिया था, जिन्हें बाद में जमानत मिल गई। इसके बाद 23 कंपनियों के प्रबंधन को नोटिस जारी कर प्राधिकरण के पार्क में धार्मिक कार्यक्रम की अनुमति की इजाजत नहीं मिलने की जानकारी दी। सभी कंपनियों के लिए है यह सूचनाएसएसपी अजयपाल शर्मा के मुताबिक, नोएडा सेक्टर 58 में खुले स्थानों पर धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक लगाई गई है। इस नोटिस के संबंध में एसएसपी अजय पाल शर्मा का कहना है कि सेक्टर 58 में नोएडा प्राधिकरण का पार्क है। इस पार्क में धार्मिक आयोजन के लिए कुछ लोगों द्वारा इजाजत मांगी गई थी, लेकिन इसकी इजाजत अभी तक सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा जारी नहीं की गई है। इजाजत नहीं मिलने के बावजूद वहां भारी संख्या में लोग जुटे, ऐसे में उन्हें बताया गया कि आयोजन की इजाजत अभी भी नहीं हुई है। यही सूचना सभी कंपनियों को भी दी गई है। यह है असली समस्यापुलिस की मानें तो सेक्टर 58 के इस पार्क में पहले से ही कुछ लोग शुक्रवार को नमाज पढ़ने जा रहे थे। देखा गया है कि पिछले कुछ हफ्तों से नमाज पढ़ने वालों की संख्या तेजी से इजाफा हुआ है। ऐसे में इस तरह की गतिविधि पर कुछ लोगों ने एतराज जताया है। इस बाबत सेक्टर 58 के एसएचओ पंकज के अनुसार ये निर्देश सभी के लिए हैं। दिल्ली-एनसीआर की महत्वपूर्ण खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें